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रांची: पिस्का मोड़ सत्यारी सरना में बैठक, राम मंदिर निर्माण में मिट्टी ले जाने का विरोध

रांची में शुक्रवार को पिस्का मोड़ सत्यारी सरना स्थल में एक बैठक का आयोजन किया गया. जहां सरना स्थल से राम मंदिर निर्माण में मिट्टी ले जाने का आदिवासी सेना ने विरोध किया है. साथ ही कहा कि रूढ़ीवादी परंपरा संस्कृति का माजाक उड़ाया जा रहा है.

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केन्द्रीय आदिवासी सेना का जोरदार विरोध
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Published : Jul 24, 2020, 9:53 PM IST

रांची: केंद्रीय आदिवासी सेना के तत्वावधान में पिस्का मोड़ सत्यारी सरना स्थल में एक अहम बैठक की गई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप और संचालन चरकू उरांव ने की. बैठक में कहा गया कि झारखंड के सरना स्थल से अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए पवित्र मिट्टी ले जाने की घोषणा की गई है, जिसका केंद्रीय आदिवासी सेना जोरदार विरोध करती है. क्योंकि ऐसा करने से आदिवासियों को हिन्दू में धर्मांतरण का संकेत माना जाएगा.


पिस्का मोड़ सत्यारी सरना की बैठक
केन्द्रीय आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि पहान पुजारी जो अपने अस्था से जुड़ा पवित्र मिट्टी से खिलवाड़ कर रहे हैं वो अपने समाज परिवार के साथ धोखा दे रहे हैं, सौदा कर रहे. सरना स्थल से मिट्टी की क्या जरूरत है, हर गांव के पहान, महतो, कोटवार, धर्म अगुवा, समाज अगुवा इत्यादि आप लोग किसी भी हालत में सरना स्थल का मिट्टी न दें. हम आदिवासियों को बांटने का बहुत बड़ा साजिश कर रहे हैं, आदिवासियों को कठपुतली बनना चाहता है.


इसे भी पढ़ें-झारखंड में लगातार बढ़ रहा कोरोना, अब तक 7,250 लोग संक्रमित, 71 की मौत


आदिवासियों की संस्कृति पहचान में खतरा
वर्तमान समय में समाज का राजनीतिकरण कर आदिवासी रूढ़ीवादी पंरपरा संस्कृति का मजाक उड़ाया जा रहा है. आदिवासियों को हिन्दू में जोड़ा जा रहा है, आदिवासियों की संस्कृति पहचान में खतरा उत्पन्न हो गया है. आदिवासी समाज अपनी पहचान के लिए सरना धर्म कोड की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग आदिवासी को हिन्दू बनाने में तुले हुए हैं. इसका नतीजा समूचे विश्व के आदिवासियों को हिन्दू में धर्मांतरण का षड्यंत्र मंडराने लगा है. बाइस पड़हा सामाजिक उत्थान संस्थान के अध्यक्ष बुधवा उरांव ने कहा कि सरना स्थल की मिट्टी उठना हमारे आदिवासी समाज के समाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से छेड़छाड़ है.

रांची: केंद्रीय आदिवासी सेना के तत्वावधान में पिस्का मोड़ सत्यारी सरना स्थल में एक अहम बैठक की गई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप और संचालन चरकू उरांव ने की. बैठक में कहा गया कि झारखंड के सरना स्थल से अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए पवित्र मिट्टी ले जाने की घोषणा की गई है, जिसका केंद्रीय आदिवासी सेना जोरदार विरोध करती है. क्योंकि ऐसा करने से आदिवासियों को हिन्दू में धर्मांतरण का संकेत माना जाएगा.


पिस्का मोड़ सत्यारी सरना की बैठक
केन्द्रीय आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि पहान पुजारी जो अपने अस्था से जुड़ा पवित्र मिट्टी से खिलवाड़ कर रहे हैं वो अपने समाज परिवार के साथ धोखा दे रहे हैं, सौदा कर रहे. सरना स्थल से मिट्टी की क्या जरूरत है, हर गांव के पहान, महतो, कोटवार, धर्म अगुवा, समाज अगुवा इत्यादि आप लोग किसी भी हालत में सरना स्थल का मिट्टी न दें. हम आदिवासियों को बांटने का बहुत बड़ा साजिश कर रहे हैं, आदिवासियों को कठपुतली बनना चाहता है.


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आदिवासियों की संस्कृति पहचान में खतरा
वर्तमान समय में समाज का राजनीतिकरण कर आदिवासी रूढ़ीवादी पंरपरा संस्कृति का मजाक उड़ाया जा रहा है. आदिवासियों को हिन्दू में जोड़ा जा रहा है, आदिवासियों की संस्कृति पहचान में खतरा उत्पन्न हो गया है. आदिवासी समाज अपनी पहचान के लिए सरना धर्म कोड की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग आदिवासी को हिन्दू बनाने में तुले हुए हैं. इसका नतीजा समूचे विश्व के आदिवासियों को हिन्दू में धर्मांतरण का षड्यंत्र मंडराने लगा है. बाइस पड़हा सामाजिक उत्थान संस्थान के अध्यक्ष बुधवा उरांव ने कहा कि सरना स्थल की मिट्टी उठना हमारे आदिवासी समाज के समाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से छेड़छाड़ है.

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