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जिस इलाके के लोग बनते थे नक्सली, उस इलाके के युवा अब बनेंगे डॉक्टर और इंजीनियर

लाल गढ़ पलामू में बदलाव की बयार बहने लगी है. जहां नक्सली मौत का खेल खेलते थे और आतंक के कांटे बोते थे, उस धरती पर जल्द ही युवा जीवन के फूल खिलाते नजर आएंगे. इसके लिए नीति आयोग और बायजूस ने पलामू समेत झारखंड के सात जिलों में पहल की है (NITI Ayog And BYJUS Initiative In Jharkhand).

NITI Ayog and BYJUS initiative in Jharkhand
नीति आयोग और बायजूस की झारखंड में पहल
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Published : Nov 11, 2022, 6:31 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 6:44 PM IST

पलामूः धरती को खून से सींच रहे नक्सली जहां मौत का खेल खेलते हैं अब वहां का युवा जीवन का फूल खिलाकर जवाब देगा. इसके लिए नीति आयोग और बायजूस ने पहल की है. इसके तहत अब यहां से डॉक्टर और इंजीनियर निकलेंगे. ये इलाके में खुशहाली के दूत बनेंगे (NITI Ayog And BYJUS Initiative In Jharkhand).

ये भी पढ़ें-राजधर्म के पथ पर संघर्षपूर्वक बढ़ रहे हैं सीएम हेमंत, झारखंड के विकास में पतंजलि देगा बड़ा योगदान, बाबा रामदेव का बयान

बता दें कि पलामू झारखंड का नक्सल प्रभावित जिला है. यहां से कई कुख्यात नक्सली निकले हैं. लेकिन जिले को खून से लथपथ कर रहे नक्सलियों को अब यहां के युवा आईना दिखाएंगे और डॉक्टर, इंजीनियर बनकर जीवन के फूल खिलाएंगे. इसके लिए नीति आयोग ने पहल की है और एजुकेशन कंपनी बायजूस के साथ समझौता किया है. इसके तहत हर साल चयनित छात्र-छात्राओं को आकाश बायजूस की ओर स्टडी मैटेरियल दिया जाएगा. साथ ही इन्हें ऑनलाइन नीट और आईआईटी की तैयारी कराई जाएगी.

देखें स्पेशल खबर

सात जिलों में योजनाः पिछड़े राज्य झारखंड में युवाओं को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने के लिए नीति आयोग ने बायजूस के साथ जो अनुबंध किया है, उसके तहत झारखंड के सात जिलों में युवाओं को बायजूस की ओर से तैयारी कराई जाएगी. नीति आयोग और बायजूस की पहल पर जिन जिलों में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, उनमें पलामू, रांची, दुमका, साहिबगंज, चाईबासा, गुमला और सिंहभूम शामिल है.

40 युवाओं का चयनः पलामू में पहले चरण में 40 युवाओं का चयन किया गया है, जिनमें 14 लड़कियां हैं. 40 में से 23 युवा अतिनक्सल प्रभावित इलाकों से हैं. 22 युवाओं का चयन मेडिकल, जबकि 18 का चयन इंजीनियरिंग एडमिशन की तैयारी के लिए हुआ है. ये युवा हरिहरगंज, खड़गपुर और नौडीहा बाजार के इलाके के हैं. ये दोनों इलाके नक्सल हिंसा और नक्सल कैडर के लिए चर्चित रहे हैं.

दोनों इलाकों से नक्सलियों के टॉप कैडर निकले हैं. नौडीहा बाजार की रहने वाली मुस्कान परवीन ने बताया कि यह उनके जीवन में बदलाव वाली पहल है, इससे वे बेहद खुश हैं. प्रशासनिक पहल पर उन्हें मेडिकल की पढ़ाई की तैयारी का मौका मिल रहा है. पलामू जिला शिक्षा अधीक्षक अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि प्रशासनिक तौर पर यह बेहतरीन पहल है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.



