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नक्सलियों ने ट्रांसपोर्टरों को सुरक्षाबलों की मदद न करने की दी चेतावनी, कहा- पहले भी चुकाना पड़ा है खामियाजा

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 8, 2023, 5:44 PM IST

भाकपा माओवादियों के दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने एक पत्र जारी कर ग्रामीणों और वाहन चालकों को सुरक्षाबलों की मदद नहीं करने की चेतावनी दी गई है. पत्र में कहा गया है कि इससे पहले दी गई चेतावनी को नजरअंदाज किया गया जिसका खामियाजा उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ा. (Naxalites warn transporters not to help security forces)

Naxalites warn transporters not to help security forces in Kolhan
Naxalites warn transporters not to help security forces in Kolhan

रांची: कोल्हान में सुरक्षाबलों के लिए अनाज और दूसरे तरह के सामान ढोने के लिए अपने मालवाहक वाहन उपलब्ध करवाने वाले ट्रांसपोर्टर्स को लेकर नक्सलियों ने चेतावनी जारी की है. उन्हें सुरक्षा बलों से दूर रहने के लिए कहा गया है. नक्सलियों ने एक पत्र जारी कर वाहन मालिकों को यह चेतावनी दी है. उनका कहना है कि अगर सुरक्षा बलों के सामान ढोने के समय उनके वाहन लैंडमाइंस के शिकार होते हैं तो उसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे.

ये भी पढ़ें: नक्सलियों पर नकेल कसने की कवायदः बोकारो एसपी पहुंचे झुमरा, घेराबंदी की बनाई रणनीति

भाकपा माओवादियों के दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में अशोक ने 15 दिसंबर 2022, 18 जनवरी 2023 और 17 अप्रैल 2023 को दक्षिणी जोनल कमेटी की तरफ से ग्रामीण जनता को बूबी ट्रैप माइंस से सावधान करने के लिए कहा था. इसके अलावा यात्री वाहन के मालिकों से पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को ना ढोने और ना ही अपनी गाड़ी देने के लिए कहा गया था. शाम 6:00 बजे के बाद सुबह 6:00 बजे के पहले तक जंगली इलाकों से गुजरने वाले रोड पर न चलने की चेतावनी भी दी गई थी.

पत्र में लिखा गया है कि उनकी चेतावनी के बाद भी प्रतिक्रियावादी तत्व, पुलिस मुखबिर और पुलिस के बहकावे में आकर कुछ लोग कमेटी की अपील और निर्देश की अवहेलना कर मनमाने ढंग से जंगल में घुसे. जिसकी वजह से बूबी ट्रैप माइंस में फंसकर उनकी जान चली गई, कुछ लोग घायल भी हुए. इन सभी वारदातों के लिए कहीं से भी संगठन जिम्मेदार नहीं है क्योंकि इसके लिए उन्हें पूर्व में चेतावनी जारी की गई थी.

माओवादी प्रवक्ता के अनुसार एक बार फिर से संगठन की तरफ से ग्रामीणों के लिए पत्र जारी किया गया ताकि आगे वे पुलिस की मदद ना करें. इसके बावजूद अगर वह अपने वाहनों में पुलिस कर्मियों को बैठाते हैं या उनके सामान को ढोते हैं तो वे अपनी सुरक्षा को लेकर खुद जिम्मेदार होंगे.

पिछले 11 महीने के दौरान झारखंड के कोल्हान में पुलिस और नक्सलियों के बीच चल रहे वार में 16 ग्रामीणों की जान जा चुकी है. यही वजह है कि ग्रामीण भी अब नक्सलियों से दूर हो रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों को अपनी तरफ करने के लिए पत्र में कई तरह की बातें लिखी गई है. पत्र में लिखा गया है कि संगठन के दुश्मन गाड़ी चालक खलासी और ग्रामीण नहीं हैं.

