रांची: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का आज 63वां जन्मदिन है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने राजभवन जाकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी और अपनी नई प्रकाशित पुस्तक 'रहबर के राहजनी' की प्रति राज्यपाल को भेंट की.
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सरयू राय ने राज्यपाल को लिखे ज्ञापन में कहा है कि झारखंड हाई कोर्ट के निर्णयों की आड़ में खान विभाग और वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारी अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं. जिसपर लगाम लगाने की जरूरत है.
क्या लिखा है सरयू राय ने राज्यपाल को ज्ञापन में
सरयू राय ने राज्यपाल को लिखे ज्ञापन में लिखा है कि अदालत के आदेशों की गलत व्याख्या कर खनन का पट्टा खान विभाग और वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के मिली भगत से दे दिया गया और लौह अयस्क को विशाखापट्टनम ले जाने की अनुमति दे दी गई.
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जांच के बिना लौह अयस्क विशाखापट्टनम ले जाने की दी अनुमति
सरयू राय ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि जांच किए बिना वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक, झारखंड को निर्देश दे दिया है, कि खान एवं भूतत्व विभाग, झारखंड, रांची के पत्र के आलोक में त्वरित निर्णय लेते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा की जाय. पत्र की प्रतिलिपि क्षेत्रीय मुख्य संरक्षक, जमशेदपुर और वन प्रमंडल पदाधिकारी, सारंडा को भी भेज दी गई है. खान विभाग की मंशा को भांपते हुए जिला खनन पदाधिकारी, चाईबासा ने पहले ही दो व्यवसायियों ग्लोबल ट्रेडर्स और अनिमेष इस्पात को रेल रैक से प्रासंगिक लौह अयस्क को विशाखापट्टनम ले जाने का परमिट जारी कर दिया है.
खान विभाग ने हाई कोर्ट के निर्णयों को गलत ढंग से किया प्रस्तुत- सरयू राय
सरयू राय ने खान विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि कारण जो भी हो, झारखंड हाई कोर्ट के निर्णय का उल्लेख गलत संदर्भ में किया है और इसकी जांच जरूरी है.