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श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में हड़ताल पर रहे मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, कहा- मांग नहीं मानी गई तो करेंगे व्यापक प्रदर्शन - झारखंड खबर

झारखंड सहित देशभर के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव वुधवार को हड़ताल पर रहे. 16 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर गये मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में प्रदर्शन किया. राजधानी के अलवर्ट एक्का चौक पर एकदिवसीय हड़ताल के दौरान मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने प्रदर्शन किया.

protest against changes in labor laws
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Published : Jan 19, 2022, 6:34 PM IST

रांची: केन्द्र की श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में वुधवार को झारखंड सहित देशभर के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हड़ताल पर रहे. हड़ताल के कारण मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव काम बंद कर सड़कों पर सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करते दिखे. राजधानी रांची के अलवर्ट एक्का चौक पर बीएसएसआर यूनियन के बैनर तले मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने कृषि कानून की तरह सरकार को लेबर कोड में किये गये बदलाव को वापस लेने की धमकी दी. इनलोगों को कहना है कि अगर मान नहीं मानी गई तो 23 और 24 को होने वाले हड़ताल को और भी व्यापक बनाया जायेगा. गौरतलब है कि झारखंड में 38 हजार मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं, वहीं देश भर में इनकी संख्या 5 लाख बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें- खदान मजदूरों को मैनेजर को बनाया बंधक, बकाए मजदूरी की मांग

16 सूत्री मांगों के समर्थन में रहा हड़ताल: इनका कहना है कि 44 श्रम कानूनों को रद्द करते हुए सरकार चार लेबर कोर्ट में लागू कर रही है. इसके तहत सेल्स प्रमोशन इम्प्लाइज एक्ट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. यह लड़ाई आम जनता के लिए भी है. दवा एक अत्यंत जरूरतमंद चीज है. गरीब से लेकर अमीर तक इस्तेमाल करते हैं. यह जीवन रक्षक भी है. उस पर सरकार टैक्स के जरिये मुनाफाखोरी कर रही है. 2016 से पहले 5 फीसदी दवा पर टैक्स लगती थी, लेकिन आज यह बढ़कर 12 फीसदी हो गई है. सरकार लोगों को रोहत देने की जगह पर उनका शोषण कर रही है.


केन्द्र सरकार से बीएसएसआर की ये है मांग

  1. चार लेबर कोर्ट को निरस्त कर वर्तमान परिस्थिति में सेल्स प्रमोशन इंप्लाइज एक्ट 1976 को जारी रखने की मांग
  2. सेल्स प्रमोशन इंप्लाइज के लिए स्टैचुअरी वर्किंग रुल बनाने की मांग
  3. दवा और मेडिकल उपकरण पर 0% जीएसटी लगाने की मांग
  4. दवा और दवा उपकरण की ऑनलाइन सेल्स बंद करने की मांग
  5. जीडीपी का 5% हेल्थ पर आवंटित करने और पब्लिक सेक्टर वैक्सीन बनाने वाले इकाई को पुनरुद्धार करने की मांग
  6. पुट्टू स्वामी जजमेंट को लागू करने की मांग

राज्य सरकार से ये है मांग

  1. सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज को हॉस्पिटल में बिना बाधा के काम करने का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग
  2. सभी मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसपीई एक्ट 1976 के तहत लागू करने की मांग
  3. मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव को न्यूनतम मजदूरी ₹26000 की घोषणा करने की मांग

दवा कंपनियों से मांग

  1. सभी सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज को ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम को लागू करने की मांग
  2. सेल्स संबंधित विक्टिमाइजेशन जॉब लेस और वेतन में कटौती बंद करने की मांग
  3. सेल्स प्रमोशन इंप्लाइज को इलेक्ट्रॉनिक गजट के द्वारा ट्रैकिंग बंद करने की मांग
  4. दवा में अनइथिकल मार्केटिंग ट्रेडिंग बंद करने की मांग
  5. मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पर नया वर्किंग सिस्टम लागू करने की नीति बंद करने की मांग
  6. मेडिकल और सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के परिवार को जीवन बीमा की व्यवस्था करने की मांग
  7. दैनिक भत्ता और यात्रा भत्ता की बढ़ोतरी करने की मांग

