रांची: राज्य में सूखे का आकलन करने के लिए झारखंड दौरे पर आई केंद्रीय टीम के साथ राज्य के आला अधिकारियों की बैठक हुई (Meeting of central team in Ranchi). नेपाल हाउस स्थित सभागार में हुई इस बैठक में विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, आपदा सचिव अमिताभ कौशल, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दकी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारी समेत राज्य सरकार के कई पदाधिकारी मौजूद रहे.
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भारत सरकार की संयुक्त सचिव एस रुक्मिणी के नेतृत्व में आई इस केंद्रीय टीम में विभिन्न विभागों के दस पदाधिकारी मौजूद हैं. झारखंड में यह टीम 13 जनवरी तक रहेगी. बैठक में राज्य सरकार द्वारा भेजे गये सूखा रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई. राज्य के आला अधिकारियों के साथ केंद्रीय टीम की बैठक करीब डेढ घंटे तक चली. बैठक के बाद टीम स्थलीय जांच के लिए राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा करेगी.
भारत सरकार से 9250 करोड़ की मांग: इधर झारखंड सरकार ने सूखा राहत सहायता मद में करीब 9250 करोड़ की राहत पैकेज देने की मांग भारत सरकार से की है. विकास आयुक्त ने यह मांग राज्य में सूखा का आकलन करने के लिए झारखंड दौरे पर आई केंद्रीय टीम के समक्ष रखी. इस बैठक में राज्य सरकार द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से सूखा की स्थिति से केंद्रीय टीम को अवगत कराया गया. बैठक के बाद विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के 22 जिले सूखा प्रभावित रहे हैं. राज्य में करीब 54 लाख किसान परिवार हैं, जिसमें 21 लाख किसान परिवार प्रभावित हुए हैं. भारत सरकार से हमने 9250 करोड़ की सहायता राशि मांगी है, जिससे किसानों को राहत पहुंचाया जा सके. इधर केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रही भारत सरकार के संयुक्त सचिव एस रुक्मिणी ने कहा की राज्य सरकार के द्वारा प्रजेंटेशन के माध्यम से रिपोर्ट सौंपी गई है. इसकी स्थलीय जांच के बाद यह टीम भारत सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी.
विभिन्न जिलों का दौरा करेगी केंद्रीय टीम: झारखंड में सूखा का आकलन करने के लिए आई केंद्रीय टीम राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कल से करेगी. केन्द्रीय टीम में दस पदाधिकारी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है. जानकारी के मुताबिक एक टीम कल यानी 11 जनवरी को हजारीबाग और गिरिडीह जाएगी, वहीं दूसरी टीम गोड्डा, दुमका और तीसरी टीम गढ़वा, पलामू जाकर सूखाड़ की स्थिति और वहां के किसानों से जानकारी हासिल करेगी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम एवं सिमडेगा को छोड़कर राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल 3500 रुपये प्रति किसान परिवार को सहायता राशि राज्य सरकार की ओर से मुहैया करा रही है. अनुमान के मुताबिक करीब 30 लाख से अधिक किसान परिवार सूखे की चपेट में है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सहायता राशि मद में फिलहाल राज्य की ओर से 1200 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है.