रांचीः झारखंड स्थापना दिवस 2016 के उपलक्ष्य में राज्य में स्कूली छात्र-छात्राओं को टॉफी और टी-शर्ट बांटी जानी थी लेकिन करीब 9000 स्कूलों में वितरण हुआ ही नहीं और बिल बनाकर पैसे निकाल लिए गए. विधायक सरयू राय ने प्रश्नकाल के दौरान यह मामला सदन में उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या जमशेदपुर के लाला इंटरप्राइजेज ने टॉफी की आपूर्ति और कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना ने 5 करोड़ के टी-शर्ट की आपूर्ति की थी. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह बात सही है कि लाला इंटरप्राइजेज ने वाणिज्य कर विभाग को इस मद में 14.5% वैट का भुगतान किया है लेकिन उसने वाणिज्य कर विभाग को क्रय विक्रय की वार्षिक विवरणी में टॉफी के क्रय विक्रय का उल्लेख नहीं किया है और न ही विभाग से रोड परमिट लिया है.
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विधायक के सवाल पर मंत्री का जवाब
संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक के दोनों सवालों को सही बताया लेकिन उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर विभाग के जमशेदपुर अंचल में पूरे मामले की जांच की गई है. इसके बाद लाला इंटरप्राइजेज पर 17 लाख एक हजार 500 का जुर्माना लगाया गया है. यह भी बात सामने आई है कि कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना ने रांची, धनबाद, जमशेदपुर में टी-शर्ट आपूर्ति के लिए झारखंड समेत अन्य राज्यों से रोड परमिट नहीं लिया है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि वाणिज्य कर विभाग के जमशेदपुर अंचल ने इस मामले में पंजाब सरकार के वाणिज्य कर विभाग से टी-शर्ट की आपूर्ति से संबंधित पूरा विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
जांच समिति बनाकर कार्रवाई की जाएगी
इस दौरान झामुमो विधायक मथुरा महतो ने कहा कि हमारे क्षेत्र में चॉकलेट की जगह बिस्किट का वितरण किया गया था. सरयू राय ने कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले की पड़ताल कराई है. इसमें जो जानकारी निकलकर सामने आई है, उसके मुताबिक करीब 9000 स्कूलों में टॉफी और टी-शर्ट का वितरण हुआ ही नहीं है. इसके बावजूद फर्जी बिल देकर पैसे की निकासी कर ली गई है. इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह तीन विभागों से जुड़ा मामला है और बहुत जल्द पूरी चर्चा के बाद जांच समिति बनाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.