रांची: राजधानी के चर्चित अस्पतालों में से एक नागरमल मोदी सेवा सदन के अतिक्रमण संबंधी मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मोदी सदन को राहत देते हुए टाउन सीओ की ओर से पारित आदेश को रद्द कर दिया है और सीओ को फिर से आदेश पारित करने का निर्देश दिया है.
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नियम की अनदेखी
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में नागरमल मोदी सेवा सदन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत नागरमल मोदी सेवा सदन के भवन को तोड़ने की नोटिस को तत्काल रद्द कर दिया है. अदालत ने यह माना है कि सीओ की ओर से जो नोटिस पारित की गई है, वह नियम की अनदेखी कर की गई है, उन्हें नियम का अनुपालन कर नोटिस जारी किया जाना चाहिए था, जिसे नहीं किया गया है, इसलिए अदालत ने उस नोटिस को रद्द कर दिया है और फिर से उन्हें आदेश पारित करने का निर्देश दिया है.
फ्रेश नोटिस पारित करने का निर्देश
बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट में चल रहे एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में टाउन सीओ ने बड़ा तालाब के अतिक्रमण के मामले में जब जमीन की मापी की तो पाया कि नागरमल मोदी सेवा सदन का जो भवन बना है, वह अतिक्रमण कर सरकारी जमीन पर बना है. उन्होंने उसे इस अतिक्रमण जमीन को खाली करने के लिए नोटिस दिया था. उसी नोटिस को मोदी सेवा सदन ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उसी याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने उस नोटिस को रद्द कर फिर से फ्रेश नोटिस पारित करने का निर्देश दिया है.