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स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में मॉड्यूलर टॉयलेट बना मॉडल, लोगों को मिल रहा लाभ - रांची में मॉड्यूलर टॉयलेट से लोगों को फायदा

रांची में स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए 100 से अधिक मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण करवाया गया है. इससे लोगों को भी काफी फायदा पहुंच रहा है. पहले शहर में लोग खुले में शौच करने को मजबूर थे, लेकिन अब मॉड्यूलर टॉयलेट के निर्माण हो जाने से लोगों को काफी सुविधा मिल रही है.

Modular toilets help to make Swachh Bharat Abhiyan a success in ranchi
मॉड्यूलर टॉयलेट से स्वच्छ होता राजधानी
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Published : Jul 9, 2020, 6:28 PM IST

रांची: स्वच्छ भारत अभियान के तहत सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था शहरों में की गई है. राजधानी रांची में 100 से ज्यादा मॉड्यूलर टॉयलेट बनाए गए हैं, ताकि स्वच्छता को बढ़ावा मिले और गंदगी न फैले. मॉड्यूलर टॉयलेट स्थापित होने के बाद लगातार पानी की समस्या और गंदगी का मामला सामने आता रहा है. हालांकि धीरे-धीरे इसमें भी सुधार हो रहे हैं और सभी मॉड्यूलर टॉयलेट में पानी की व्यवस्था की गई है. इसकी देखरेख के लिए अलग कंपनी को जिम्मेवारी दी गई है.

देखें स्पेशल स्टोरी

रांची में 210 मॉड्यूलर टॉयलेट
स्वच्छ भारत अभियान के तहत राजधानी रांची में सार्वजनिक स्थल पर लोगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है, जो शहर में लगभग 1-1 किलोमीटर की दूरी पर बनाए गए हैं. शहरी क्षेत्र के मुख्य चौक चौराहों के आसपास मॉड्यूलर टॉयलेट स्थापित किया गया है, जिसकी वर्तमान में संख्या 120 है, जबकि शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में 40 और मॉड्यूलर टॉयलेट की जरूरत है, लेकिन जगह की कमी की वजह से इसे बनाने को लेकर काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं पहले मॉड्यूलर टॉयलेट में गंदगी और पानी की समस्या लगातार सामने आती थी, जिसकी सफाई के लिए निगम ने पिछले साल से एमडी एजाज एंड कंपनी को इन टॉयलेट के देखरेख की जिम्मेवारी दी है. इन्हें प्रत्येक यूनिट की सफाई और देखरेख के लिए 4 से 5 हजार रुपये प्रति माह निगम भुगतान करता है. इस कंपनी को 3 साल के कार्य के लिए चुना गया है.

इसे भी पढे़ं:- आंखों में चुभता है ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के विधानसभा क्षेत्र में 'विकास' का सच, देखें ये रिपोर्ट


मॉड्यूलर टॉयलेट से लोगों को फायदा
मॉड्यूलर टॉयलेट बनने के बाद आम लोगों को काफी फायदा पहुंचा है. पहले टॉयलेट नहीं होने पर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब मॉड्यूलर टॉयलेट ने महिलाओं की परेशानियों को काफी हद तक दूर कर दिया है. महिलाएं माड्यूलर टॉयलेट का इस्तेमाल कर रही हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो सार्वजनिक शौचालय बनने से लोगों को काफी फायदा पहुंचा है और लोग स्वच्छ भारत अभियान में गंदगी न फैलाकर अपना सहयोग दे रहे हैं. हालांकि कुछ शौचालय में साफ-सफाई की जरूरत है, इस पर नगर निगम को ध्यान देने की जरूरत है.


स्वच्छता के लिए लोगों की मानसिकता बदने की जरूरत
हालांकि शहर को स्वच्छ बनाने में आम लोगों की मानसिकता को बदलने की भी जरूरत है, क्योंकि कई लोग मॉड्यूलर टॉयलेट में लगे सामानों की चोरी करने से भी बाज नहीं आते हैं, जिससे कई बार समस्या होती है. शहर की मेयर आशा लकड़ा ने सार्वजनिक शौचालय को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत के बाद ही लगातार शौचालय का निर्माण करवाया गया और शहर के अंदर पहले 85 मॉड्यूलर टॉयलेट स्थापित किए गए, साथ ही रख रखाव के लिए एक कंपनी को जिम्मेवारी सौंपी गई है. उन्होंने बताया कि पहले पानी की और सफाई की समस्या होती थी, लेकिन अब वह समस्या भी खत्म हो गई है, साथ ही लोग जागरूक हो रहे हैं और मॉड्यूलर टॉयलेट का इस्तेमाल कर स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग दे रहे हैं.

