नई दिल्ली: मंगलवार को जनजातीय कार्य, ग्रामीण विकास, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण सहित अन्य मंत्रालयों की एक बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद थे. इसे लेकर अर्जुन मुंडा ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समन्वय के साथ मजबूती देने के उद्देश्य से यह बैठक हुई थी, बैठक में महिलाओं की स्वयं सहायता समूहों को और मजबूती देने और उनके स्किल डेवेलपमेंट पर बात हुई है.
बैठक में जानकारी दी गई कि आज देश में लगभग 7.20 करोड़ सदस्यों के साथ 66 लाख स्वयं सहायता समूह हैं. इसीलिए आज न केवल आजीविका के लिए, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण के लिए भी इन चारों मंत्रालयों की योजनाओं में जबरदस्त क्षमता व्यापत हैं.
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बता दें आज की बैठक में आदिवासी कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिवों के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जैसे दीनदयाल अंत्योदय योजना- एनआरएलएम, मनरेगा, पीएम आवास योजना- ग्रामीण, पीएम ग्राम सड़क योजना के माध्यम से जनजातीय बहुल क्षेत्रों में आजीविका कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक समन्वयवादी दृष्टिकोण को मजबूत करेगा. अर्जुन मुंडा ने आजीविका के अवसरों की उपलब्धता बढ़ाने, ग्रामीण और वनउपजों के मूल्य वर्धन को बढ़ाते हुए, आत्मनिर्भर भारत बनाने की पीएम मोदी के इस दृष्टिकोण को पूर्ण करने के उद्देश्य से इस पहल का स्वागत किया. उन्होंने समग्र विकास को प्राप्त करने के लिए मौजूदा अंतरालों की पहचान करने और उन्हें पूरा करने पर भी जोर दिया है.