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कांग्रेस कार्यालय में अब नहीं लगता मंत्रियों का जनता दरबार, जानिए, क्या कहते हैं आला नेता

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Published : Oct 16, 2022, 9:14 AM IST

Updated : Oct 16, 2022, 10:53 AM IST

रांची में कांग्रेस कार्यालय में अब मंत्रियों का जनता दरबार नहीं लगता (Ministers Janta Darbar still closed) है. जबकि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने हर शनिवार को जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया था. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट से जानिए, इसको लेकर झारखंड कांग्रेस के आला नेता क्या कहते हैं और क्या रही जनता दरबार बंद होने की (Congress Janta Darbar) वजह.

Ministers Janta Darbar still closed at Congress office in Ranchi
रांची

रांचीः जनता दरबार, यानी फरियादियों के एक उचित मंच, जहां से वो अपनी समस्याओं को लेकर सीधे अपने जनप्रतिनिधियों से बात कर सकते हैं. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपने पार्टी कार्यालय में हर शनिवार जनता दरबार लगाने की पहल की. प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के निर्देश पर रोटेशन पर कांग्रेस कोटे के मंत्री लोगों की समस्याएं सुनकर उनका निदान तत्काल करते या संबंधित विभाग को हस्तांतरित करते थे. लेकिन अब रांची में कांग्रेस कार्यालय में जनता दरबार (Janta Darbar still closed at Congress office) लगना बंद हो गया. इसको लेकर पार्टी के आला नेताओं की अपनी राय है.

इसे भी पढ़ें- जब स्वास्थ्य मंत्री के जनता दरबार में फूट-फूटकर रोये फरियादी, जानिए फिर क्या हुआ

झारखंड में महागठबंधन की सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों को महीने के हर शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रोटेशन पर मंत्रियों को जनता दरबार लगाने के निर्देश दिए गए थे. शुरुआती एक-डेढ़ महीने जनता दरबार (Congress Janta Darbar) लगा. जिसमें पार्टी के ग्रासरूट लेवल के कार्यकर्ता से लेकर आम शिकायतकर्ताओं की शिकायत सुनी गईं. इसे मौके पर ही सिविल सर्जन, बीडीओ, सीओ, डीसी तक को निर्देश देकर समस्या का समाधान भी किया गया. लेकिन धीरे-धीरे जनता दरबार बंद हो गया और फरियादियों का आना भी पार्टी के दफ्तर में बंद हो गया. अब कांग्रेस कार्यालय में मंत्रियों का जनता दरबार लगभग तीन से बंद है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


इसको लेकर कांग्रेस पार्टी के पुराने नेता निरंजन पासवान कहते हैं कि मंत्रियों का जनता दरबार बेहद उम्दा और बढ़िया कार्यक्रम था. इसका लाभ आम जनता को मिल भी रहा था लेकिन यह बंद है, जिसे फिर शुरू होना चाहिए. वहीं पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा भी इसे जरूरी बताते हुए कहते हैं कि यह बेहतरीन कार्यक्रम था, जिसमें जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाती थी और उसका निपटारा भी होता था. ऐसे कार्यक्रम को दोबारा शुरू करना चाहिए.

75 से 100 की संख्या में आते थे फरियादीः शुरुआत के दिनों में जब कई शनिवार को जनता दरबार लगा, तब यह लोगों को काफी आकर्षित कर रहा था. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर शनिवार को जब जनता दरबार लगता था, तब 75 से 100 की संख्या में फरियादी पहुंचते थे. इस दौरान मंत्री भी मौके पर लोगों की समस्या का समाधान करने की कोशिश करते थे या फिर संबंधित विभाग को हस्तांरित कर तुरंत संज्ञान लेने के निर्देश देते थे. ऑन द स्पॉट समस्या का निराकरण होने से आम लोगों में काफी उत्साह था. इसके अलावा पार्टी के छोटे कार्यकर्ताओं को अपने बड़े नेताओं के साथ रूबरू होने का मौका भी मिलता था और संगठन पर इसका असर भी पड़ता था.

क्या कहते हैं मंत्री आलमगीर आलमः कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और महासचिव अविनाश पांडे के आदेश के बावजूद जनता दरबार नहीं लगने के सवाल पर कांग्रेस विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम कहते हैं कि पार्टी कार्यालय में जनता दरबार का कार्यक्रम स्थगित (Ministers Janta Darbar still closed) नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि अब कोई ना कोई मंत्री पार्टी कार्यालय यूं ही किसी ना किसी काम से चले ही जाते हैं, ऐसे में उस समय ही कार्यकर्ताओं की समस्या सुन लेते हैं. यही वजह है कि अलग से शनिवार को मंत्रियों का जनता दरबार नहीं लग रहा है. लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी दफ्तर में जनता दरबार बहुत जल्द शुरू किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री ने लगाया जनता दरबार, टूटने नहीं देंगे जनता का भरोसा- बन्ना गुप्ता


जनता दरबार बंद होने के पीछे की वजह को लेकर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इन दिनों कांग्रेस की राज्य में एक्टिविटी काफी बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा, संगठन चुनाव, जिलावार समीक्षा बैठक और एक-एक मंत्री के जिम्मे छह-छह जिले का प्रभार देने के बाद उन जिलों का दौरा करने के कारण काफी व्यस्तता है. उन्होंने कहा कि अब पार्टी में संगठन चुनाव पूरा होने और पर्व त्योहार के बाद कांग्रेस कार्यालय में जनता दरबार फिर से शुरू किया जाएगा.

