रांचीः पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान विधायक बंधु तिर्की ने सोमवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रारम्भिक उर्दू स्कूलों में पूर्व की तरह शुक्रवार को ही साप्ताहिक छुट्टी दिए जाने की मांग की है. तिर्की ने पत्र में कहा कि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी अवकाश तालिका में उर्दू के प्रारंभिक विद्यालयों में शुक्रवार को रहने वाली साप्ताहिक छुट्टी को समाप्त कर इसे रविवार के दिन कर दिया गया है, विधायक ने कहा कि यह बिल्कुल अनुचित और संविधान में दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है.
तिर्की ने कहा कि ब्रिटिशकाल से ही सरकार की ओर से पूरे देश में संचालित हिंदी और उर्दू स्कूलों के लिए साप्ताहिक छुट्टी अलग-अलग दिन निर्धारित की गई थी. इसके अनुसार उर्दू स्कूल के लिए शुक्रवार और हिंदी स्कूलों के लिए छुट्टी रविवार को तय की गई थी. देश की आजादी के बाद संयुक्त बिहार में और पुराने राज्य से झारखंड के अलग होने के बाद भी यह व्यवस्था जारी रही. इससे शुक्रवार को होने वाली विशेष जुमा की नमाज में शिक्षक और छात्र भी ले सकते थे. इसके बदले रविवार को उर्दू स्कूल संचालित रहते थे. लेकिन इसकी अनदेखी कर दी गई.
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तिर्की ने कहा कि वहीं अन्य त्योहारों में भी छुट्टी देने में भी उपेक्षा की गई है, जो समानता के अधिकार का भी उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि उर्दू स्कूलों में सुधार करना ही था तो शिक्षक संगठनों और समाजिक संगठनों से पहले वार्ता की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा न कर एकाएक निर्णय लेना न्यायसंगत नहीं है. इस निर्णय से अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज में रोष व्याप्त है. इसलिए इस आदेश को निरस्त करते हुए पूर्व की तरह ही विद्यालयों में छुट्टी की व्यवस्था रहने दी जाय.