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हेमंत सरकार ने जनता को दिखाए सब्जबाग, विकास कार्यों की हकीकत शून्य: आशा लकड़ा

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Published : Dec 28, 2020, 5:07 PM IST

हेमंत सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने जा रहा है. इस अवसर पर 29 दिसंबर को राज्य के लोगों को कई सौगातें दी जाएगी. सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने में जुटी हुई है. वहीं बीजेपी हेमंत सरकार पर निशाना साध रही है. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में राज्य के विकास के नाम पर सिर्फ सब्जबाग ही दिखाए गए.

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हेमंत सरकार पर निशाना

रांची: हेमंत सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में राज्य के विकास के नाम पर सिर्फ सब्जबाग ही दिखाए गए, धरातल पर विकास कार्यों की हकीकत शून्य है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना काल का हवाला देकर आम जनता को सिर्फ और सिर्फ बेवकूफ बना रही है, रघुवर सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं को ही वर्तमान सरकार अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धि मान रही है.

रघुवर सरकार की तारीफ

मेयर ने कहा कि सीवरेज ड्रेनेज जोन-1 का काम रघुवर सरकार के समय का ही है, शेष कार्य टेंडर प्रक्रिया में है, फिर भी राज्य सरकार एजेंसी का चयन किए बिना शिलान्यास कर रही है. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही रांची नगर निगम का नया भवन लगभग तैयार हो चुका था, सिर्फ फिनिशिंग कार्य ही शेष रह गया था, अब राज्य सरकार इसे भी अपने कार्यकाल का उपलब्धि बताते हुए उद्घाटन कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता के लिए यह दुर्भाग्य है कि उन्होंने इस राज्य के विकास की कमान जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन सरकार के हाथ सौंप दी है.

हेमंत सोरेन पर निशाना
आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य के मुखिया स्वयं नगर विकास विभाग के मंत्री हैं, विभागीय स्तर पर दावा किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में रांची नगर को पर्याप्त फंड उपलब्ध कराया गया है, जबकि हकीकत यह है कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में आवंटित फंड की तुलना में हेमंत सरकार ने नाम मात्र का फंड दिया, रघुवर सरकार के कार्यकाल में वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में नागरिक सुविधा मद में 53.22 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया, 14वें वित्त आयोग के तहत 223 करोड़ और सड़क मद में 53.22 करोड़ रुपये उप्लब्ध कराए गए थे, जबकि हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में मात्र 62.45 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए.


इसे भी पढे़ं: हेमंत सरकार के एक साल को JMM नेताओं ने बताया बेमिसाल तो BJP ने कहा- निकम्मी है सरकार

फंड के अभाव में कई योजनाएं लंबित
मेयर ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि क्या इस राशि से 53 वार्डों में लंबित विकास कार्यों को पूरा कर पाना संभव है, हाल ही में 53 वार्डों में सड़क और नाली निर्माण संबंधी योजनाओं के लिए नगर विकास विभाग से 192 करोड़ रुपये की मांग की गई है, इसी प्रकार 53 वार्डों में 10 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट के लिए 10 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की मांग की गई है, आगामी वर्ष पेयजल संकट की समस्या के समाधान के लिए भी रांची नगर निगम के पास राशि का अभाव है, बड़ा तालाब के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण कार्य के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई है, डिस्टलरी पुल के पास निर्माणाधीन अंडरग्राउंड वेजिटेबल मार्केट फंड के अभाव में लंबित है, राज्य सरकार से इस योजना को पूरा करने के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई है, इसके अलावा जयपाल सिंह स्टेडियम के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण की योजना भी फंड के अभाव में लंबित है.

राज्य सरकार पर आरोप

आशा लकड़ा ने बताया कि कोरोना काल में रांची नगर निगम के आंतरिक राजस्व में काफी कमी आई है, नई एजेंसी के विवाद को लेकर अगस्त से दिसंबर तक होल्डिंग टैक्स, वाटर यूजर चार्ज और ट्रेड लाइसेंस से प्राप्त होने वाले राजस्व में भारी कमी आई है, इसके अलावा बाजार शाखा से संबंधित टेंडर विलंब से निष्पादित होने के कारण भी नगर निगम का आंतरिक राजस्व प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शहर की सफाई, सेनेटाइजेशन, सुरक्षा किट पर बजटीय प्रावधान से अधिक राशि खर्च की गई, जिसका रांची नगर निगम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, कोरोना काल में राज्य सरकार से फंड की मांग की गई थी, लेकिन निगम को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला.