टैब उपलब्ध करायाः नीति आयोग के समझौते के आधार पर बायजूस युवाओं को स्टडी मैटेरियल और टैब उपलब्ध करा रहा है. पहले चरण में बायजूस ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले युवाओं को स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराया था. स्टडी मैटेरियल मिलने के बाद युवाओं का टेस्ट लिया गया, इसमें सफल युवाओं को तैयारी के लिए चयनित किया गया.

बायजूस की पूर्णिमा पांडेय ने बताया कि बायजूस ने आकाश के साथ मिलकर तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था कराई है. ऑनलाइन क्लास छूटने के बाद तैयारी करने वाले युवाओं को रिकार्डेड मैटेरियल भी उपलब्ध कराया जाएगा. बायजूस की तरफ से युवाओं को टैब भी दिया गया है. आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी युवाओं को इससे जोड़ा जा रहा है.

ये भी पढ़ें-1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और 27% ओबीसी आरक्षण विधेयक पास होने पर जश्न, आतिशबाजी भी की गई

हर वर्ष चलेगा अभियानः पहले चरण में इस अभियान की शुरुआत पलामू से हुई है. नक्सल प्रभावित इलाके के आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं का टेस्ट लिया गया था. इस टेस्ट में सफल युवाओं को अभियान से जोड़ा गया है. पलामू की उप विकास आयुक्त मेघा भारद्वाज ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा युवाओं और बायजूस को इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जा रहा है. अभियान के तहत युवाओं को नीट और जेई एडवांस की तैयारी कराई जाएगी. प्रत्येक वर्ष इस अभियान को चलाया जाएगा.


नक्सल इलाके से चयनित युवा बदलाव के बनेंगे वाहकः पहले चरण में जिन युवाओं का चयन किया गया है, उनमें 13 अतिनक्सल प्रभावित इलाके से हैं. जिन इलाकों के युवा चयनित हुए हैं, उस इलाके से पिछले दो दशक में 63 से अधिक नक्सल कैडर निकल कर सामने आए हैं. जिनमें से 30 के करीब न्यायिक हिरासत में जेल के अंदर हैं. हरिहरगंज खड़गपुर का इलाका किसी जमाने में माओवादियों का गढ़ माना जाता था, अब हरिहरगंज इलाके में बदलाव आ रहा है.

पलामूः धरती को खून से सींच रहे नक्सली जहां मौत का खेल खेलते हैं अब वहां का युवा जीवन का फूल खिलाकर जवाब देगा. इसके लिए नीति आयोग और बायजूस ने पहल की है. इसके तहत अब यहां से डॉक्टर और इंजीनियर निकलेंगे. ये इलाके में खुशहाली के दूत बनेंगे (NITI Ayog And BYJUS Initiative In Jharkhand).

ये भी पढ़ें-राजधर्म के पथ पर संघर्षपूर्वक बढ़ रहे हैं सीएम हेमंत, झारखंड के विकास में पतंजलि देगा बड़ा योगदान, बाबा रामदेव का बयान

बता दें कि पलामू झारखंड का नक्सल प्रभावित जिला है. यहां से कई कुख्यात नक्सली निकले हैं. लेकिन जिले को खून से लथपथ कर रहे नक्सलियों को अब यहां के युवा आईना दिखाएंगे और डॉक्टर, इंजीनियर बनकर जीवन के फूल खिलाएंगे. इसके लिए नीति आयोग ने पहल की है और एजुकेशन कंपनी बायजूस के साथ समझौता किया है. इसके तहत हर साल चयनित छात्र-छात्राओं को आकाश बायजूस की ओर स्टडी मैटेरियल दिया जाएगा. साथ ही इन्हें ऑनलाइन नीट और आईआईटी की तैयारी कराई जाएगी.

