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निजीकरण और नए श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल, झारखंड में कोयला उत्पादन-पत्थर खनन रहा ठप

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Published : Nov 26, 2020, 8:08 PM IST

निजीकरण और केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के खिलाफ गुरुवार को मजदूरों-कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल की. इस दौरान झारखंड में खनन, बैंकिंग, बीमा समेत तमाम क्षेत्रों के श्रमिकों कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की. कर्मचारियों-मजदूरों ने काम बंद रख प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन किया. रामगढ़ में कोयला उत्पादन और परिवहन पूरी तरह से ठप रहा. पाकुड़ में कर्मचारियों ने पत्थर उद्योग में कामकाज ठप करा दिया.

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

रामगढ़: निजीकरण और केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के खिलाफ गुरुवार को मजदूरों-कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल की. इस दौरान झारखंड में खनन, बैंकिंग, बीमा समेत तमाम क्षेत्रों के श्रमिकों कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की. इधर केंद्र सरकार के श्रम कानूनों और कमर्शियल माइनिंग नीति को लेकर गुरुवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन ने हड़ताल की. कर्मचारियों की बंदी के कारण रामगढ़ की कोलियरियों में कोयला उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग कार्य ठप रहा. इससे यहां की प्रसिद्ध कंपनी सीसीएल को करोड़ों रुपयों का नुकसान होने की आशंका है.

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

रामगढ़ जिले में सीसीएल की कोलियरियों में हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने के उद्देश्य संयुक्त मोर्चा के नेताओं और समर्थकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी. रामगढ़ जिले के सीसीएल की रजरप्पा, कुज्जु, बरका-सयाल, चरही, क्षेत्र के सभी कोलियरियों में लोडिंग और अनलोडिंग का कार्य पूरी तरह से ठप रहा. इस दौरान तमाम ट्रेड यूनियन के नेता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार और कोल इंडिया के खिलाफ नारेबाजी भी करते रहे. इससे यहां हजारों ट्रक और बड़ी-बड़ी मशीनों का चक्का थमा रहा.

ये भी पढ़ें-लेबर कोड के विरोध में झारखंड में मजदूर सड़क पर उतरे, श्रम कानूनों में बदलाव का किया विरोध

पाकुड़ में सीपीआईएम के बैनर तले प्रदर्शन, व्यापारियों को लाखों के नुकसान की आशंका


पाकुड़ : केंद्र सरकार के नीतियों के खिलाफ जिला मुख्यालय पर सीपीआईएम के बैनर तले कई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने जिले के मालपहाड़ी पत्थर उद्योग को बंद करा दिया. इस कारण पत्थर व्यवसायियों को लाखों रुपये के नुकसान की आशंका है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सीटू के जिला सचिव मानिक दुबे ने बताया कि पूरे देश में आज केंद्र सरकार के नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. हालांकि पाकुड़ जिले में ट्रेड यूनियनों के हड़ताल और प्रदर्शन का परिवहन पर कोई असर नजर नहीं आया.

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

कोडरमा में बैंकों में लटका रहा ताला, धरने पर बैठे रहे कर्मचारी

कोडरमा: श्रमिक संगठनों के देशव्यापी बंद के चलते कोडरमा में निजी बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा कई बैंकों के कर्मचारियों ने धरना दिया. कोडरमा के झुमरी तिलैया में बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष बैंक कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की. इसके अलावा डाककर्मियों ने भी झुमरी तिलैया पोस्ट ऑफिस के पास विरोध प्रदर्शन किया. एलआईसीकर्मी भी एलआईसी कार्यालय के समक्ष हड़ताल पर बैठे रहे. बीमा कर्मियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. वहीं बैंक कर्मियों के हड़ताल पर रहने के कारण बैंकों में ताला लटका रहा.

