ETV Bharat / state

रांची: ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का दावा, कुशल श्रमिकों को रोजगार देना सरकार के लिए एक चुनौती

author img

By

Published : Jun 5, 2020, 8:53 PM IST

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त और उप विकास आयुक्त के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम भी मौजूद रहे. बैठक के बाद मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुशल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देना है, जिसपर विशेष चर्चा की गई.

Minister Alamgir Alam claims, giving employment to workers a challenge in jharkhand
जानकारी देते मंत्री आलमगीर आलम

रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुशल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सभी जिले के उपायुक्त और उप विकास आयुक्त की वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई बैठक में हिस्सा लेने के बाद आलमगीर आलम ने कहा कि विभाग के सर्वेक्षण के बाद एक बात सामने निकलकर आई है, कि कोरोना महामारी के बाद झारखंड वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों में कुशल श्रमिकों का प्रतिशत ज्यादा है.

देखें पूरी खबर

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा की गुजरात की ही चर्चा करें तो वहां से लौटने वाले ज्यादातर प्रवासी मजदूर या तो कपड़ा के मिल में काम करते थे या फिर हीरे जवाहरात से जुड़े व्यवसाय में जुड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि जो स्किल्ड मजदूर है वह निश्चित रूप से मजदूरी का काम नहीं करेगा, उसको लेकर भी मुख्यमंत्री से बात हुई है.


मनरेगा, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी हुई चर्चा

मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्र में भी लोगों को काम मिले, इसको लेकर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई है, साथ ही उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हुई बैठक में मनरेगा के अलावा खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि यह भी बात सामने आ रही है कि बहुत सारे मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में है, उनमें से कई की जांच है की गई, लेकिन अभी तक उनका रिपोर्ट नहीं आया है. ऐसे में इस पर भी चर्चा हुई है कि रिजल्ट देने में गति बढ़ाई जाए.

इसे भी पढे़ं:- रांची: कोरोना के कारण नहीं लगेगा ऐतिहासिक जगन्नाथ मेला, पुजारियों ने शुरू की भगवान की आराधना


प्रवासी मजदूरों के लिए बने नीति
एक सवाल के जवाब में आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार की एक पॉलिसी होनी चाहिए, ताकि उसे पता चले कि प्रवासी मजदूरों की वास्तविक संख्या क्या है. उन्होंने कहा कि दरअसल लॉकडाउन की वजह से यह बात सामने आई कि जहां 10 मजदूर फंसे हुए हैं उन लोगों ने संख्या 25 बताई. उन्होंने कहा कि गिरिडीह क्षेत्र को लेकर यह बात कही जा रही थी कि 2 लाख प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि वहां 66 हजार प्रवासी मजदूर अभी तक लौटे हैं.

रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुशल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सभी जिले के उपायुक्त और उप विकास आयुक्त की वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई बैठक में हिस्सा लेने के बाद आलमगीर आलम ने कहा कि विभाग के सर्वेक्षण के बाद एक बात सामने निकलकर आई है, कि कोरोना महामारी के बाद झारखंड वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों में कुशल श्रमिकों का प्रतिशत ज्यादा है.

देखें पूरी खबर

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा की गुजरात की ही चर्चा करें तो वहां से लौटने वाले ज्यादातर प्रवासी मजदूर या तो कपड़ा के मिल में काम करते थे या फिर हीरे जवाहरात से जुड़े व्यवसाय में जुड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि जो स्किल्ड मजदूर है वह निश्चित रूप से मजदूरी का काम नहीं करेगा, उसको लेकर भी मुख्यमंत्री से बात हुई है.


मनरेगा, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी हुई चर्चा

मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्र में भी लोगों को काम मिले, इसको लेकर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई है, साथ ही उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हुई बैठक में मनरेगा के अलावा खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि यह भी बात सामने आ रही है कि बहुत सारे मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में है, उनमें से कई की जांच है की गई, लेकिन अभी तक उनका रिपोर्ट नहीं आया है. ऐसे में इस पर भी चर्चा हुई है कि रिजल्ट देने में गति बढ़ाई जाए.

इसे भी पढे़ं:- रांची: कोरोना के कारण नहीं लगेगा ऐतिहासिक जगन्नाथ मेला, पुजारियों ने शुरू की भगवान की आराधना


प्रवासी मजदूरों के लिए बने नीति
एक सवाल के जवाब में आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार की एक पॉलिसी होनी चाहिए, ताकि उसे पता चले कि प्रवासी मजदूरों की वास्तविक संख्या क्या है. उन्होंने कहा कि दरअसल लॉकडाउन की वजह से यह बात सामने आई कि जहां 10 मजदूर फंसे हुए हैं उन लोगों ने संख्या 25 बताई. उन्होंने कहा कि गिरिडीह क्षेत्र को लेकर यह बात कही जा रही थी कि 2 लाख प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि वहां 66 हजार प्रवासी मजदूर अभी तक लौटे हैं.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.