रांची: स्वच्छ भारत अभियान के तहत सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था शहरों में की गई है. राजधानी रांची में 100 से ज्यादा मॉड्यूलर टॉयलेट बनाए गए हैं, ताकि स्वच्छता को बढ़ावा मिले और गंदगी न फैले. मॉड्यूलर टॉयलेट स्थापित होने के बाद लगातार पानी की समस्या और गंदगी का मामला सामने आता रहा है. हालांकि धीरे-धीरे इसमें भी सुधार हो रहे हैं और सभी मॉड्यूलर टॉयलेट में पानी की व्यवस्था की गई है. इसकी देखरेख के लिए अलग कंपनी को जिम्मेवारी दी गई है.

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रांची में 210 मॉड्यूलर टॉयलेट
स्वच्छ भारत अभियान के तहत राजधानी रांची में सार्वजनिक स्थल पर लोगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है, जो शहर में लगभग 1-1 किलोमीटर की दूरी पर बनाए गए हैं. शहरी क्षेत्र के मुख्य चौक चौराहों के आसपास मॉड्यूलर टॉयलेट स्थापित किया गया है, जिसकी वर्तमान में संख्या 120 है, जबकि शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में 40 और मॉड्यूलर टॉयलेट की जरूरत है, लेकिन जगह की कमी की वजह से इसे बनाने को लेकर काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं पहले मॉड्यूलर टॉयलेट में गंदगी और पानी की समस्या लगातार सामने आती थी, जिसकी सफाई के लिए निगम ने पिछले साल से एमडी एजाज एंड कंपनी को इन टॉयलेट के देखरेख की जिम्मेवारी दी है. इन्हें प्रत्येक यूनिट की सफाई और देखरेख के लिए 4 से 5 हजार रुपये प्रति माह निगम भुगतान करता है. इस कंपनी को 3 साल के कार्य के लिए चुना गया है.

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मॉड्यूलर टॉयलेट से लोगों को फायदा
मॉड्यूलर टॉयलेट बनने के बाद आम लोगों को काफी फायदा पहुंचा है. पहले टॉयलेट नहीं होने पर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब मॉड्यूलर टॉयलेट ने महिलाओं की परेशानियों को काफी हद तक दूर कर दिया है. महिलाएं माड्यूलर टॉयलेट का इस्तेमाल कर रही हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो सार्वजनिक शौचालय बनने से लोगों को काफी फायदा पहुंचा है और लोग स्वच्छ भारत अभियान में गंदगी न फैलाकर अपना सहयोग दे रहे हैं. हालांकि कुछ शौचालय में साफ-सफाई की जरूरत है, इस पर नगर निगम को ध्यान देने की जरूरत है.


स्वच्छता के लिए लोगों की मानसिकता बदने की जरूरत
हालांकि शहर को स्वच्छ बनाने में आम लोगों की मानसिकता को बदलने की भी जरूरत है, क्योंकि कई लोग मॉड्यूलर टॉयलेट में लगे सामानों की चोरी करने से भी बाज नहीं आते हैं, जिससे कई बार समस्या होती है. शहर की मेयर आशा लकड़ा ने सार्वजनिक शौचालय को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत के बाद ही लगातार शौचालय का निर्माण करवाया गया और शहर के अंदर पहले 85 मॉड्यूलर टॉयलेट स्थापित किए गए, साथ ही रख रखाव के लिए एक कंपनी को जिम्मेवारी सौंपी गई है. उन्होंने बताया कि पहले पानी की और सफाई की समस्या होती थी, लेकिन अब वह समस्या भी खत्म हो गई है, साथ ही लोग जागरूक हो रहे हैं और मॉड्यूलर टॉयलेट का इस्तेमाल कर स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग दे रहे हैं.

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