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झारखंड में मानसून ने दी दस्तक, किसानों के चेहरे पर मुस्कान

झारखंड में लगभग हर साल मानसून समय पर प्रवेश नहीं करता था, जिसके किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता था, लेकिन इस बार मानसून समय पर पहुंच गया है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. राज्य में मानसून के समय पर पहुंचने से खरीद फसल की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है.

Monsoon arrived on time in Jharkha
झारखंड में आया मानसून
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Published : Jun 14, 2020, 10:25 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण किसानों को कृषि के क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन इसके बावजूद इस बार मॉनसून के सही समय पर झारखंड में प्रवेश करने पर किसानों की चेहरे पे खुशी और मुश्किल साफ देखने को मिल रही है. किसान खरीफ फसल की बुवाई को लेकर अपने खेतों में धान बोने की तैयारी में लग गए हैं. झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें 28 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीक की खेती की जाती है. उसमें अकेले धान की फसल 18 लाख हेक्टेयर में लगाई जाती है.

देखें स्पेशल स्टोरी


किसानों के चेहरे पर मुस्कान
झारखंड भले ही खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य हो, लेकिन यहां पर बड़ी आबादी कृषि पर आश्रित है. ऐसे में मॉनसून सही समय पर आने पर किसानों के चेहरे पर खुशी साफ देखने को मिल रही है. किसान खेतों को तैयार करने में लग गए हैं. किसान दुकानों में धान की बीज खरीदने के लिए पहुंचने लगे हैं. किसान को उम्मीद है कि इस बार मॉनसून किसानों को धोखा नहीं देगा, अच्छी बारिश से धान का पैदावार अच्छा होगा. प्रगतिशील किसान नकुल महतो कहते हैं कि मॉनसून इस बार 2 दिन पहले ही झारखंड में आ गया है, किसान अपने खेतों को पहले से तैयार कर चुके हैं, अब धान की खेती को लेकर बिचड़ा अपने खेतों में लगा रहे हैं उम्मीद है इस बार फसल अच्छी होगी.


समय से दो दिन पहले आया मानसून

झारखंड में 15 जून तक मानसून प्रवेश करने की अनुकूल तिथि मानी जाती है, लेकिन इस बार झारखंड में मानसून ने दो दिन पहले ही दस्तक दे दिया है. ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार मानसून सही समय पर आया है. ऐसे में राज्य में अनुकूल वर्षा होगी, क्योंकि पिछले कई वर्षों से मॉनसून झारखंड में लेट से पहुंची है.


पिछले 3 सालों में मानसून की स्थिति
1. 25 जून 2018 (10 दिन लेट मानसून का प्रवेश)
2. 21 जून 2019 (6 दिन लेट मानसून का प्रवेश)
3. 13 जून 2020 (2 दिन पहले मानसून का प्रवेश)


किसानों को अच्छी फसल होने की उम्मीद
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक ए बदूद ने कहा कि इस बार मॉनसून और प्री मानसून की स्थिति झारखंड में कृषि के लिए बेहतर माना गया है. उन्होंने कहा कि इस बार समय से पहले ही मॉनसून झारखंड में प्रवेश किया है, झारखंड में हर मौसम अनुकूल रहने के कारण किसान अपने खेतों को मानसून से पहले ही तैयार कर लिए हैं, किसान अपने खेतों में धान की बिचड़ा लगाने के लिए लग गए हैं, जुलाई महीने में बिचड़ा तैयार हो जाएगा और किसान अपने खेतों में धान को लगा देंगे, इसके साथ ही खरीफ फसल में बोआई करने वाले फसलों को भी मानसून सही से प्रवेश करने के कारण काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा की इस साल झारखंड में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है, हर बार किसानों को जुलाई महीने में आसमान के ऊपर देखना पड़ता था, लेकिन इस बार किसानों को आसमान की तरफ देखना नहीं पड़ेगा, निश्चित तौर पर अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे फसल का पयदावार अच्छा होगा.