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल
कोल्हान के बैंकों की 400 शाखाओं में ट्रांजेक्शन लटका

जमशेदपुरः केंद्रीय ट्रेड यूनियन और स्वतंत्र फेडरेशन के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत पूर्वी सिंहभूम जिले में हड़ताल रही. इसमें बैंक, इंश्योरेंस समेत कई क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित रहा. कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान बिल का विरोध हम कर रहे हैं. साथ ही सरकार द्वारा बैंक और इंश्योरेंस क्षेत्र के निजीकरण का भी विरोध कर रहे हैं. हमारी मांग है कि सभी कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा दी जाए, पुरानी पेंशन नीति को लागू की जाए. ट्रेड यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गिरीश ओझा ने बताया है कि कोल्हान में 400 के लगभग बैंक की शाखाएं बंद रहीं, जिससे कोल्हान में बैंक और इन्सुरेंस को मिलाकर करीब 40 करोड़ के ट्रांजेक्शन प्रभावित हुआ है.

ये भी पढ़ें-ट्रेड यूनियन की हड़तालः बोकारो स्टील प्लांट में स्ट्राइक का असर, मुख्य गेट के पास यूनियन नेताओं को रोका

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

सरायकेला: केंद्र सरकार की नई श्रम नीति के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन और विभिन्न बैंक कर्मचारी गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे, इस हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन और बैंक कर्मचारी संघ शामिल रहे. हड़ताल से बैंक और अन्य सरकारी सेवा, वित्तीय सेवा, स्टील कारखाना आदि में कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित हुआ. गुरुवार सुबह से ही बैंककर्मी और मजदूर संगठन अपने-अपने संस्थानों के बाहर कामकाज ठप कर प्रदर्शन करते दिखे. इधर जियाडा परिसर स्थित एलआईसी कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने मांगों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

गिरिडीह में कर्मचारियों ने निकाली रैली, बगोदर विधायक ने किया हड़ताल का समर्थन

गिरिडीह:अनुबंध कर्मचारियों ने हड़ताल के समर्थन में गुरुवार को बगोदर बाजार में रैली निकाली. बाद में बगोदर बस स्टैंड में सभा की गई. मोटर कामगार यूनियन, झारखंड मजदूर किसान सभा सहित अन्य संगठनों ने अनुबंधित कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया. बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने अनुबंध कर्मचारियों के हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार अनुबंधित कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है. इस दौरान पारा शिक्षक संघ, आगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ, पोषण सखी, मनरेगा कर्मचारी संघ, सीआरपी-बीआरपी संघ, रसोइया संघ, सहियाकर्मी संघ, जल सहियाकर्मी संघ, स्वच्छ भारत मिशन कर्मी संघ आदि हड़ताल पर रहे. सभा की अध्यक्षता मोटर कामगार यूनियन के प्रखंड सचिव योगेश्वर साव व संचालन पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने की.

रामगढ़: निजीकरण और केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के खिलाफ गुरुवार को मजदूरों-कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल की. इस दौरान झारखंड में खनन, बैंकिंग, बीमा समेत तमाम क्षेत्रों के श्रमिकों कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की. इधर केंद्र सरकार के श्रम कानूनों और कमर्शियल माइनिंग नीति को लेकर गुरुवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन ने हड़ताल की. कर्मचारियों की बंदी के कारण रामगढ़ की कोलियरियों में कोयला उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग कार्य ठप रहा. इससे यहां की प्रसिद्ध कंपनी सीसीएल को करोड़ों रुपयों का नुकसान होने की आशंका है.

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

रामगढ़ जिले में सीसीएल की कोलियरियों में हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने के उद्देश्य संयुक्त मोर्चा के नेताओं और समर्थकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी. रामगढ़ जिले के सीसीएल की रजरप्पा, कुज्जु, बरका-सयाल, चरही, क्षेत्र के सभी कोलियरियों में लोडिंग और अनलोडिंग का कार्य पूरी तरह से ठप रहा. इस दौरान तमाम ट्रेड यूनियन के नेता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार और कोल इंडिया के खिलाफ नारेबाजी भी करते रहे. इससे यहां हजारों ट्रक और बड़ी-बड़ी मशीनों का चक्का थमा रहा.

