नई दिल्ली: गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में मंगलवार को फिर से देश के जीडीपी का मुद्दा उठाया है. उन्होंने सोमवार को दिए अपने बयान को लेकर कहा कि हमारे बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर लोग गाली देने लगे हैं.
बीजेपी सांसद ने इसे लेकर लोकसभा स्पीकर से सोशल मीडिया पर बैन लगाने की मांग की. लोकसभा में उन्होंने कहा कि देश में जब आर्टिकल 105 बनाया गया था, तब न ही सोशल मीडिया था और न ही ब्रेकिंग न्यूज. निशिकांत दुबे ने कहा कि मैंने सोमवार को लोकसभा में जीडीपी पर चर्चा की थी, जिसमें जीडीपी बनाने वाले साइमन कुजनेट्स की 1934 की रिपोर्ट को कोट किया था. उन्होंने कहा कि जीडीपी बनाने वाले खुद अपनी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थे, जिसे लेकर दुनिया भर में चर्चा चल रही है.
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निशिकांत दुबे ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने भी अपनी एक रिपोर्ट में जीडीपी का कोई पैमाना नहीं माना है. उन्होंने कहा कि मैंने लोकसभा में जो भी बात कहा है वो प्रत्यक्ष के साथ कहा है.
सोमवार को लोकसभा में दिया था जीडीपी पर बयान
बीजेपी सांसद ने सोमवार को लोकसभा में जीडीपी पर चर्चा करते हुए कहा था, कि 1934 से पहले कोई जीडीपी नहीं था. उन्होंने कहा था कि जीडीपी को बाइबल, रामायण या महाभारत मान लेना सही नहीं है, भविष्य में इसका बहुत ज्यादा उपयोग भी नहीं होने वाला है. उन्होंने जीडीपी से ज्यादा जरूरी आम आदमी का स्थायी आर्थिक कल्याण को बताया था, जिसे लेकर लोकसभा में जबरदस्त हंगामा भी हुआ था.