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एक साथ जलीं 29 चिताएं, मुक्ति संस्था ने लावारिस शवों का किया सामूहिक अंतिम संस्कार

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Published : Oct 9, 2022, 10:55 PM IST

जिसका कोई नहीं है उसका मुक्ति संस्था है. हर साल की तरह इस साल भी मुक्ति संस्था ने जुमार नदी के तट पर लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है. 9 अक्टूबर को संस्था ने रिम्स के शव गृह में रखे 29 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया (Mukti Sanstha performed mass funeral).

Mukti Sanstha performed mass funeral
Mukti Sanstha performed mass funeral

रांची: रिम्स के शव गृह में रखे हुए 29 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार मुक्ति संस्था के द्वारा किया गया (Mukti Sanstha performed mass funeral). पूरे विधि-विधान से जुमार नदी के तट पर सामूहिक चिता सजाई गयी. जिसके बाद संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने मुखाग्नि किया. गौरतलब है कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम के द्वारा लकड़ी उपलब्ध किया जाता है. रिम्स से शवों को पैक कर जुमार नदी के तट पर लाया गया. चिता सजा कर अंतिम अरदास परमजीत सिंह टिंकू ने किया.

इसे भी पढ़ें: रांची में एक साथ जली 33 शवों की चिता, जानिए क्या है पूरा मामला

1441 शवों को मोक्ष प्रदान कर चुकी है मुक्ति संस्था: अंतिम संस्कार के दौरान संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया, सौरभ बथवाल, हरीश नागपाल, रवि अग्रवाल, आशुतोष अग्रवाल, परमजीत सिंह टिंकु, संदीप पापनेज, सुनील अग्रवाल समेत अन्य कई लोग मौजूद रहे. संस्कार मुक्ति संस्था की ओर से अब तक 1441 शवों को विधि विधान मोक्ष प्रदान किया गया है.

पिछले साल किया गया था 33 शवों का अंतिम संस्कार: पिछले साल भी दिसंबर में मुक्ति संस्था ने रिम्स के शव गृह में रखे 33 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से जुमार नदी के तट पर किया. यह संस्था 2014 से रिम्स के मोर्चरी (शव गृह) में रखे गए लावारिस शवों का अंतिम संस्कार (Funeral of nclaimed dead bodies in Ranchi) करती आ रही है. शवों के अंतिम संस्कार के लिए हर साल नगर निगम ने लकड़ी उपलब्ध कराती है. वहीं अब तक अंतिम संस्कार का सारा कार्यक्रम अरदास परमजीत सिंह टिंकू करते आए हैं. जबकि मुखाग्नि संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया देते हैं.

रांची: रिम्स के शव गृह में रखे हुए 29 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार मुक्ति संस्था के द्वारा किया गया (Mukti Sanstha performed mass funeral). पूरे विधि-विधान से जुमार नदी के तट पर सामूहिक चिता सजाई गयी. जिसके बाद संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने मुखाग्नि किया. गौरतलब है कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम के द्वारा लकड़ी उपलब्ध किया जाता है. रिम्स से शवों को पैक कर जुमार नदी के तट पर लाया गया. चिता सजा कर अंतिम अरदास परमजीत सिंह टिंकू ने किया.

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1441 शवों को मोक्ष प्रदान कर चुकी है मुक्ति संस्था: अंतिम संस्कार के दौरान संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया, सौरभ बथवाल, हरीश नागपाल, रवि अग्रवाल, आशुतोष अग्रवाल, परमजीत सिंह टिंकु, संदीप पापनेज, सुनील अग्रवाल समेत अन्य कई लोग मौजूद रहे. संस्कार मुक्ति संस्था की ओर से अब तक 1441 शवों को विधि विधान मोक्ष प्रदान किया गया है.

पिछले साल किया गया था 33 शवों का अंतिम संस्कार: पिछले साल भी दिसंबर में मुक्ति संस्था ने रिम्स के शव गृह में रखे 33 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से जुमार नदी के तट पर किया. यह संस्था 2014 से रिम्स के मोर्चरी (शव गृह) में रखे गए लावारिस शवों का अंतिम संस्कार (Funeral of nclaimed dead bodies in Ranchi) करती आ रही है. शवों के अंतिम संस्कार के लिए हर साल नगर निगम ने लकड़ी उपलब्ध कराती है. वहीं अब तक अंतिम संस्कार का सारा कार्यक्रम अरदास परमजीत सिंह टिंकू करते आए हैं. जबकि मुखाग्नि संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया देते हैं.

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