रांचीः जनता दरबार, यानी फरियादियों के एक उचित मंच, जहां से वो अपनी समस्याओं को लेकर सीधे अपने जनप्रतिनिधियों से बात कर सकते हैं. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपने पार्टी कार्यालय में हर शनिवार जनता दरबार लगाने की पहल की. प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के निर्देश पर रोटेशन पर कांग्रेस कोटे के मंत्री लोगों की समस्याएं सुनकर उनका निदान तत्काल करते या संबंधित विभाग को हस्तांतरित करते थे. लेकिन अब रांची में कांग्रेस कार्यालय में जनता दरबार (Janta Darbar still closed at Congress office) लगना बंद हो गया. इसको लेकर पार्टी के आला नेताओं की अपनी राय है.

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झारखंड में महागठबंधन की सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों को महीने के हर शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रोटेशन पर मंत्रियों को जनता दरबार लगाने के निर्देश दिए गए थे. शुरुआती एक-डेढ़ महीने जनता दरबार (Congress Janta Darbar) लगा. जिसमें पार्टी के ग्रासरूट लेवल के कार्यकर्ता से लेकर आम शिकायतकर्ताओं की शिकायत सुनी गईं. इसे मौके पर ही सिविल सर्जन, बीडीओ, सीओ, डीसी तक को निर्देश देकर समस्या का समाधान भी किया गया. लेकिन धीरे-धीरे जनता दरबार बंद हो गया और फरियादियों का आना भी पार्टी के दफ्तर में बंद हो गया. अब कांग्रेस कार्यालय में मंत्रियों का जनता दरबार लगभग तीन से बंद है.

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इसको लेकर कांग्रेस पार्टी के पुराने नेता निरंजन पासवान कहते हैं कि मंत्रियों का जनता दरबार बेहद उम्दा और बढ़िया कार्यक्रम था. इसका लाभ आम जनता को मिल भी रहा था लेकिन यह बंद है, जिसे फिर शुरू होना चाहिए. वहीं पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा भी इसे जरूरी बताते हुए कहते हैं कि यह बेहतरीन कार्यक्रम था, जिसमें जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाती थी और उसका निपटारा भी होता था. ऐसे कार्यक्रम को दोबारा शुरू करना चाहिए.

75 से 100 की संख्या में आते थे फरियादीः शुरुआत के दिनों में जब कई शनिवार को जनता दरबार लगा, तब यह लोगों को काफी आकर्षित कर रहा था. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर शनिवार को जब जनता दरबार लगता था, तब 75 से 100 की संख्या में फरियादी पहुंचते थे. इस दौरान मंत्री भी मौके पर लोगों की समस्या का समाधान करने की कोशिश करते थे या फिर संबंधित विभाग को हस्तांरित कर तुरंत संज्ञान लेने के निर्देश देते थे. ऑन द स्पॉट समस्या का निराकरण होने से आम लोगों में काफी उत्साह था. इसके अलावा पार्टी के छोटे कार्यकर्ताओं को अपने बड़े नेताओं के साथ रूबरू होने का मौका भी मिलता था और संगठन पर इसका असर भी पड़ता था.

क्या कहते हैं मंत्री आलमगीर आलमः कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और महासचिव अविनाश पांडे के आदेश के बावजूद जनता दरबार नहीं लगने के सवाल पर कांग्रेस विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम कहते हैं कि पार्टी कार्यालय में जनता दरबार का कार्यक्रम स्थगित (Ministers Janta Darbar still closed) नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि अब कोई ना कोई मंत्री पार्टी कार्यालय यूं ही किसी ना किसी काम से चले ही जाते हैं, ऐसे में उस समय ही कार्यकर्ताओं की समस्या सुन लेते हैं. यही वजह है कि अलग से शनिवार को मंत्रियों का जनता दरबार नहीं लग रहा है. लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी दफ्तर में जनता दरबार बहुत जल्द शुरू किया जाएगा.

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जनता दरबार बंद होने के पीछे की वजह को लेकर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इन दिनों कांग्रेस की राज्य में एक्टिविटी काफी बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा, संगठन चुनाव, जिलावार समीक्षा बैठक और एक-एक मंत्री के जिम्मे छह-छह जिले का प्रभार देने के बाद उन जिलों का दौरा करने के कारण काफी व्यस्तता है. उन्होंने कहा कि अब पार्टी में संगठन चुनाव पूरा होने और पर्व त्योहार के बाद कांग्रेस कार्यालय में जनता दरबार फिर से शुरू किया जाएगा.

Last Updated : Oct 16, 2022, 10:53 AM IST
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