रांचीः राजभवन रांची के सामने रविवार को जस्टिस फॉर ऋतु मुखी की गूंज सुनाई दी. राजभवन के सामने झारखंड राज्य घासी समाज संघ से जुड़े लोगों ने धरना दिया. इस धरने में अंतर राष्ट्रीय लोक कलाकार पद्मश्री मुकुंद नायक (Padmashree Mukund Nayak) भी शामिल हुए और राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से ऋतु मुखी के लिए न्याय की मांग की.
क्या है पूरा मामलाः 14 अक्टूबर 2022 को जमशेदपुर के शारदा गर्ल्स हाई स्कूल की नौवीं कक्षा की छात्रा ऋतु मुखी ने शिक्षिका के बर्ताव से क्षुब्ध होकर खुद को आग लगा ली थी. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. शिक्षिका को उस पर नकल करने का शक था. इसके चलते दूसरे कमरे में ले जाकर शिक्षिका ने उसके कपड़े उतरवाए थे और जांच की थी. इस घटना के बाद फास्ट ट्रैक के माध्यम से सुनवाई कर आरोपी शिक्षिका को सजा दिलाने, छात्रा के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और स्थायी नौकरी की मांग को लेकर रविवार को झारखंड राज्य घासी समाज संघ के बैनर तले आक्रोशित लोगों ने धरना प्रदर्शन किया.
झारखंड राज्य घासी समाज संघ के धरने में पद्मश्री मुकुंद नायक भी शामिल हुए. इस दौरान ने मुकुंद नायक ने कहा कि अभी तक ऋतु को न्याय नहीं मिला है. इसलिए अपने समाज की बेटी को न्याय दिलाने के लिए वह धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि अगर राज्य की सरकार ऋतु मुखी को न्याय नहीं देती तो वह केंद्र की सरकार के समक्ष भी इस मुद्दे को ले जाएंगे.
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपाः धरने के बाद झारखंड राज्य घासी समाज संघ के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में ज्ञापन सौंपा और पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख मुआवजा की मांग की. साथ ही पीड़ित परिवार के किसी शख्स को सरकारी नौकरी, 10 डिसमिल जमीन और आरोपी शिक्षिका को फास्ट ट्रैक के माध्यम से सजा दिलाने आदि की मांग की.
जस्टिस फॉर ऋतु अभियान में बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के घासी समाज के लोग शामिल हुए. ऋतु मुखी को न्याय नहीं मिलने पर राज्यभर में जोरदार ढंग से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी और कहा कि राज्य की सरकार घासी समाज के लोगों को कमजोर न समझे.