रांचीः राजधानी में रावण की प्रतिमा बनाकर मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी सौहार्द का परिचय दे रहे हैं. रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में भव्य रूप से विजयदशमी मनाई जाती है. जिसे लेकर बिहार के गया से आया मुस्लिम परिवार पिछले 1 महीने से रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला बना रहा है. इनके बनाए पुतले कई जगह दहन किए जाते हैं.
इस काम में लगी हैं कई पीढ़ियां
मोरहाबादी मैदान में मनाए जाने वाले विजयदशमी को लेकर रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले के अलावा सोने की लंका बनाने की तैयारी भी की गई है. मुस्लिम परिवार पिछले 20-25 दिनों से ये पुतला बना रहे हैं. जो अब अंतिम चरण पर है. बता दें कि गया (बिहार) का यह मुस्लिम परिवार पिछले कई पीढ़ियों से इस काम में लगा है. उनके मुताबिक उन्होंने आपसी भाईचारे का परिचय देने के लिए इस काम को चुना है. उन्हें साल भर से विजयदशमी का खास इंतजार रहता है. वहीं, रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला बनाकर इन्हें आमदनी भी हो जाती है.
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65 फीट का होगा रावण की पुतला
बता दें कि मोरहाबादी में पंजाबी-हिंदू बिरादरी 1948 से ही विजयदशमी के दिन रावण दहन का कार्यक्रम करता आ रहा है. इस बार यहां 65 फीट के विशाल रावण के पुतले का दहन किया जाएगा, जबकि कुंभकरण 55 फीट और मेघनाथ 50 फीट की ऊंचाई वाला होगा. रावण दहन के दौरान आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.
पुतला बना रहे इस परिवार के सदस्य कहते हैं कि रावण बुद्धिमान और ज्ञानी होने के बावजूद अहंकारी था, जिसकी वजह से उसका अंत हुआ. यही, वजह है कि बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर सभी हर्षोल्लास से दशहरा मनाते हैं, इसके साथ ही रावण दहन कर अपने अंदर की बुराई को मारने की कोशिश करते हैं.