रांची: अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस पर माताओं को हर ओर से शुभकामनाएं मिल रही हैं. लेकिन कुछ मां ऐसी भी हैं कि जिन्हें हर दिन की तरह इस खास दिन भी बच्चों का प्यार और खुशी नसीब नहीं है. आज 14 मई को अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस मनाया जा रहा है, जिसको लेकर देश और दुनिया की सभी माताओं को मदर्स डे की शुभकामनाएं भी दी जा रही हैं. लेकिन राजधानी रांची में एक ऐसी भी तस्वीर देखने को मिल रही है, जहां माताओं को शुभकामनाएं तो मिल रही हैं, लेकिन बच्चों का प्यार और सच्ची खुशी नहीं मिल पा रही.
रांची में कई ऐसी मां हैं जो वृद्ध आश्रम में अपना समय बिताने को मजबूर हैं. इंटरनेशनल मदर्स डे के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने जब वृद्धा आश्रम में रह रही माताओं से बात की तो माताओं ने अपने दर्द को बयां किया.
माताओं ने अपने दर्द को किया बयां: अपने बच्चों से दूर रह रही कांता देवी ने बताया कि उनकी एक बेटी है, जो दिल्ली में नौकरी करती है. लेकिन दिल्ली में वह अपने परिवार के साथ मुझे नहीं रख सकती. इसीलिए वह मजबूरी में वृद्ध आश्रम में रहने को विवश है. अपने बच्चों से दूर रह रही गायत्री देवी बताती हैं कि उनका बहुत मन करता है कि वह अपने परिवार के बीच में रहे. लेकिन उनके बच्चों ने उन्हें वृद्धा आश्रम में छोड़ दिया है और उनसे मुलाकात करने भी कोई नहीं आता.वृद्ध आश्रम में रह रहे बुजुर्ग माताओं ने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा कि उनके बच्चे उन्हें फोन करते हैं और समय-समय पर आर्थिक मदद भी करते हैं. लेकिन, इसके बावजूद उन्हें हमेशा मन करता है कि वह अपने बच्चों के साथ रहे, उनके कानों में हमेशा अपने बच्चों के जुबां से मां शब्द गूंजता रहे, लेकिन यह नसीब उन्हें प्राप्त नहीं हो पा रहा है.
वहीं, वृद्धा आश्रम में उनकी देखरेख कर रहे आश्रम के संचालकों ने बताया कि इन माताओं को देखकर दर्द होता है, वे मानवता के आधार पर इन माताओं के बच्चे बनकर उनकी सेवा करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इन्हें हल्की राहत मिल सके.
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'अपनी माताओं को रखें अपने साथ': आश्रम के संचालक ने कहा कि मां के बारे में कहा जाता है कि मां के बगैर जीवन की परिकल्पना करना नामुमकिन है. कहा जाता है कि माता कुमाता नहीं हो सकती, पुत्र कुपुत्र जरूर हो सकता है. रांची सहित देश के विभिन्न राज्यों में वृद्ध आश्रम में बढ़ रही भीड़ कहीं ना कहीं मां के सम्मान को ठेस पहुंचा रहा है. मदर्स डे के मौके पर वे लोगों से अपील करते हैं कि अपनी माताओं को अपने साथ रखें, जिससे मां को सच्चा सम्मान मिल सके.