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Jagarnath Mahto Passed Away: बीमारियों की जद में रहे जगरनाथ महतो, टाइगर की तरह लगातार करते रहे संघर्ष

झारखंड के टाइगर कहे जाने वाले प्रखर नेता और प्रदेश के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने चेन्नई के अस्पताल में गुरुवार को अंतिम सांस ली. उनके निधन से प्रदेश में शोक की लहर है. इस खबर से उनके क्षेत्र और उनके चाहने वालों में मायूसी है. बीमारी से जूझते हुए मंत्री जगरनाथ महतो ने इस दुनिया को अलविदा कहा.

Medical History of Jharkhand Education Minister Jagarnath Mahto
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Published : Apr 6, 2023, 12:39 PM IST

रांचीः जगरनाथ महतो अपने उपनाम टाइगर की तरह ही अपनी बीमारियों से हमेशा लड़ते रहे. कोरोना काल से शिक्षा मंत्री गंभीर बीमारियों की जद में आते रहे. आखिरकार गुरुवार सुबह 9 बजे के करीब चेन्नई के अस्पताल में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अंतिम सांस ली.

इसे भी पढ़ें- Jagarnath Mahato Passed Away: जगरनाथ महतो ने डुमरी का चार बार किया प्रतिनिधित्व, बदल डाली उग्रवाद प्रभावित इलाके की तश्वीर

पहली लहर में कोरोना संक्रमित हुए थे जगरनाथ महतोः सबसे पहले 28 सितंबर 2020 को जगरनाथ महतो के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद उन्हें रांची में ही रिम्स के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया. लेकिन सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने के बाद बेहतर इलाज के लिए 1 अक्टूबर को रांची के ही एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था. 20 दिन तक वो वहां भर्ती थे. इस दौरान चेन्नई के चिकित्सकों से रायशुमारी के बाद 19 अक्टूबर को उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए रांची से चेन्नई एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया.

चेन्नई में हुआ था लंग्स ट्रांसप्लांटः 28 अक्टूबर को अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया था कि उनके फेफड़ों में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. फिर चेन्नई के डॉक्टर्स ने जगरनाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया. 10 नवंबर को मेडिकल टीम द्वारा ऑपरेशन कर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का लंग्स ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया. ऑपरेशन के बाद 11 जनवरी 2021 को उन्हें आईसीयू से जनरल वॉर्ड में लाया गया था. लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद वो करीब 4 महीने तक चेन्नई में इलाजरत रहे और 8 महीने के बाद वो झारखंड वापस आए थे.

विधानसभा सत्र के दौरान बिगड़ी थी तबीयतः 01 अगस्त 2021 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत अचानक से बिगड़ गई. जानकारी के अनुसार, झारखंड विधानसभा में कार्यवाही के दौरान शिक्षा मंत्री की तबियत बिगड़ी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

समय-समय पर चेकअप के लिए जाते थे चेन्नईः कोरोना से जंग जीतने के करीब 9 महीने बाद मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत 28 अगस्त 2021 को अचानक खराब हुई तो उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. शनिवार सुबह उन्हें अचानक दस्त और हल्की उल्टी होने लगी थी. इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. यहां उन्‍हें बेहतर इलाज के लिए आइसीयू में रखा गया और शाम 7 बजे उन्हें वहां से छुट्टी दे दी गई थी. चेन्नई से लौटने के बाद भी शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो लगातार उनकी मेडिकल टीम के संपर्क में रहे. उनके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के मुताबिक दवाइयां और खान पान का हमेशा ध्यान रखते थे. चेन्नई की मेडिकल टीम के संपर्क में रहते हुए समय-समय पर जरूरत पड़ने पर चेन्नई जाकर भी चेकअप कराते रहे.

14 मार्च को फिर से हुए थे बीमारः 14 मार्च 2023 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की फिर से तबीयत बिगड़ गई. जगरनाथ महतो को पहले रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया. एचईसी के पारस अस्पताल के अनुभवी चिकित्सकों की निगरानी में उनका इलाज शुरू हुआ. लेकिन बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए चेन्नई रेफर किया गया और उन्हें विशेष विमान से चेन्नई भेजा गया. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद अस्पताल पहुंचे और उनसे मुलाकात की.

रांचीः जगरनाथ महतो अपने उपनाम टाइगर की तरह ही अपनी बीमारियों से हमेशा लड़ते रहे. कोरोना काल से शिक्षा मंत्री गंभीर बीमारियों की जद में आते रहे. आखिरकार गुरुवार सुबह 9 बजे के करीब चेन्नई के अस्पताल में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अंतिम सांस ली.

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पहली लहर में कोरोना संक्रमित हुए थे जगरनाथ महतोः सबसे पहले 28 सितंबर 2020 को जगरनाथ महतो के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद उन्हें रांची में ही रिम्स के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया. लेकिन सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने के बाद बेहतर इलाज के लिए 1 अक्टूबर को रांची के ही एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था. 20 दिन तक वो वहां भर्ती थे. इस दौरान चेन्नई के चिकित्सकों से रायशुमारी के बाद 19 अक्टूबर को उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए रांची से चेन्नई एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया.

चेन्नई में हुआ था लंग्स ट्रांसप्लांटः 28 अक्टूबर को अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया था कि उनके फेफड़ों में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. फिर चेन्नई के डॉक्टर्स ने जगरनाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया. 10 नवंबर को मेडिकल टीम द्वारा ऑपरेशन कर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का लंग्स ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया. ऑपरेशन के बाद 11 जनवरी 2021 को उन्हें आईसीयू से जनरल वॉर्ड में लाया गया था. लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद वो करीब 4 महीने तक चेन्नई में इलाजरत रहे और 8 महीने के बाद वो झारखंड वापस आए थे.

विधानसभा सत्र के दौरान बिगड़ी थी तबीयतः 01 अगस्त 2021 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत अचानक से बिगड़ गई. जानकारी के अनुसार, झारखंड विधानसभा में कार्यवाही के दौरान शिक्षा मंत्री की तबियत बिगड़ी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

समय-समय पर चेकअप के लिए जाते थे चेन्नईः कोरोना से जंग जीतने के करीब 9 महीने बाद मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत 28 अगस्त 2021 को अचानक खराब हुई तो उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. शनिवार सुबह उन्हें अचानक दस्त और हल्की उल्टी होने लगी थी. इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. यहां उन्‍हें बेहतर इलाज के लिए आइसीयू में रखा गया और शाम 7 बजे उन्हें वहां से छुट्टी दे दी गई थी. चेन्नई से लौटने के बाद भी शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो लगातार उनकी मेडिकल टीम के संपर्क में रहे. उनके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के मुताबिक दवाइयां और खान पान का हमेशा ध्यान रखते थे. चेन्नई की मेडिकल टीम के संपर्क में रहते हुए समय-समय पर जरूरत पड़ने पर चेन्नई जाकर भी चेकअप कराते रहे.

14 मार्च को फिर से हुए थे बीमारः 14 मार्च 2023 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की फिर से तबीयत बिगड़ गई. जगरनाथ महतो को पहले रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया. एचईसी के पारस अस्पताल के अनुभवी चिकित्सकों की निगरानी में उनका इलाज शुरू हुआ. लेकिन बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए चेन्नई रेफर किया गया और उन्हें विशेष विमान से चेन्नई भेजा गया. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद अस्पताल पहुंचे और उनसे मुलाकात की.

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