रांची: जिले में आदिवासी जन परिषद की बैठक केंद्रीय कार्यालय में प्रेम शाही मुंडा की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में प्रमुख रूप से आदिवासियों के धार्मिक पहचान के लिए धर्म कोड लागू करने के लिए चिंतन और मंथन किया गया.
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धर्मकोड एक संवेदनशील मामला
मौके पर कहा गया कि आदिवासियों के लिए धर्मकोड एक संवेदनशील मामला है, लेकिन कुछ राजनेता वोट की राजनीति करने के लिए आदिवासियों के धर्मकोड के नाम पर मजाक कर रहे है. आंख में धूल झोककर आदिवासी युवक-युवतियों का मजाक बनाकर रख दिया है. वहीं, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने आदिवासी समाज को धैर्यपूर्वक रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए धर्म कोड राज्य से नहीं बल्कि केंद्र सरकार की ओर से ही लागू हो सकती है. इसलिए अभी खुशी मनाकर अपना समय व्यर्थ न करते हुए सरना धर्म कोड के लिए एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहें.