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रांची: विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मैनहर्ट नियुक्ति घोटाले पर की बात

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Published : Aug 1, 2020, 6:53 PM IST

रांची में शनिवार को विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा. जिसमें विधायक ने मैनहर्ट नियुक्ति घोटाले में उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना न होने की बात कही. वहीं, सरकार निगरानी ब्यूरो की जांच पर कार्रवाई करने की अनुमति देने की बात कही.

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विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखा.

रांची: विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शनिवार को पत्र लिखकर झारखंड उच्च न्यायालय की तरफ से 28 सितंबर 2018 को पारित आदेश की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है. जिससे स्पष्ट है कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश दिया है कि सरकार निगरानी ब्यूरो की जांच पर कार्रवाई करने की अनुमति शीघ्र दे, लेकिन इस आदेश का अनुपालन अभी भी लंबित है.

झारखंड उच्च न्यायालय
विधायक सरयू राय ने कहा है कि एक ओर डबल इंजन की सरकार में कार्रवाई करने की अनुमति निगरानी ब्यूरो को नहीं मिली. तो दूसरी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास कह रहे हैं कि इस मामले में क्लीन चिट मिल गया है. उन्होंने कहा है कि आरंभिक जांच के बाद निगरानी ब्यूरो के तत्कालीन आरक्षी निरीक्षक एमवी राव ने निगरानी आयुक्त से कार्रवाई करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा ने अनुमति नहीं दिया. अब इसी आधार पर उच्च न्यायालय का निर्णय 28.09.2018 को आया कि सरकार आगे की कार्रवाई करने की अनुमति जल्द दें, चूंकि मैनहर्ट नियुक्ति घोटाले के मुख्य किरदार और साजिशकर्ता रघुवर दास ही उस समय राज्य के मुख्यमंत्री थे. इसलिए स्वाभाविक है कि उनकी सरकार ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और अनुमति नहीं दी.

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विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखा.
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विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखा.


इसे भी पढ़ें-सीएम हेमंत में प्रशासनिक कुशलता नहीं, कोरोना से लड़ने में राज्य सरकार पूरी तरह फेल: जयंत सिन्हा


उचित कार्रवाई करने का निर्देश
विधायक सरयू राय ने कहा है कि शायद इसे ही वे क्लीन चिट मान रहे हैं. निगरानी ब्यूरो को इस विषय में कार्यवाई करने का उच्च न्यायालय का आदेश अब भी लंबित रहेगा. तो माना जाएगा कि यह सरकार भी न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रही है. इसके विरुद्ध न्यायालय के अवमानना की कार्रवाई नियमानुसार की जा सकती है. ऐसे में उन्होंने अनुरोध किया है कि इस मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश देना चाहिए.

रांची: विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शनिवार को पत्र लिखकर झारखंड उच्च न्यायालय की तरफ से 28 सितंबर 2018 को पारित आदेश की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है. जिससे स्पष्ट है कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश दिया है कि सरकार निगरानी ब्यूरो की जांच पर कार्रवाई करने की अनुमति शीघ्र दे, लेकिन इस आदेश का अनुपालन अभी भी लंबित है.

झारखंड उच्च न्यायालय
विधायक सरयू राय ने कहा है कि एक ओर डबल इंजन की सरकार में कार्रवाई करने की अनुमति निगरानी ब्यूरो को नहीं मिली. तो दूसरी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास कह रहे हैं कि इस मामले में क्लीन चिट मिल गया है. उन्होंने कहा है कि आरंभिक जांच के बाद निगरानी ब्यूरो के तत्कालीन आरक्षी निरीक्षक एमवी राव ने निगरानी आयुक्त से कार्रवाई करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा ने अनुमति नहीं दिया. अब इसी आधार पर उच्च न्यायालय का निर्णय 28.09.2018 को आया कि सरकार आगे की कार्रवाई करने की अनुमति जल्द दें, चूंकि मैनहर्ट नियुक्ति घोटाले के मुख्य किरदार और साजिशकर्ता रघुवर दास ही उस समय राज्य के मुख्यमंत्री थे. इसलिए स्वाभाविक है कि उनकी सरकार ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और अनुमति नहीं दी.

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विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखा.
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विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखा.


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उचित कार्रवाई करने का निर्देश
विधायक सरयू राय ने कहा है कि शायद इसे ही वे क्लीन चिट मान रहे हैं. निगरानी ब्यूरो को इस विषय में कार्यवाई करने का उच्च न्यायालय का आदेश अब भी लंबित रहेगा. तो माना जाएगा कि यह सरकार भी न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रही है. इसके विरुद्ध न्यायालय के अवमानना की कार्रवाई नियमानुसार की जा सकती है. ऐसे में उन्होंने अनुरोध किया है कि इस मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश देना चाहिए.

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