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नियम विरूद्ध निविदा आमंत्रित कराने को लेकर मेयर आशा लकड़ा ने सरकार को लिखा पत्र, चयनित एजेंसी पर उठाए सवाल - रांची महापौर आशा लकड़ा ने चयनित एजेंसी पर उठाए सवाल

रांची की महापौर आशा लकड़ा ने नियम विरूद्ध निविदा के लिए चयनित एजेंसी पर आरोप लगाए हैं. सूडा पर नियम विरूद्ध टेंडर आमंत्रित करने और आमंत्रित टेंडर पर गलत तरीके से एजेंसी चयन करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में बुधवार को मेयर ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव और सूडा निदेशक को पत्र लिखा है.

mayor asha lakra wrote a letter to government for inviting tender against the rules in ranchi
mayor asha lakra wrote a letter to government for inviting tender against the rules in ranchi
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Published : Jul 29, 2020, 6:50 PM IST

रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा ने सूडा पर नियम विरूद्ध टेंडर आमंत्रित करने और आमंत्रित टेंडर पर गलत तरीके से एजेंसी चयन करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में बुधवार को मेयर ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव और सूडा निदेशक को पत्र लिखा है.

महापौर आशा लकड़ा ने नियम विरूद्ध निविदा के लिए चयनित एजेंसी पर आरोप लगाए हैं. नगर विकास विभाग के निर्देश पर सूडा के माध्यम से झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 और झारखंड म्युनिस्पिल अकाउंट मैनुअल पार्ट-ए में उल्लेखित प्रावधानों को दरकिनार कर 6 जुलाई को रांची नगर निगम क्षेत्र में कर वसूली कार्य के लिए इच्छुक एजेंसियों से आवेदन के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा है कि आमंत्रित टेंडर के तहत गलत तरीके से श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनरी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एजेंसी का चयन किया गया है.

इस संबंध में टेंडर में भाग लेने वाले एजेंसियों के माध्यम से रांची नगर निगम को पत्र लिखकर जानकारी दी गई है. पत्र में यह भी जानकारी दी गई है कि किस कंडिका में प्रावधान के तहत क्या मांग किया गया है और चयनित एजेंसी ने क्या दस्तावेज जमा किया है. इन सभी बिंदुओं पर गौर करने से यह प्रतीत होता है कि राज्य शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से एजेंसी के चयन में विसंगतियां बरती गई हैं. जिसकी जानकारी टेंडर में भाग लेने वाले एजेंसियों की ओर से भी विभागीय सचिव को 25 जुलाई को पत्र लिखकर दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन सचिव की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. मेयर ने कहा है कि इन सभी मामले पर राज्य सरकार गंभीरता पूर्वक विचार करें और चयनित एजेंसी के प्रावधानों के तहत जमा किए दस्तावेजों की जांच कराए.

इसे भी पढ़ें- पूरी तरह विलुप्त हो गया पलामू टाइगर रिजर्व से बाघ, पहली बार देश में यहीं से शुरू हुई थी गिनती

रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि प्रावधानों के तहत चयनित एजेंसी श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनरी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दिए गए दस्तावेजों की जांच कर काली सुचि में डाली जाए. उन्होंने कहा है कि चयनित एजेंसी तकनीकी रूप से कर वसूली कार्य में सक्षम नहीं है. ऐसे में उसे एल-1 कैसे किया गया. इससे यह स्पष्ट होता है कि चयनित एजेंसी के पास राजस्व संग्रह करने करने की क्षमता नहीं है. मेयर ने कहा है कि नगर विकास विभाग के सचिव का यह बयान कि कमीशन की दर में कमी आने से रांची नगर निगम को आगामी तीन वर्षों में 4.5 करोड़ का मुनाफा होगा, यह समझ से परे है. सिर्फ कमीशन की दर में कमी का हवाला देकर एजेंसी का चयन किया जाना उचित नहीं है. जब चयनित एजेंसी तकनीकी रूप से समृद्ध नहीं है तो ऐसे एजेंसी से वित्तीय मामलों में भारी नुकसान होने की संभावना है. साथ ही चयनित एजेंसी श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनरी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दिए गए दस्तावेजों में किस प्रकार से गड़बडी किया गया है.

रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा ने सूडा पर नियम विरूद्ध टेंडर आमंत्रित करने और आमंत्रित टेंडर पर गलत तरीके से एजेंसी चयन करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में बुधवार को मेयर ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव और सूडा निदेशक को पत्र लिखा है.

महापौर आशा लकड़ा ने नियम विरूद्ध निविदा के लिए चयनित एजेंसी पर आरोप लगाए हैं. नगर विकास विभाग के निर्देश पर सूडा के माध्यम से झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 और झारखंड म्युनिस्पिल अकाउंट मैनुअल पार्ट-ए में उल्लेखित प्रावधानों को दरकिनार कर 6 जुलाई को रांची नगर निगम क्षेत्र में कर वसूली कार्य के लिए इच्छुक एजेंसियों से आवेदन के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा है कि आमंत्रित टेंडर के तहत गलत तरीके से श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनरी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एजेंसी का चयन किया गया है.

इस संबंध में टेंडर में भाग लेने वाले एजेंसियों के माध्यम से रांची नगर निगम को पत्र लिखकर जानकारी दी गई है. पत्र में यह भी जानकारी दी गई है कि किस कंडिका में प्रावधान के तहत क्या मांग किया गया है और चयनित एजेंसी ने क्या दस्तावेज जमा किया है. इन सभी बिंदुओं पर गौर करने से यह प्रतीत होता है कि राज्य शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से एजेंसी के चयन में विसंगतियां बरती गई हैं. जिसकी जानकारी टेंडर में भाग लेने वाले एजेंसियों की ओर से भी विभागीय सचिव को 25 जुलाई को पत्र लिखकर दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन सचिव की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. मेयर ने कहा है कि इन सभी मामले पर राज्य सरकार गंभीरता पूर्वक विचार करें और चयनित एजेंसी के प्रावधानों के तहत जमा किए दस्तावेजों की जांच कराए.

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रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि प्रावधानों के तहत चयनित एजेंसी श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनरी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दिए गए दस्तावेजों की जांच कर काली सुचि में डाली जाए. उन्होंने कहा है कि चयनित एजेंसी तकनीकी रूप से कर वसूली कार्य में सक्षम नहीं है. ऐसे में उसे एल-1 कैसे किया गया. इससे यह स्पष्ट होता है कि चयनित एजेंसी के पास राजस्व संग्रह करने करने की क्षमता नहीं है. मेयर ने कहा है कि नगर विकास विभाग के सचिव का यह बयान कि कमीशन की दर में कमी आने से रांची नगर निगम को आगामी तीन वर्षों में 4.5 करोड़ का मुनाफा होगा, यह समझ से परे है. सिर्फ कमीशन की दर में कमी का हवाला देकर एजेंसी का चयन किया जाना उचित नहीं है. जब चयनित एजेंसी तकनीकी रूप से समृद्ध नहीं है तो ऐसे एजेंसी से वित्तीय मामलों में भारी नुकसान होने की संभावना है. साथ ही चयनित एजेंसी श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनरी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दिए गए दस्तावेजों में किस प्रकार से गड़बडी किया गया है.

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