रांची: पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करने वाले राजा साहेब की हत्या की पटकथा टीपीसी के कुख्यात उग्रवादी भीखन गंझू के गिरफ्तारी के बाद ही लिख दी गई थी. संगठन को शक था कि भीखन की गिरफ्तारी के पीछे राजा साहेब का ही हाथ है. इसी वजह से राजा को अगवा कर मार डाला गया था. पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए टीपीसी के एरिया कमांडर सुकेश उर्फ सुखी महतो ने राजा की हत्या से जुड़े कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं.
कई बड़ी गिरफ्तारी में मुखबिरी का था शक : रांची पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए टीपीसी के एरिया कमांडर सुकेश ने अपने इकबालिया बयान में बताया है कि संगठन के द्वारा उसे यह जानकारी दी गई थी कि संगठन के राहुल गंझू उर्फ खलील, भीखन गंझू के साथ-साथ कई दूसरे साथियो को गिरफ्तार करवाने में रांची के रातू इलाके के रहने वाले राजा साहेब का हाथ है. संगठन ने सुकेश को राजा पर नजर रखने की जिम्मेवारी दी थी. सुकेश ने अपने साथियों के साथ राजा के बारे में कई तरह के तथ्य जुटाए, जिसके बाद यह पता चला कि राजा के द्वारा दी गई सूचना के आधार पर ही संगठन के कई साथी पकड़े गए हैं. जानकारी पुख्ता होने के बाद राजा को सजा देने का एलान संगठन के द्वारा किया गया.
राजा को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी सुकेश को दी गई थीः राजा को ठिकाने लगाने की जिम्मेवारी सुकेश और दूसरे उग्रवादियों को दी गई. सुकेश ने इसके लिए अपने साथियों की एक बैठक बुलाई. जिसमें एरिया कमांडर विक्रम गंझू, उर्फ मुनेश्वर गंझू, विनोद महतो उर्फ मुरारी, पहाड़ी उर्फ रामेश्वर महतो, गुरुदेव उर्फ सुदेश गंझू, प्रताप उर्फ दिवाकर, छोटन तुरी, अनिस अंसारी, रंजित महतो और सुकेश कुमार उर्फ सुखी महतो शामिल हुए.
बैठक में तय हुई थी मौत की सजा: बैठक में संगठन के राहुल गंझू उर्फ खलील, भिखन गंझू और कई उग्रवादियों की गिरफ्तारी में राजा साहेब का हाथ होने की बात सामने आयी. जिसके बाद राजा पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया. उस बैठक में ही राजा साहेब को मौत की सजा देने पर सहमति बनी. एरिया कमांडर सुकेश को संगठन ने यह जिम्मेदारी दी थी कि राजा का अपहरण कर संगठन के समक्ष पेश करे और उसे वहीं मौत के घाट उतारा जाएगा.
17 अक्टूबर 2022 को कर लिया गया राजा को अगवा: एरिया कमांडर सुकेश ने अपने साथियों के साथ 17 अक्तूबर 2022 को राजा साहेब को अगवा किया था. राजा साहेब जब बुढ़मू के बोटका गांव में लगे जीवन जोड़ी मेला देखकर लौट रहा था, उसी दौरान उसे अगवा कर लिया गया था और सुमू जंगल ले गए. इसके बाद संगठन के अन्य साथियों को इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद विक्रम गंझू उर्फ मुनेश्वर गंझू, विनोद महतो उर्फ विनोद महतो उर्फ मुरारी, रामेश्वर महतो उर्फ पहाड़ी के अलावा गुरुदेव, प्रताप, उर्फ दिवाकर, छोटन तुरी, अनिस अंसारी और रंजीत भी जंगल पहुंचा. सभी के सामने राजा साहेब को पेश किया गया.
सफाई पेश करते ही राजा को मार दी गई थी गोलीः राजा से पूछा गया कि क्या वह पुलिस की मुखबिरी करता है. उस समय राजा साहेब ने आरोप से इंकार किया. कहा कि वह कारोबारी है, पुलिस मुखबिरी नहीं करता है. राजा अपने पक्ष में सफाई दे ही रहा था कि तभी एरिया कमांडर विक्रम ने राजा साहेब को दो गोली मार दी. गोली लगने की वजह से मौके पर ही राजा की मौत हो गई. संगठन के आदेश के बाद एरिया कमांडर सुकेश कुमार ने राजा साहेब के शव को बाइक समेत जला दिया. राजा के शरीर के जले हुए अवशेषों को जंगल में ही दफना दिया गया.
पुलिस नहीं खोज पाई थी राजा को: राजा के गायब होने बाद रांची के नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में पुलिस के द्वारा लगातार अभियान चलाया गया था, लेकिन इसके बावजूद राजा बरामद नहीं हो पाया था. क्योंकि उसे मार कर उसके शव को जला दिया गया था. आखिरकार 11 फरवरी 2023 को सुकेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को यह पता चला कि राजा की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने उस समय राजा साहेब का पता बताने वाले को 50 हजार ईनाम देने की घोषणा भी की थी.