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शुरू हुआ पाक महीना 'माह-ए-रमजान', चिलचिलाती गर्मी में भी रोजेदारो में उत्साह

रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है. बढ़ती गर्मी और चिलचिलाती धूप में भी रोजेदारों में गजब का उत्साह है. ईद का चांद देखने के बाद यह पाक महीना खत्म होगा.

रमजान का पाक महीना शुरू
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Published : May 8, 2019, 3:41 PM IST

रांचीः इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है. रमजान के इस पाक महीने में मुस्लिम समुदाय रोजा रख अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान की शुरुआत होते ही मुसलमानों में उत्साह देखने को मिलता है.

रमजान का पाक महीना शुरू

रोजा रखने वाले रोजेदार बताते हैं कि साल में एक बार रोजा रखने से हमें ईमान का धर्म निभाने की ताकत मिलती है. इंसान को बुरी चीजों से दूर रखती है, इसीलिए मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान हर्षोल्लास से मनाते हैं. जिससे उनका ईमान हमेशा सच्चा रहे. वहीं, बढ़ती गर्मी और चिलचिलाती धूप में भूखे-प्यासे रहना रोजेदारों के लिए कहीं ना कहीं थोड़ी परेशानी का कारण जरूर बन रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड-बिहार सीमा के हरिजरगंज में पुलिस की रडार पर नक्सल समर्थक

रमजान के पाक महीने में मुस्लिम रोजा रखने से पहले सुबह में सहरी करते हैं. इसे "फज्र"की नमाज से पहले खाया जाता है. वहीं, रमजान के दिनों में रोजा खोलने के लिए खाए जाने वाला भोजन इफ्तार होता है. जिसे "मगरीब" की नमाज से पहले खाया जाता है.

रांचीः इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है. रमजान के इस पाक महीने में मुस्लिम समुदाय रोजा रख अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान की शुरुआत होते ही मुसलमानों में उत्साह देखने को मिलता है.

रमजान का पाक महीना शुरू

रोजा रखने वाले रोजेदार बताते हैं कि साल में एक बार रोजा रखने से हमें ईमान का धर्म निभाने की ताकत मिलती है. इंसान को बुरी चीजों से दूर रखती है, इसीलिए मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान हर्षोल्लास से मनाते हैं. जिससे उनका ईमान हमेशा सच्चा रहे. वहीं, बढ़ती गर्मी और चिलचिलाती धूप में भूखे-प्यासे रहना रोजेदारों के लिए कहीं ना कहीं थोड़ी परेशानी का कारण जरूर बन रही है.

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रमजान के पाक महीने में मुस्लिम रोजा रखने से पहले सुबह में सहरी करते हैं. इसे "फज्र"की नमाज से पहले खाया जाता है. वहीं, रमजान के दिनों में रोजा खोलने के लिए खाए जाने वाला भोजन इफ्तार होता है. जिसे "मगरीब" की नमाज से पहले खाया जाता है.

Intro:रांची

पूरे देश में इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है। आज रमजान महीने का पहला रोजा है और मुस्लिम समुदाय अगले 1 महीने तक रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करेंगे।

रमजान की शुरुआत होते ही मुस्लिम समुदाय के लोग उत्साहित हो रहे हैं और इमान का यह पर्व लोगों के सर चढ़ कर बोलने लगा है।

रमजान के इस पवित्र महीना में मुस्लमान लोग चाँद देखकर ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाते हैं।










Body:रोजा रखने वाले रोजादार बताते हैं कि साल में एक बार रोजा का पर्व रखने से हमें ईमान का धर्म निभाने की ताकत मिलती है और इंसान को बुरी चीजों से दूर रखती है इसीलिए मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा का पर्व हर्षोल्लास से मनाते हैं ताकि उनका ईमान हमेशा सच्चा रहे।

वहीं बढ़ती गर्मी और चिलचिलाती धूप में सहरी से इफ्तार तक भूखे प्यासे रहना रोजेदारों के लिए कहीं ना कहीं थोड़ी परेशानी का कारण जरूर बन रही है।


रमजान के पाक महीने में मुस्लिम द्वारा रोजा रखने से पहले सुबह जल्दी खाने वाले भोजन को शहरी कहते हैं,इस खाने को "फज्र"की नमाज से पहले खाया जाता है।

वहीं रमजान के दिनो में रोजा खोलने के लिए खाए जाने वाला भोजन इफ्तार कहते हैं यह रोजेदारों का दिन का दूसरा भोजन होता है जिसे "मगरिब" की नमाज से पहले खाया जाता है।

रमजान को मुस्लिम समुदाय 1 महीने तक मनाते हैं।


बाइट- हाज़ी अब्बास खान, रोजादार
बाइट- मोहम्मद अख्तर हुसैन मौलवी, मस्जिद




Conclusion:
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