रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ते जा रहा है. झारखंड ऐसा राज्य है जहां मोर्टेलिटी रेट अभी भी नेशनल एवरेज से लगभग आधी है. सरकारी आंकड़ों का यकीन करें तो झारखंड में संक्रमितों की कुल संख्या 47700 तक पहुंच चुकी है. उनमें से 32000 से अधिक लोग ठीक होकर अपने घरों की ओर लौट चुके हैं, जबकि लगभग 500 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हुई है. आंकड़ों पर नजर डालें तो राष्ट्रीय मृत्यु दर जहां 1.85 है. वहीं झारखंड में यह महज 0.95 है, जबकि आस पड़ोस के राज्यों में यह झारखंड की तुलना में अधिक है. पश्चिम बंगाल में जहां संक्रमितों की मृत्यु दर 2 है. वहीं उत्तर प्रदेश में यह 1.30 है. हालांकि यह एक सुकून देने वाला कड़ा है.
तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण दर
झारखंड में राजधानी रांची के अलावा 3 जिले ऐसे हैं जो आरटी वैल्यू में देश के 10 जिलों में शामिल हैं. समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि देश के 17 राज्यों में 78 जिलों में संक्रमण की दर काफी अधिक है. झारखंड में आरटी वैल्यू 1.35 है जो देश में सबसे अधिक है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 1.09 है. आरटी वैल्यू के तुलनात्मक गणना पर यकीन करें तो 100 लोगों के समूह से औसतन 135 लोगों को संक्रमण हो रहा है. हालांकि इसका दूसरा कारण राज्य में बढ़ती टेस्टिंग प्रक्रिया भी मानी जा रही है.
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क्या कहते हैं चिकित्सक संगठन से जुड़े लोग
प्रदेश में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि राज्य की मोर्टेलिटी रेट अभी भी काफी अच्छी है, साथ ही इसे और बेहतर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि लोग अब इस संक्रमण को लेकर अवेयर हो गए हैं, अब उन्हें यह बताने की जरूरत नहीं है कि कोविड-19 लक्षण कैसे होते हैं, डॉक्टरों की ओर से भी लोगों को यही सलाह दी जा रही है कि अगर जरा भी लक्षण पाया जा रहा है तो वह डॉक्टर से मिलें और जल्द से जल्द जांच कराएं. उन्होंने कहा कि संक्रमण का इलाज हो रहा है, यही वजह है कि कोरोना की वजह से मोर्टेलिटी झारखंड में कम है.
पेशे से चिकित्सक विधायक का भी है ये दावा
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक और एमबीबीएस डॉक्टर इरफान अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ सीएम लोगों से फीडबैक ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उस दिशा में काम भी कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि झारखंड में रिकवरी रेट भी काफी अच्छी है, इसका लाभ राज्य सरकार को मिल रहा है, साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे कोविड पीरियड में बतौर चिकित्सक उन्होंने भी अपनी सेवा दी है और लोगों को सुझाव भी दिया है. सरकार ने भी उनके सुझाव पर अमल किया है. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि झारखंड में मोर्टालिटी रेट कम है, साथ ही उम्मीद व्यक्त की मोर्टेलिटी रेट में और कमी देखने को मिलेगी है.
आंकड़े भी बताते है कोविड-19 से जुड़े तथ्य
दरअसल झारखंड में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 23 मार्च को सामने आया. राजधानी रांची में पहला केस कोविड-19 का रिपोर्ट हुआ. वहीं 18 मई तक यह आंकड़ा 228 तक बढ़ा, उस दौरान मृत्यु दर 1.32 थी, जबकि राष्ट्रीय मृत्यु दर 3.14 रही. वहीं 30 मई का झारखंड में 563 लोग संक्रमित हुए, लेकिन कोविड-19 की वजह से होने वाली मौत की दर घटकर 0.89 हुई. उस दौरान राष्ट्रीय मृत्यु दर में भी कमी आई और यह 2.86 तक गिरा. जून के अंत तक झारखंड में संक्रमितों का आंकड़ा 2490 पहुंचा, जबकि मृत्यु दर घटकर 0.6 हुआ. वहीं राष्ट्रीय औसत 2.98 था. जून के मुकाबले जुलाई में मृत्यु दर 0.23% की बढ़ोतरी हुई, बावजूद इसके राष्ट्रीय औसत के मुकाबले यह कम रहा. 31 जुलाई को मृत्यु दर का राष्ट्रीय औसत 2.21% रिकॉर्ड हुआ. 31 अगस्त तक झारखंड में 41656 लोग संक्रमित हुए, जबकि 417 लोगों की जान जा चुकी है. इस वजह से मृत्यु दर बढ़कर 1 हुई, हालांकि राष्ट्रीय औसत दर लगातार घटता रहा और 1.85 पहुंच गया.