रांची: पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से जुड़े टेरर फंडिंग के मामले में एनआईए ने शुक्रवार को रांची की एनआईए की विशेष अदालत में पूरक चार्जशीट दायर कर दी है.
एनआईए ने दिनेश गोप की पहली पत्नी शकुंतला देवी, दूसरी पत्नी हीरा देवी उर्फ अनिता देवी, खूंटी निवासी जयप्रकाश सिंह भूईंया, अमित जायसवाल, गुमला के फुलेश्वर गोप और तीन शेल कंपनियों मेसर्स भाव्या इंजीकॉन प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स शिव आदिशक्ति मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. पीएलएफआई के लेवी के पैसों का निवेश दिनेश गोप की पत्नी और उसके सहयोगियों के द्वारा इन कंपनियों में किया जाता था.
क्या है चार्जशीट में
एनआईए के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप की पत्नी शकुंतला देवी ने पूर्व में गिरफ्तार पीएलएफआई के निवेशक सुमंत कुमार के साथ मिलकर तीनों शेल कंपनियां बनाई थीं. इसके अलावा एक अन्य अनरजिस्टर्ड कंपनी पलक इंटरप्राइजेज शकुंतला देवी ने अपने निदेशन में खोली थी. दिनेश गोप के निर्देश पर इन कंपनियों में हीरा देवी, फुलेश्वर गोप और अन्य आरोपियों को भी निदेशक बनाया गया था. इन सभी कंपनियों में लेवी के पैसों का निवेश होता था. कंपनियों के बैंक खातों में भी लेवी का पैसा जमा कराया जाता था. इसके बाद कंपनी के नाम पर अचल संपत्ति, महंगी गाड़ियों की भी खरीद की गई थी.
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निजी बैंक खातों में भी जमा कराए पैसे
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, दिनेश गोप और चार्जशीटेड पांच आरोपियों ने लेवी के पैसे शकुंतला देवी, हीरा देवी के निजी बैंक खातों में भी जमा कराए थे. एनआईए ने दिनेश गोप की पत्नियों के बैंक खातों से 19 लाख 93 हजार 817 रुपये और 25 लाख की अधिक कीमत की कारें जब्त की हैं. एनआईए ने दिनेश गोप की पत्नियों को 30 जनवरी को हावड़ा, जयप्रकाश भूईया, अमित जायसवाल को 2 मार्च को खूंटी से जबकि फुलेश्वर गोप को 17 जुलाई को गुमला से गिरफ्तार किया था. बता दें कि एनआईए ने पूर्व में इस मामले में सात आरोपियों पर चार्जशीट की थी. वहीं, 90 लाख रुपये नगदी और इंवेस्टमेंट संबंधी कई कागजात जब्त किए गए थे. नोटबंदी के बाद दिनेश गोप के 25.38 लाख रुपये के पुराने नोट एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जाम कराए जा रहे थे. इस मामले में बेड़ो थाना में केस दर्ज किया गया था. एनआईए ने एक जनवरी 2018 को इस केस को टेकओवर कर जांच शुरू की थी, जिसके बाद निवेश संबंधी कई खुलासे हुए थे.