रांची: झारखंड गठन के बाद पहली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर नया सचिवालय भवन बनने जा रहा है. एचईसी परिसर स्थित स्मार्टसिटी परिसर में भव्य और आकर्षक सचिवालय भवन बनेगा. भवन निर्माण के लिए परामर्शी और डिजायन के लिए देश की दो प्रतिष्ठित कंपनियों ने प्रेजेंटेशन किया. जुडको के सभागार में शुक्रवार को प्रेजेंटेशन निविदा समिति के समक्ष किया गया.
10 लाख स्क्वायर फीट में सचिवालय भवन बनाने का प्रस्ताव
एचईसी परिसर में स्मार्टसिटी के तहत पूर्व में प्रस्तावित कंवेशन सेंटर के स्थान पर सचिवालय भवन बनाने का पहले ही निर्णय लिया जा चुका है. लगभग 9 एकड़ उपलब्ध भूमि पर 10 लाख स्क्वायर फीट में सचिवालय भवन बनाने का प्रस्ताव दोनों कंपनियों ने दिया है. सचिवालय भवन के निर्माण, फर्निनिशिंग, गार्डेनिंग और पार्किंग पर 450 से 500 करोड़ रुपये व्यय का अनुमान कंपनियों ने दर्शाया है.
सचिवालय भवन दो खंडों में बनेगा. दोनों खंड प्रथम मंजिल से प्लाजा के माध्यम से जुड़े रहेंगे. प्रथम खंड 4 मंजिल का होगा, जबकि दूसरा खंड 9 मंजिल का होगा. 9 मंजिल वाले खंड में मुख्यमंत्री और उनसे संबंधित सभी कार्यालय होंगे. दोनों खंडों की छतों पर छोटे-छोटे गार्डन भी बनाने का प्रावधान दिखाया गया है. छतों पर पाइप और टंकियां नहीं दिखायी देंगी.
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सभी वर्गों के लिए बनेगा अलग-अलग प्रवेश मार्ग
9 मंजिला खंड वाले में ही मुख्यसचिव, विकास आयुक्त, वित्त सचिव, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार सचिव, कैबिनेट सचिव के कार्यालय बनाये जाने का प्रस्ताव कंपनियों ने दिया है. कुछ प्रमुख विभाग भी इस खंड में रहेंगे. शेष विभाग और अन्य कार्यालय चार मंजिल वाले खंड में रहेंगे. सभी वर्गों के लिए अलग-अलग प्रवेश मार्ग भी बनेगा. वीआईपी और वीवीआईपी के लिए प्रवेश मार्ग अलग रहेगा. छतों पर गार्डन के अलावा सौर ऊर्जा का भी प्रावधान किया जाएगा.
त्रिस्तरीय होगी सुरक्षा व्यवस्था
मंत्रियों के लिए क्षेत्र भी अलग से रहेगा. कोर्टयार्ड बनेगा, जिससे बाहर से प्राकृतिक प्रकाश भी भवन में आती रहेगी. सम्मेलन कक्ष और प्रतिक्षालय का प्रावधान किया गया है. त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पौधारोपण भी होगा. जल और अपशिष्ट प्रबंध के भी इंतजाम रहेंगे. परामर्शी और डिजायन बनाने के लिए मेसर्स सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट नई दिल्ली और मेसर्स कोठारी एसोसियेट्स प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली ने प्रस्तुतिकरण किया. सबसे खास बात यह है कि पूर्व में बने कंवेशन सेंटर के निर्माण कार्य का उपयोग नये भवन में किया जायेगा, उसे हटाना नहीं पड़ेगा.