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सात जिलों में योजनाः पिछड़े राज्य झारखंड में युवाओं को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने के लिए नीति आयोग ने बायजूस के साथ जो अनुबंध किया है, उसके तहत झारखंड के सात जिलों में युवाओं को बायजूस की ओर से तैयारी कराई जाएगी. नीति आयोग और बायजूस की पहल पर जिन जिलों में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, उनमें पलामू, रांची, दुमका, साहिबगंज, चाईबासा, गुमला और सिंहभूम शामिल है.

40 युवाओं का चयनः पलामू में पहले चरण में 40 युवाओं का चयन किया गया है, जिनमें 14 लड़कियां हैं. 40 में से 23 युवा अतिनक्सल प्रभावित इलाकों से हैं. 22 युवाओं का चयन मेडिकल, जबकि 18 का चयन इंजीनियरिंग एडमिशन की तैयारी के लिए हुआ है. ये युवा हरिहरगंज, खड़गपुर और नौडीहा बाजार के इलाके के हैं. ये दोनों इलाके नक्सल हिंसा और नक्सल कैडर के लिए चर्चित रहे हैं.

दोनों इलाकों से नक्सलियों के टॉप कैडर निकले हैं. नौडीहा बाजार की रहने वाली मुस्कान परवीन ने बताया कि यह उनके जीवन में बदलाव वाली पहल है, इससे वे बेहद खुश हैं. प्रशासनिक पहल पर उन्हें मेडिकल की पढ़ाई की तैयारी का मौका मिल रहा है. पलामू जिला शिक्षा अधीक्षक अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि प्रशासनिक तौर पर यह बेहतरीन पहल है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.



टैब उपलब्ध करायाः नीति आयोग के समझौते के आधार पर बायजूस युवाओं को स्टडी मैटेरियल और टैब उपलब्ध करा रहा है. पहले चरण में बायजूस ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले युवाओं को स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराया था. स्टडी मैटेरियल मिलने के बाद युवाओं का टेस्ट लिया गया, इसमें सफल युवाओं को तैयारी के लिए चयनित किया गया.

बायजूस की पूर्णिमा पांडेय ने बताया कि बायजूस ने आकाश के साथ मिलकर तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था कराई है. ऑनलाइन क्लास छूटने के बाद तैयारी करने वाले युवाओं को रिकार्डेड मैटेरियल भी उपलब्ध कराया जाएगा. बायजूस की तरफ से युवाओं को टैब भी दिया गया है. आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी युवाओं को इससे जोड़ा जा रहा है.

ये भी पढ़ें-1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और 27% ओबीसी आरक्षण विधेयक पास होने पर जश्न, आतिशबाजी भी की गई

हर वर्ष चलेगा अभियानः पहले चरण में इस अभियान की शुरुआत पलामू से हुई है. नक्सल प्रभावित इलाके के आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं का टेस्ट लिया गया था. इस टेस्ट में सफल युवाओं को अभियान से जोड़ा गया है. पलामू की उप विकास आयुक्त मेघा भारद्वाज ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा युवाओं और बायजूस को इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जा रहा है. अभियान के तहत युवाओं को नीट और जेई एडवांस की तैयारी कराई जाएगी. प्रत्येक वर्ष इस अभियान को चलाया जाएगा.


नक्सल इलाके से चयनित युवा बदलाव के बनेंगे वाहकः पहले चरण में जिन युवाओं का चयन किया गया है, उनमें 13 अतिनक्सल प्रभावित इलाके से हैं. जिन इलाकों के युवा चयनित हुए हैं, उस इलाके से पिछले दो दशक में 63 से अधिक नक्सल कैडर निकल कर सामने आए हैं. जिनमें से 30 के करीब न्यायिक हिरासत में जेल के अंदर हैं. हरिहरगंज खड़गपुर का इलाका किसी जमाने में माओवादियों का गढ़ माना जाता था, अब हरिहरगंज इलाके में बदलाव आ रहा है.

Last Updated : Nov 11, 2022, 6:44 PM IST
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