इसे भी पढ़ें:- SPECIAL: निर्मम हत्याकांड के मंजर को आज भी नहीं भूला तिरूलडीह, याद कर कांप जाती है रूह

बंपर फसल होने की उम्मीद
झारखंड में पिछले कई सालों से मानसून समय पर नहीं पहुंचने के कारण किसानों को खेती के क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है. जुलाई-अगस्त महीने में किसानों को बारिश की आस में आसमान की तरफ ताकना पड़ता था. किसानों को सिंचाई के लिए काफी मेहनत करना पड़ता था, लेकिन इस बार झारखंड में जुलाई और अगस्त में बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार राज्य में बंपर फसल होने की उम्मीद जताई जा रही है.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण किसानों को कृषि के क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन इसके बावजूद इस बार मॉनसून के सही समय पर झारखंड में प्रवेश करने पर किसानों की चेहरे पे खुशी और मुश्किल साफ देखने को मिल रही है. किसान खरीफ फसल की बुवाई को लेकर अपने खेतों में धान बोने की तैयारी में लग गए हैं. झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें 28 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीक की खेती की जाती है. उसमें अकेले धान की फसल 18 लाख हेक्टेयर में लगाई जाती है.

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किसानों के चेहरे पर मुस्कान
झारखंड भले ही खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य हो, लेकिन यहां पर बड़ी आबादी कृषि पर आश्रित है. ऐसे में मॉनसून सही समय पर आने पर किसानों के चेहरे पर खुशी साफ देखने को मिल रही है. किसान खेतों को तैयार करने में लग गए हैं. किसान दुकानों में धान की बीज खरीदने के लिए पहुंचने लगे हैं. किसान को उम्मीद है कि इस बार मॉनसून किसानों को धोखा नहीं देगा, अच्छी बारिश से धान का पैदावार अच्छा होगा. प्रगतिशील किसान नकुल महतो कहते हैं कि मॉनसून इस बार 2 दिन पहले ही झारखंड में आ गया है, किसान अपने खेतों को पहले से तैयार कर चुके हैं, अब धान की खेती को लेकर बिचड़ा अपने खेतों में लगा रहे हैं उम्मीद है इस बार फसल अच्छी होगी.


समय से दो दिन पहले आया मानसून

झारखंड में 15 जून तक मानसून प्रवेश करने की अनुकूल तिथि मानी जाती है, लेकिन इस बार झारखंड में मानसून ने दो दिन पहले ही दस्तक दे दिया है. ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार मानसून सही समय पर आया है. ऐसे में राज्य में अनुकूल वर्षा होगी, क्योंकि पिछले कई वर्षों से मॉनसून झारखंड में लेट से पहुंची है.


पिछले 3 सालों में मानसून की स्थिति
1. 25 जून 2018 (10 दिन लेट मानसून का प्रवेश)
2. 21 जून 2019 (6 दिन लेट मानसून का प्रवेश)
3. 13 जून 2020 (2 दिन पहले मानसून का प्रवेश)


किसानों को अच्छी फसल होने की उम्मीद
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक ए बदूद ने कहा कि इस बार मॉनसून और प्री मानसून की स्थिति झारखंड में कृषि के लिए बेहतर माना गया है. उन्होंने कहा कि इस बार समय से पहले ही मॉनसून झारखंड में प्रवेश किया है, झारखंड में हर मौसम अनुकूल रहने के कारण किसान अपने खेतों को मानसून से पहले ही तैयार कर लिए हैं, किसान अपने खेतों में धान की बिचड़ा लगाने के लिए लग गए हैं, जुलाई महीने में बिचड़ा तैयार हो जाएगा और किसान अपने खेतों में धान को लगा देंगे, इसके साथ ही खरीफ फसल में बोआई करने वाले फसलों को भी मानसून सही से प्रवेश करने के कारण काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा की इस साल झारखंड में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है, हर बार किसानों को जुलाई महीने में आसमान के ऊपर देखना पड़ता था, लेकिन इस बार किसानों को आसमान की तरफ देखना नहीं पड़ेगा, निश्चित तौर पर अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे फसल का पयदावार अच्छा होगा.

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बंपर फसल होने की उम्मीद
झारखंड में पिछले कई सालों से मानसून समय पर नहीं पहुंचने के कारण किसानों को खेती के क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है. जुलाई-अगस्त महीने में किसानों को बारिश की आस में आसमान की तरफ ताकना पड़ता था. किसानों को सिंचाई के लिए काफी मेहनत करना पड़ता था, लेकिन इस बार झारखंड में जुलाई और अगस्त में बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार राज्य में बंपर फसल होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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