रांचीः झारखंड विधानसभा (Jharkhand Legislative Assembly) का मानसून सत्र शुरू हो गया है. चार दिवसीय मानसून सत्र के दौरान सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण बिल सदन के पटल पर रखा जाएगा. इनमें मेडिकल प्रोटेक्शन बिल भी शामिल है. हालांकि, इस बिल का विरोध विपक्षी पार्टी के साथ साथ सत्तारूढ़ दल के विधायक भी करने लगे हैं. इससे संभावना जताई जा रही है कि सरकार को अपने विधायकों का सदन में विरोध झेलना पड़ सकता है.
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बढ़ जाएगी निजी अस्पतालों की मनमानी
राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन की मांग एक लंबे समय से की जा रही है. इस बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है और अब विधानसभा से पारित करना है. मॉनसून सत्र में इस बिल को सदन लाए जाने की संभावना है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने राज्य सरकार को इस पर गहन अध्ययन करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में कई ऐसे निजी अस्पताल हैं, जो सरकारी शर्तों का पालन किए बिना अस्पताल चला रहे हैं. यह अस्पताल गरीब लाचार मरीजों से मोटी रकम वसूलने में लगे हैं.
आम लोगों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद से ही वामदल खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है. वामदल के नेता अजय सिंह कहते हैं कि मेडिकल प्रोटेक्शन बिल लागू होने से अस्पताल प्रबंधकों की मनमानी बढ़ जाएगी. इसका खामियाजा भोले-भाले आम लोगों को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन बिल लाया जा रहा है, तो मरीजों के लिए भी प्रोटेक्शन बिल लाया जाना चाहिए.
पहले भी सदन में आ चुका है बिल
मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को सदन से पास करने के लिए पहली बार सदन में लाने की कोशिश नहीं की जा रही है. इससे पहले भी वर्ष 2013, 2017 और 2019 में तत्कालीन सरकार की ओर से बिल लाया गया था. लेकिन बिल पास नहीं हो सका. अब देखना होगा की मौजूदा हेमंत सोरेन की सरकार इस बिल को सदन में लाती है तो क्या पास करा पाती है या नहीं.