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निजी स्कूलों की मनमानी पर सत्ता पक्ष के पास नहीं है कोई जवाब, अभिभावकों ने आंदोलन की कही बात

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Published : Jul 19, 2021, 4:44 PM IST

राजधानी में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अभिभावकों ने जोरदार आंदोलन की बात कही है. मामले को लेकर झामुमो (JMM) की ओर से भी इस पर प्रतिक्रिया दी गई है.

movement against arbitrariness of private schools in ranchi
निजी स्कूलों की मनमानी पर सत्ता पक्ष के पास नहीं कोई जवाब, अभिभावकों ने आंदोलन की कही बात

रांची: राजधानी में निजी स्कूलों की मनमानी लगातार जारी है. मामले को लेकर आंदोलन भी तेज है. इसके बावजूद ना तो इस पर राज्य सरकार की ओर से कोई पहल की जा रही है और ना ही निजी स्कूल अभिभावकों को किसी तरह की रियायत देने का रास्ता बना आ रहा है. अब अभिभावकों ने जोरदार आंदोलन की बात कही है.


इसे भी पढ़ें- झारखंड में निजी स्कूलों की मनमानी पर कसेगा नकेल, शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिला स्तर पर बनाई गई जांच कमेटी

कोरोना महामारी के मद्देनजर साल 2020 के मार्च महीने से ही तमाम स्कूल बंद हैं. पठन-पाठन ना के बराबर हो रहा है. ऑनलाइन गतिविधि से किसी तरह कोर्स कंप्लीट करवाए जा रहे हैं. बच्चों का भविष्य अंधेरे में है. सर्वांगीण विकास को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसका खामियाजा सिर्फ और सिर्फ बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है. झारखंड में निजी स्कूलों की फीस मामले को लेकर अब तक मामला अटका हुआ है. इस पर पहल नहीं हुई है. अभिभावक राज्य सरकार से लगातार गुहार लगा रहे हैं, ताकि उनकी फीस माफ हो सके और अन्य मदों में निजी स्कूलों की ओर से लिए जाने वाली वसूली पर रोक लगाया जा सके.

देखें पूरी खबर
ना प्रशासन का ध्यान और ना ही राज्य सरकार ले रही है एक्शन

इस ओर ना तो प्रशासन का ध्यान है और ना ही राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का ध्यान. इसे लेकर झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) की ओर से राज्यभर में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जा रहा है. कई बार उपायुक्तों को ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के साथ-साथ राज्यपाल तक को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन इस मामले को अब तक सुलझाया नहीं गया है. अभिभावकों पर भार बढ़ रहा है. वहीं शिक्षकों को निजी स्कूलों की ओर से सैलरी भी शत प्रतिशत नहीं दी जा रही है. अभिभावक संघ की ओर से एक बार फिर कहा गया है कि अगर राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है, तो आने वाले समय में अभिभावक सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे और इसके बाद जो भी परिणाम आएंगे. इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार को उठानी पड़ेगी. वहीं अभिभावकों का कहना है कि लगातार मामले को लेकर संबंधित लोगों का दरवाजा खटखटाया जा रहा है, लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली है और निजी स्कूल मनमानी कर रही है.

movement against arbitrariness of private schools in ranchi
स्कूलों की मनमानी वसूली से अभिभावक परेशान


इसे भी पढ़ें- निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों में आक्रोश, DC से फीस बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने का किया आग्रह

झामुमो के पास नहीं है जबाब

पिछले साल के एनुअल चार्ज भी इन दिनों कुछ निजी स्कूलों की ओर से लिया जा रहे हैं, जिससे अभिभावक परेशान और हलकान हैं. मामले को लेकर राज्य सरकार से संज्ञान लेने की अपील की जा रही है. सत्ता में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने स्कूल प्रबंधकों से अपील की है कि वह अपने स्तर से अभिभावकों को राहत दें. जब मामले को लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य से पूछा गया कि आखिर सरकार इस दिशा में क्यों नहीं पहल कर रही है, तब उनके पास कोई जवाब नहीं था. कुल मिलाकर कहें तो मामला काफी गंभीर है. अभिभावक परेशान हैं और सरकार मौन है.

रांची: राजधानी में निजी स्कूलों की मनमानी लगातार जारी है. मामले को लेकर आंदोलन भी तेज है. इसके बावजूद ना तो इस पर राज्य सरकार की ओर से कोई पहल की जा रही है और ना ही निजी स्कूल अभिभावकों को किसी तरह की रियायत देने का रास्ता बना आ रहा है. अब अभिभावकों ने जोरदार आंदोलन की बात कही है.


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कोरोना महामारी के मद्देनजर साल 2020 के मार्च महीने से ही तमाम स्कूल बंद हैं. पठन-पाठन ना के बराबर हो रहा है. ऑनलाइन गतिविधि से किसी तरह कोर्स कंप्लीट करवाए जा रहे हैं. बच्चों का भविष्य अंधेरे में है. सर्वांगीण विकास को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसका खामियाजा सिर्फ और सिर्फ बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है. झारखंड में निजी स्कूलों की फीस मामले को लेकर अब तक मामला अटका हुआ है. इस पर पहल नहीं हुई है. अभिभावक राज्य सरकार से लगातार गुहार लगा रहे हैं, ताकि उनकी फीस माफ हो सके और अन्य मदों में निजी स्कूलों की ओर से लिए जाने वाली वसूली पर रोक लगाया जा सके.

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ना प्रशासन का ध्यान और ना ही राज्य सरकार ले रही है एक्शन

इस ओर ना तो प्रशासन का ध्यान है और ना ही राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का ध्यान. इसे लेकर झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) की ओर से राज्यभर में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जा रहा है. कई बार उपायुक्तों को ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के साथ-साथ राज्यपाल तक को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन इस मामले को अब तक सुलझाया नहीं गया है. अभिभावकों पर भार बढ़ रहा है. वहीं शिक्षकों को निजी स्कूलों की ओर से सैलरी भी शत प्रतिशत नहीं दी जा रही है. अभिभावक संघ की ओर से एक बार फिर कहा गया है कि अगर राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है, तो आने वाले समय में अभिभावक सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे और इसके बाद जो भी परिणाम आएंगे. इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार को उठानी पड़ेगी. वहीं अभिभावकों का कहना है कि लगातार मामले को लेकर संबंधित लोगों का दरवाजा खटखटाया जा रहा है, लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली है और निजी स्कूल मनमानी कर रही है.

movement against arbitrariness of private schools in ranchi
स्कूलों की मनमानी वसूली से अभिभावक परेशान


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झामुमो के पास नहीं है जबाब

पिछले साल के एनुअल चार्ज भी इन दिनों कुछ निजी स्कूलों की ओर से लिया जा रहे हैं, जिससे अभिभावक परेशान और हलकान हैं. मामले को लेकर राज्य सरकार से संज्ञान लेने की अपील की जा रही है. सत्ता में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने स्कूल प्रबंधकों से अपील की है कि वह अपने स्तर से अभिभावकों को राहत दें. जब मामले को लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य से पूछा गया कि आखिर सरकार इस दिशा में क्यों नहीं पहल कर रही है, तब उनके पास कोई जवाब नहीं था. कुल मिलाकर कहें तो मामला काफी गंभीर है. अभिभावक परेशान हैं और सरकार मौन है.

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