रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है. संक्रमण का व्यापक असर रांची विश्वविद्यालय (आरयू) और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) पर पड़ा है. इन विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन ऑनलाइन हो रहा है. इसके साथ ही मीटिंग भी ऑनलाइन आयोजित की जा रही है. विश्वविद्यालयों में रोस्टर के आधार पर अधिकारी और कर्मचारी पहुंच रहे हैं. इसके बावजूद डीएसपीएमयू और रांची विश्वविद्यालय के कई टीचिंग और नन टीचिंग कर्मी कोरोना संक्रमित हैं. जबकि, 20 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है.
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कोरोना महामारी का व्यापक असर शिक्षा जगत पर दिखने लगा है. पठन-पाठन ऑनलाइन हो रहा है, लेकिन टीचिंग स्टाफ संक्रमित होने के कारण ऑनलाइन पठन-पाठन भी प्रभावित होने लगा है. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन कहते है कि ऑनलाइन पठन-पाठन का काम चल रहा है. हकीकत यह है कि समुचित तरीके से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो रही है.
कर्मी और प्रोफेसर कोरोना संक्रमित
रांची विश्वविद्यालय के 20 टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की मृत्यु संक्रमण के कारण हो गया है. वहीं, 40 से अधिक संक्रमित की संख्या बताई जा रही है. इससे प्रोफेसर और कर्मचारी बिना सूचना के ही गायब हैं. कर्मचारियों का कहना है कि कुछ कर्मी और प्रोफेसर कोरोना संक्रमित हैं और घर में आइसोलेट है. इससे विश्वविद्यालय को उनकी पूरी जानकारी नहीं है.
65 स्टाफ संक्रमित और दो की हो चुकी हैं मौत
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की हालत भी कमोवेश आरयू की तरह है. विश्वविद्यालय के 65 टीचिंग स्टाफ कोरोना संक्रमित है. दो नॉन टीचिंग स्टाफ की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. वहीं, कई संक्रमित स्टाफ गंभीर हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.
रोस्टर पर आ रहे स्टाफ
रांची विश्वविद्यालय के कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि फिलहाल रोस्टर के आधार पर कर्मचारियों को विश्वविद्यालय बुलाया जा रहा है. जरूरी बैठक ऑनलाइन आयोजित की जा रही है. यह महामारी भयावह है और विश्वविद्यालयों को इससे भारी क्षति हो रही है. विश्वविद्यालय के कई कर्मचारी और शिक्षक को खो दिया है.