रांचीः कोरोना काल में मध्यान्ह भोजन वितरण में काफी परेशानी हुई. इस परेशानी को देखते हुए झारखंड सरकार ने नई योजना के तहत मिड डे मील का वितरण शुरू किया, ताकि बच्चों को मिड डे मील मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो. इसको लेकर शिक्षा सचिव और प्राथमिक शिक्षक निदेशक के साथ साथ विभिन्न शिक्षक संघों के साथ बैठक की गई, जिसमें व्यापक विचार विमर्श कर कार्ययोजना तैयार की गई. लेकिन रांची समेत सात जिलों में अब भी बच्चों को मिड डे मील नहीं मिल रहा है.
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केंद्र सरकार की ओर से मिड डे मील को लेकर फंड आवंटित है. लेकिन केंद्र सरकार से आवंटित राशि अब तक खर्च नहीं की गई है. मार्च 2022 तक यह फंड खर्च नहीं की गई तो लेप्स कर जाएगी. इसको देखते हुए स्कूल के प्रधानाध्यकों को अपने स्तर से 5000 रुपये तक खर्च करने का अधिकार दिया गया है. प्रधानाध्यापक अपने स्तर से स्कूल के आधारभूत संरचना पर खर्च कर सकते हैं. आधारभूत संरचना के तहत शैलाचल, पीने के पानी की व्यवस्था और विद्यालयों के रंग रोगन आदि शामिल है.
राज्य के स्कूलों की आधारभूत संरचना के साथ साथ मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए. इसको लेकर राज्य सरकार तत्पर है. इसके साथ ही मिड डे मील वितरण की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि योजनाबद्ध तरीके से राशि को खर्च किया जा सके. इसी योजना के तहत तमाम स्कूलों में मध्याह्न भोजन वितरित की जा रही है. हालांकि, अब भी यह व्यवस्था सुचारू नहीं हुआ है. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से मिले फंड को अब तक खर्च नहीं किया जा सका है. राशि स्कूलों में कैसे खर्च हो, इसको लेकर लगातार विचार-विमर्श का दौर जारी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मिड डे मील व्यवस्था को बेहतर कर लिया जाएगा. तमाम शिक्षक संघ भी राज्य सरकार के इस योजना के साथ हैं.