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रांची में भव्य होगा रावण दहन कार्यक्रम, यहां के पुतले का मुस्लिम परिवार से है खास कनेक्शन

विजयदशमी पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. यूं तो यह एक समुदाय विशेष का पर्व माना जाता है, लेकिन रांची के मोरहाबादी मैदान में होने वाला रावण दहन आपसी भाईचारे का संदेश दे रहा है. क्योंकि इसमें मुसलमानों का अहम योगदान है.

प्रतिमा बनाते कारीगर
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Published : Oct 6, 2019, 5:42 PM IST

रांचीः राजधानी में रावण की प्रतिमा बनाकर मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी सौहार्द का परिचय दे रहे हैं. रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में भव्य रूप से विजयदशमी मनाई जाती है. जिसे लेकर बिहार के गया से आया मुस्लिम परिवार पिछले 1 महीने से रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला बना रहा है. इनके बनाए पुतले कई जगह दहन किए जाते हैं.

देखें पूरी खबर

इस काम में लगी हैं कई पीढ़ियां

मोरहाबादी मैदान में मनाए जाने वाले विजयदशमी को लेकर रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले के अलावा सोने की लंका बनाने की तैयारी भी की गई है. मुस्लिम परिवार पिछले 20-25 दिनों से ये पुतला बना रहे हैं. जो अब अंतिम चरण पर है. बता दें कि गया (बिहार) का यह मुस्लिम परिवार पिछले कई पीढ़ियों से इस काम में लगा है. उनके मुताबिक उन्होंने आपसी भाईचारे का परिचय देने के लिए इस काम को चुना है. उन्हें साल भर से विजयदशमी का खास इंतजार रहता है. वहीं, रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला बनाकर इन्हें आमदनी भी हो जाती है.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: बाबूलाल मरांडी को बड़ा झटका, विधायक प्रकाश राम ने थामा BJP का दामन

65 फीट का होगा रावण की पुतला

बता दें कि मोरहाबादी में पंजाबी-हिंदू बिरादरी 1948 से ही विजयदशमी के दिन रावण दहन का कार्यक्रम करता आ रहा है. इस बार यहां 65 फीट के विशाल रावण के पुतले का दहन किया जाएगा, जबकि कुंभकरण 55 फीट और मेघनाथ 50 फीट की ऊंचाई वाला होगा. रावण दहन के दौरान आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.


पुतला बना रहे इस परिवार के सदस्य कहते हैं कि रावण बुद्धिमान और ज्ञानी होने के बावजूद अहंकारी था, जिसकी वजह से उसका अंत हुआ. यही, वजह है कि बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर सभी हर्षोल्लास से दशहरा मनाते हैं, इसके साथ ही रावण दहन कर अपने अंदर की बुराई को मारने की कोशिश करते हैं.

रांचीः राजधानी में रावण की प्रतिमा बनाकर मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी सौहार्द का परिचय दे रहे हैं. रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में भव्य रूप से विजयदशमी मनाई जाती है. जिसे लेकर बिहार के गया से आया मुस्लिम परिवार पिछले 1 महीने से रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला बना रहा है. इनके बनाए पुतले कई जगह दहन किए जाते हैं.

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इस काम में लगी हैं कई पीढ़ियां

मोरहाबादी मैदान में मनाए जाने वाले विजयदशमी को लेकर रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले के अलावा सोने की लंका बनाने की तैयारी भी की गई है. मुस्लिम परिवार पिछले 20-25 दिनों से ये पुतला बना रहे हैं. जो अब अंतिम चरण पर है. बता दें कि गया (बिहार) का यह मुस्लिम परिवार पिछले कई पीढ़ियों से इस काम में लगा है. उनके मुताबिक उन्होंने आपसी भाईचारे का परिचय देने के लिए इस काम को चुना है. उन्हें साल भर से विजयदशमी का खास इंतजार रहता है. वहीं, रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला बनाकर इन्हें आमदनी भी हो जाती है.

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65 फीट का होगा रावण की पुतला

बता दें कि मोरहाबादी में पंजाबी-हिंदू बिरादरी 1948 से ही विजयदशमी के दिन रावण दहन का कार्यक्रम करता आ रहा है. इस बार यहां 65 फीट के विशाल रावण के पुतले का दहन किया जाएगा, जबकि कुंभकरण 55 फीट और मेघनाथ 50 फीट की ऊंचाई वाला होगा. रावण दहन के दौरान आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.


पुतला बना रहे इस परिवार के सदस्य कहते हैं कि रावण बुद्धिमान और ज्ञानी होने के बावजूद अहंकारी था, जिसकी वजह से उसका अंत हुआ. यही, वजह है कि बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर सभी हर्षोल्लास से दशहरा मनाते हैं, इसके साथ ही रावण दहन कर अपने अंदर की बुराई को मारने की कोशिश करते हैं.

Intro:रांची
डे प्लान...स्पेशल खबर....
बाइट---राजेश खन्ना अध्यक्ष पंजाबी हिंदू बिरादरी
बाइट---कारीगर
बाइट--कारीगर


रावण की प्रतिमा बनाकर मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी सौहार्द का परिचय दे रहे हैं शारदिय नवरात्र पूजा के दसवीं दिन विजयदशमी पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इसके तहत राजधानी रांची के कई क्षेत्रों में रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है वही रांची के ऐतिहासिक मोराबादी में भव्य रुप से विजयदशमी मनाई जाती है जिसको लेकर बिहार के गया से आए मुस्लिम परिवार के लोग पिछले 1 महीने से रावण कुंभकरण और मेघनाथ की प्रतिमा बनाकर आपसी भाईचारे का मिसाल पेश कर रहे हैं


Body:पंजाबी हिंदू बिरादरी द्वारा साल 1948 आजादी के बात से विजयदशमी के दिन रावण दहन का कार्यक्रम मनाया जाता रहा है इस बार यहां 65 फीट का विशाल रावण का प्रतिमा होगा जबकि कुंभकरण 55 फीट और वही मेघनाथ 50 फीट की ऊंचाई वाली होगी रावण दहन के दौरान आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा

मोराबादी मैदान में मनाए जाने वाले विजयदशमी को लेकर रावण कुंभकरण और मेघनाथ की सूचना के अलावे सोने की लंका बनाने की तैयारी गया के मुस्लिम परिवार के द्वारा पिछले 20 से 25 दिनों से की जा रही है जो अब अंतिम चरण पर है बता दें कि गया (बिहार )का यह मुस्लिम परिवार पिछले कई पीढ़ियों से इस काम में लगे हैं कार्यक्रम के मुताबिक आपसी भाईचारे और समुद्र का परिचय देने को लेकर अपना परिवार को छोड़कर इस काम में लगे रहते हैं उनका रीगरोग को साल भर विजयदशमी की खास इंतजार रहती है और रावण कुंभकरण और मेघनाथ की प्रतिमा बनाकर इन्हें आमदनी भी हो जाती है


Conclusion:रावण बुद्धिमान और ज्ञानी होने के बावजूद उनके अंदर अहंकार था जिसकी वजह से इनका अंत हुआ यही वजह है कि बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर हम सभी हर्षोल्लास के साथ रावण दहन कर अपने अंदर की बुराई को मारने की कोशिश करते हैं

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