रांची: कोरोना के मद्देनजर पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लागू है. इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की बड़े पैमाने पर अपील की जा रही है, लेकिन राजधानी में ही इसका पालन नहीं हो रहा है. इसका उदाहरण पंडरा बाजार समिति में देखा जा सकता है. पंडरा बाजार खुदरा व्यवसायियों के लिए खोला गया है और सामान मुहैया करवाया जा रहा है.
यहां जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है. इसके साथ ही पंडरा बाजार समिति में दूसरे राज्यों से आने वाली मालवाहक गाड़ियों के सैनिटाइज की जिम्मेदारी थोक विक्रेताओं को दी गई है. ऐसे में पंडरा बाजार समिति कितना सुरक्षित है यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
दरअसल खाद्य पदार्थों के लिए राजधानी रांची में स्थित सबसे बड़ी मंडी पंडरा बाजार समिति से खुदरा व्यापारी खरीदारी कर रहे हैं. जिला प्रशासन की ओर से खुदरा व्यवसायियों को 10 बजे से 4 बजे तक सामान खरीदने की छूट दी गई थी.
इस दौरान आसपास के जिलों और कई इलाकों से सैकड़ों गाड़ियां पंडरा बाजार समिति सामान लेने पहुंच रही हैं, तो वहीं दूसरे राज्यों से भी सैकड़ों गाड़ियां भी बाजार समिति में सामान लेकर पहुंच रही हैं, जिसके बाद खुदरा व्यवसायियों को जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है.
वहीं, पंडरा बाजार समिति में सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों के सैनिटाइज की जिम्मेवारी थोक विक्रेताओं को दी गई है, जिसकी मॉनिटरिंग बाजार समिति के सचिव कंट्रोल रूम से कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों को किस तरह से सैनिटाइज किया जा रहा होगा.
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हालांकि, पंडरा बाजार समिति के सचिव अभिषेक आनंद ने साफ किया है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का प्रयास जारी है और थोक विक्रेताओं को सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने समेत दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
ऐसे में अगर थोक विक्रेताओं द्वारा इस निर्देश का पालन नहीं किया जाएगा, तो उनके लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं. इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार हो रही है. इसके साथ ही सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा है कि पंडरा बाजार में खाद्य सामग्रियों की कमी नहीं है. इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है और कालाबाजारी पर भी पैनी नजर रखी गयी है.