रांची: सीबीआई की विशेष कोर्ट से आय से अधिक संपत्ति मामले में सजायाफ्ता विधायक बंधु तिर्की ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर करते हुए निचली अदालत से मिली सजा को चुनौती दी है. अदालत से मिले प्रोविजनल बेल को भी कंफर्म करने की गुहार लगाई है. सीबीआई की विशेष अदालत ने विधायक को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी मानते हुए 3 साल की सजा और 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. उसी फैसले को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.
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विधायक बंधु तिर्की ने अपील याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट से गुहार लगाई है कि सीबीआई की विशेष अदालत से जो सजा दी गई है, वह सही नहीं है. इसलिए इस सजा को रद्द कर दिया जाए. उन्होंने सीबीआई पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि सीबीआई ने जो इल्जाम विधायक के ऊपर लगाए हैं. उसे बिना प्रूफ किए उन्हें यह सजा दी गई है. इसलिए यह सजा सही नहीं है. अदालत के इस फैसले को रद्द किया जाना चाहिए.
दरअसल, आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को विधायक बंधु तिर्की को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने दोषी करार देते हुए, 3 साल की सजा और 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2)13(1) 13 (3) के तहत उन्हें दोषी करार दिया गया है. यह मामला साल 2010 में दर्ज किया गया था. इस केस का नंबर आरसी 5(A) 2010 है. सीबीआई के अनुसार बंधु तिर्की ने अपने विधायक और मंत्री रहने के दौरान साल 2005 से लेकर साल 2009 के बीच 6 लाख 28 हजार 698 रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है.
झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर 4 अगस्त 2010 को CBI ने विजिलेंस केस नंबर 09/09 की जांच को टेकओवर करते हुए 11 अगस्त 2010 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी. जांच के बाद 21 मार्च 2013 को CBI ने बंधु तिर्की की आय, संपत्ति और व्यय का विवरण देते हुए क्लोजर रिपोर्ट न्यायालय में जमा की थी. सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर संज्ञान के बाद 16 जनवरी 2019 को आरोप गठित हुआ था.