रांची: हेमंत सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में राज्य के विकास के नाम पर सिर्फ सब्जबाग ही दिखाए गए, धरातल पर विकास कार्यों की हकीकत शून्य है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना काल का हवाला देकर आम जनता को सिर्फ और सिर्फ बेवकूफ बना रही है, रघुवर सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं को ही वर्तमान सरकार अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धि मान रही है.

रघुवर सरकार की तारीफ

मेयर ने कहा कि सीवरेज ड्रेनेज जोन-1 का काम रघुवर सरकार के समय का ही है, शेष कार्य टेंडर प्रक्रिया में है, फिर भी राज्य सरकार एजेंसी का चयन किए बिना शिलान्यास कर रही है. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही रांची नगर निगम का नया भवन लगभग तैयार हो चुका था, सिर्फ फिनिशिंग कार्य ही शेष रह गया था, अब राज्य सरकार इसे भी अपने कार्यकाल का उपलब्धि बताते हुए उद्घाटन कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता के लिए यह दुर्भाग्य है कि उन्होंने इस राज्य के विकास की कमान जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन सरकार के हाथ सौंप दी है.

हेमंत सोरेन पर निशाना
आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य के मुखिया स्वयं नगर विकास विभाग के मंत्री हैं, विभागीय स्तर पर दावा किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में रांची नगर को पर्याप्त फंड उपलब्ध कराया गया है, जबकि हकीकत यह है कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में आवंटित फंड की तुलना में हेमंत सरकार ने नाम मात्र का फंड दिया, रघुवर सरकार के कार्यकाल में वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में नागरिक सुविधा मद में 53.22 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया, 14वें वित्त आयोग के तहत 223 करोड़ और सड़क मद में 53.22 करोड़ रुपये उप्लब्ध कराए गए थे, जबकि हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में मात्र 62.45 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए.


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फंड के अभाव में कई योजनाएं लंबित
मेयर ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि क्या इस राशि से 53 वार्डों में लंबित विकास कार्यों को पूरा कर पाना संभव है, हाल ही में 53 वार्डों में सड़क और नाली निर्माण संबंधी योजनाओं के लिए नगर विकास विभाग से 192 करोड़ रुपये की मांग की गई है, इसी प्रकार 53 वार्डों में 10 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट के लिए 10 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की मांग की गई है, आगामी वर्ष पेयजल संकट की समस्या के समाधान के लिए भी रांची नगर निगम के पास राशि का अभाव है, बड़ा तालाब के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण कार्य के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई है, डिस्टलरी पुल के पास निर्माणाधीन अंडरग्राउंड वेजिटेबल मार्केट फंड के अभाव में लंबित है, राज्य सरकार से इस योजना को पूरा करने के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई है, इसके अलावा जयपाल सिंह स्टेडियम के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण की योजना भी फंड के अभाव में लंबित है.

राज्य सरकार पर आरोप

आशा लकड़ा ने बताया कि कोरोना काल में रांची नगर निगम के आंतरिक राजस्व में काफी कमी आई है, नई एजेंसी के विवाद को लेकर अगस्त से दिसंबर तक होल्डिंग टैक्स, वाटर यूजर चार्ज और ट्रेड लाइसेंस से प्राप्त होने वाले राजस्व में भारी कमी आई है, इसके अलावा बाजार शाखा से संबंधित टेंडर विलंब से निष्पादित होने के कारण भी नगर निगम का आंतरिक राजस्व प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शहर की सफाई, सेनेटाइजेशन, सुरक्षा किट पर बजटीय प्रावधान से अधिक राशि खर्च की गई, जिसका रांची नगर निगम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, कोरोना काल में राज्य सरकार से फंड की मांग की गई थी, लेकिन निगम को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला.

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