नक्सलियों ने पत्र में यह भी लिखा है कि उनके निशाने पर अर्धसैनिक बल के आम जवान भी नहीं हैं. कोल्हान को नक्सलियों से मुक्त करवाने के लिए जिस तरह से एक अघोषित लड़ाई लड़ी जा रही है, वह उसका विरोध कर रहे हैं. कोल्हान को नक्सली मुक्त करवाने के नाम पर पुलिस के द्वारा अत्याचार किया जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण उनके साथ थे.

रांची: कोल्हान में सुरक्षाबलों के लिए अनाज और दूसरे तरह के सामान ढोने के लिए अपने मालवाहक वाहन उपलब्ध करवाने वाले ट्रांसपोर्टर्स को लेकर नक्सलियों ने चेतावनी जारी की है. उन्हें सुरक्षा बलों से दूर रहने के लिए कहा गया है. नक्सलियों ने एक पत्र जारी कर वाहन मालिकों को यह चेतावनी दी है. उनका कहना है कि अगर सुरक्षा बलों के सामान ढोने के समय उनके वाहन लैंडमाइंस के शिकार होते हैं तो उसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे.

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भाकपा माओवादियों के दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में अशोक ने 15 दिसंबर 2022, 18 जनवरी 2023 और 17 अप्रैल 2023 को दक्षिणी जोनल कमेटी की तरफ से ग्रामीण जनता को बूबी ट्रैप माइंस से सावधान करने के लिए कहा था. इसके अलावा यात्री वाहन के मालिकों से पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को ना ढोने और ना ही अपनी गाड़ी देने के लिए कहा गया था. शाम 6:00 बजे के बाद सुबह 6:00 बजे के पहले तक जंगली इलाकों से गुजरने वाले रोड पर न चलने की चेतावनी भी दी गई थी.

पत्र में लिखा गया है कि उनकी चेतावनी के बाद भी प्रतिक्रियावादी तत्व, पुलिस मुखबिर और पुलिस के बहकावे में आकर कुछ लोग कमेटी की अपील और निर्देश की अवहेलना कर मनमाने ढंग से जंगल में घुसे. जिसकी वजह से बूबी ट्रैप माइंस में फंसकर उनकी जान चली गई, कुछ लोग घायल भी हुए. इन सभी वारदातों के लिए कहीं से भी संगठन जिम्मेदार नहीं है क्योंकि इसके लिए उन्हें पूर्व में चेतावनी जारी की गई थी.

माओवादी प्रवक्ता के अनुसार एक बार फिर से संगठन की तरफ से ग्रामीणों के लिए पत्र जारी किया गया ताकि आगे वे पुलिस की मदद ना करें. इसके बावजूद अगर वह अपने वाहनों में पुलिस कर्मियों को बैठाते हैं या उनके सामान को ढोते हैं तो वे अपनी सुरक्षा को लेकर खुद जिम्मेदार होंगे.

पिछले 11 महीने के दौरान झारखंड के कोल्हान में पुलिस और नक्सलियों के बीच चल रहे वार में 16 ग्रामीणों की जान जा चुकी है. यही वजह है कि ग्रामीण भी अब नक्सलियों से दूर हो रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों को अपनी तरफ करने के लिए पत्र में कई तरह की बातें लिखी गई है. पत्र में लिखा गया है कि संगठन के दुश्मन गाड़ी चालक खलासी और ग्रामीण नहीं हैं.

नक्सलियों ने पत्र में यह भी लिखा है कि उनके निशाने पर अर्धसैनिक बल के आम जवान भी नहीं हैं. कोल्हान को नक्सलियों से मुक्त करवाने के लिए जिस तरह से एक अघोषित लड़ाई लड़ी जा रही है, वह उसका विरोध कर रहे हैं. कोल्हान को नक्सली मुक्त करवाने के नाम पर पुलिस के द्वारा अत्याचार किया जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण उनके साथ थे.

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