रांची: केन्द्र की श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में वुधवार को झारखंड सहित देशभर के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हड़ताल पर रहे. हड़ताल के कारण मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव काम बंद कर सड़कों पर सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करते दिखे. राजधानी रांची के अलवर्ट एक्का चौक पर बीएसएसआर यूनियन के बैनर तले मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने कृषि कानून की तरह सरकार को लेबर कोड में किये गये बदलाव को वापस लेने की धमकी दी. इनलोगों को कहना है कि अगर मान नहीं मानी गई तो 23 और 24 को होने वाले हड़ताल को और भी व्यापक बनाया जायेगा. गौरतलब है कि झारखंड में 38 हजार मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं, वहीं देश भर में इनकी संख्या 5 लाख बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें- खदान मजदूरों को मैनेजर को बनाया बंधक, बकाए मजदूरी की मांग

16 सूत्री मांगों के समर्थन में रहा हड़ताल: इनका कहना है कि 44 श्रम कानूनों को रद्द करते हुए सरकार चार लेबर कोर्ट में लागू कर रही है. इसके तहत सेल्स प्रमोशन इम्प्लाइज एक्ट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. यह लड़ाई आम जनता के लिए भी है. दवा एक अत्यंत जरूरतमंद चीज है. गरीब से लेकर अमीर तक इस्तेमाल करते हैं. यह जीवन रक्षक भी है. उस पर सरकार टैक्स के जरिये मुनाफाखोरी कर रही है. 2016 से पहले 5 फीसदी दवा पर टैक्स लगती थी, लेकिन आज यह बढ़कर 12 फीसदी हो गई है. सरकार लोगों को रोहत देने की जगह पर उनका शोषण कर रही है.


केन्द्र सरकार से बीएसएसआर की ये है मांग

  1. चार लेबर कोर्ट को निरस्त कर वर्तमान परिस्थिति में सेल्स प्रमोशन इंप्लाइज एक्ट 1976 को जारी रखने की मांग
  2. सेल्स प्रमोशन इंप्लाइज के लिए स्टैचुअरी वर्किंग रुल बनाने की मांग
  3. दवा और मेडिकल उपकरण पर 0% जीएसटी लगाने की मांग
  4. दवा और दवा उपकरण की ऑनलाइन सेल्स बंद करने की मांग
  5. जीडीपी का 5% हेल्थ पर आवंटित करने और पब्लिक सेक्टर वैक्सीन बनाने वाले इकाई को पुनरुद्धार करने की मांग
  6. पुट्टू स्वामी जजमेंट को लागू करने की मांग

राज्य सरकार से ये है मांग

  1. सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज को हॉस्पिटल में बिना बाधा के काम करने का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग
  2. सभी मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसपीई एक्ट 1976 के तहत लागू करने की मांग
  3. मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव को न्यूनतम मजदूरी ₹26000 की घोषणा करने की मांग

दवा कंपनियों से मांग

  1. सभी सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज को ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम को लागू करने की मांग
  2. सेल्स संबंधित विक्टिमाइजेशन जॉब लेस और वेतन में कटौती बंद करने की मांग
  3. सेल्स प्रमोशन इंप्लाइज को इलेक्ट्रॉनिक गजट के द्वारा ट्रैकिंग बंद करने की मांग
  4. दवा में अनइथिकल मार्केटिंग ट्रेडिंग बंद करने की मांग
  5. मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पर नया वर्किंग सिस्टम लागू करने की नीति बंद करने की मांग
  6. मेडिकल और सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के परिवार को जीवन बीमा की व्यवस्था करने की मांग
  7. दैनिक भत्ता और यात्रा भत्ता की बढ़ोतरी करने की मांग
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