ये भी पढ़ें-लेबर कोड के विरोध में झारखंड में मजदूर सड़क पर उतरे, श्रम कानूनों में बदलाव का किया विरोध

पाकुड़ में सीपीआईएम के बैनर तले प्रदर्शन, व्यापारियों को लाखों के नुकसान की आशंका


पाकुड़ : केंद्र सरकार के नीतियों के खिलाफ जिला मुख्यालय पर सीपीआईएम के बैनर तले कई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने जिले के मालपहाड़ी पत्थर उद्योग को बंद करा दिया. इस कारण पत्थर व्यवसायियों को लाखों रुपये के नुकसान की आशंका है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सीटू के जिला सचिव मानिक दुबे ने बताया कि पूरे देश में आज केंद्र सरकार के नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. हालांकि पाकुड़ जिले में ट्रेड यूनियनों के हड़ताल और प्रदर्शन का परिवहन पर कोई असर नजर नहीं आया.

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

कोडरमा में बैंकों में लटका रहा ताला, धरने पर बैठे रहे कर्मचारी

कोडरमा: श्रमिक संगठनों के देशव्यापी बंद के चलते कोडरमा में निजी बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा कई बैंकों के कर्मचारियों ने धरना दिया. कोडरमा के झुमरी तिलैया में बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष बैंक कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की. इसके अलावा डाककर्मियों ने भी झुमरी तिलैया पोस्ट ऑफिस के पास विरोध प्रदर्शन किया. एलआईसीकर्मी भी एलआईसी कार्यालय के समक्ष हड़ताल पर बैठे रहे. बीमा कर्मियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. वहीं बैंक कर्मियों के हड़ताल पर रहने के कारण बैंकों में ताला लटका रहा.

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल
कोल्हान के बैंकों की 400 शाखाओं में ट्रांजेक्शन लटका

जमशेदपुरः केंद्रीय ट्रेड यूनियन और स्वतंत्र फेडरेशन के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत पूर्वी सिंहभूम जिले में हड़ताल रही. इसमें बैंक, इंश्योरेंस समेत कई क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित रहा. कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान बिल का विरोध हम कर रहे हैं. साथ ही सरकार द्वारा बैंक और इंश्योरेंस क्षेत्र के निजीकरण का भी विरोध कर रहे हैं. हमारी मांग है कि सभी कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा दी जाए, पुरानी पेंशन नीति को लागू की जाए. ट्रेड यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गिरीश ओझा ने बताया है कि कोल्हान में 400 के लगभग बैंक की शाखाएं बंद रहीं, जिससे कोल्हान में बैंक और इन्सुरेंस को मिलाकर करीब 40 करोड़ के ट्रांजेक्शन प्रभावित हुआ है.

ये भी पढ़ें-ट्रेड यूनियन की हड़तालः बोकारो स्टील प्लांट में स्ट्राइक का असर, मुख्य गेट के पास यूनियन नेताओं को रोका

Nationwide strike effect in jharkhand
श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल

केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

सरायकेला: केंद्र सरकार की नई श्रम नीति के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन और विभिन्न बैंक कर्मचारी गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे, इस हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन और बैंक कर्मचारी संघ शामिल रहे. हड़ताल से बैंक और अन्य सरकारी सेवा, वित्तीय सेवा, स्टील कारखाना आदि में कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित हुआ. गुरुवार सुबह से ही बैंककर्मी और मजदूर संगठन अपने-अपने संस्थानों के बाहर कामकाज ठप कर प्रदर्शन करते दिखे. इधर जियाडा परिसर स्थित एलआईसी कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने मांगों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

गिरिडीह में कर्मचारियों ने निकाली रैली, बगोदर विधायक ने किया हड़ताल का समर्थन

गिरिडीह:अनुबंध कर्मचारियों ने हड़ताल के समर्थन में गुरुवार को बगोदर बाजार में रैली निकाली. बाद में बगोदर बस स्टैंड में सभा की गई. मोटर कामगार यूनियन, झारखंड मजदूर किसान सभा सहित अन्य संगठनों ने अनुबंधित कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया. बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने अनुबंध कर्मचारियों के हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार अनुबंधित कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है. इस दौरान पारा शिक्षक संघ, आगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ, पोषण सखी, मनरेगा कर्मचारी संघ, सीआरपी-बीआरपी संघ, रसोइया संघ, सहियाकर्मी संघ, जल सहियाकर्मी संघ, स्वच्छ भारत मिशन कर्मी संघ आदि हड़ताल पर रहे. सभा की अध्यक्षता मोटर कामगार यूनियन के प्रखंड सचिव योगेश्वर साव व संचालन पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने की.

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