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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मेयर आशा लकड़ा ने की शिकायत, जानिए क्या है पूरा मामला?

रांची की मेयर आशा लकड़ा ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर राज्य सरकार की कई योजनाओं पर सवाल उठाते हुए शिकायत की और ये बताया कि वर्तमान में लाई गई कई योजनाएं पूर्ववर्ती सरकार पूरी कर चुकी है. इन योजनाओं के नाम पर नगर निगम को आवंटित फंड का दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से नगर आयुक्त की भी शिकायत की और मेयर का आदेश नहीं मानने का आरोप लगाया. मेयर के मुताबिक उनकी सभी शिकायतों पर केंद्रीय मंत्री ने विभागीय सचिव को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

Asha Lakra's meeting with the Union Minister
केंद्रीय मंत्री से आशा लकड़ा की मुलाकात
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Published : Jul 7, 2021, 2:28 PM IST

रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा और वर्तमान राज्य सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मेयर आशा लकड़ा ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर रांची नगर निगम को 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित फंड के दुरुपयोग की जानकारी दी और केंद्रीय मंत्री से कार्रवाई करने की मांग की. मेयर की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री ने अपने विभागीय सचिव को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- RMC की मेयर और नगर आयुक्त के बीच विवाद नहीं हो रहा खत्म, कई कार्य हो रहे प्रभावित

पूरी की गई योजना पर फिर से काम

मेयर आशा लकड़ा ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि कई ऐसी योजनाओं की फिर से शुरुआत की जा रही है जो पहले ही पूरा हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं को लेकर नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने 26 अप्रैल को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है. विकास विभाग ने जिन योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है उसके तहत एक करोड़ 9 लाख 95 हजार रुपए की लागत से मोरहाबादी मैदान परिसर का पुनर्विकास ( Redevelopment of Morhabadi Maidan Campus) भूनिर्माण और पेवर ब्लॉक (Paver Block)का निर्माण किया जाना है. उन्होंने बताया कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में मोरहाबादी मैदान को टाइम्स स्क्वॉयर (Times Square) के रूप में परिवर्तित करने का काम जुडको (JUIDCO) के माध्यम से कराया था. इसके अलावे पहले से ही इस मैदान के देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी गई है.

पेवर ब्लॉक (Paver Block) का काम हो चुका है पूरा

मेयर आशा लकड़ा के मुताबिक एक करोड़ 97 लाख 51 हजार 900 रुपये की लागत से जो बिरसा चौक से न्यू मार्केट, रातू रोड चौराहा वाया हरमू चौक मुक्ति धाम तक सड़क के किनारे पेवर ब्लॉक हॉर्टिकल्चर समेत कई विकास कार्य किए जाने हैं. जबकि रघुवर सरकार के कार्यकाल में संबंधित मार्ग पर ये सभी काम पथ निर्माण विभाग के माध्यम से कराया गया था. संबंधित मार्ग पर सिर्फ हॉर्टिकल्चर से संबंधित कार्य रांची नगर निगम के माध्यम से कराए गए थे. मेयर ने केंद्रीय मंत्री को यह भी बताया कि वर्तमान में संबंधित पथ निर्माण विभाग के अधीन है. सड़क निर्माण और उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी पथ निर्माण विभाग की ही है.

पिस्का मोड़ पर वेंडिंग जोन पर विवाद

मेयर ने केंद्रीय मंत्री से पिस्का मोड़ पर 1 करोड़ 31 लाख 78 हजार 100 रुपए की लागत से बनने वाले वेंडिंग जोन (Vending Zone)के बारे में विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया कि जहां पर ये वेंडिंग जोन बनाया जाना है उस जमीन पर विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने दावा किया है. साथ ही जमीन से संबंधित कागजात भी रांची नगर निगम को उपलब्ध कराए हैं. मेयर के मुताबिक पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने भी वेंडिंग जोन से संबंधित जमीन के विवाद को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है और मुख्य सचिव से इस सबंध में उचित कार्रवाई करने की मांग की है. लेकिन अब तक इस दिशा में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई. नतीजा ये है कि विवश होकर केंद्रीय मंत्री को इन मामलों की जानकारी देनी पड़ी.

ये भी पढ़ें- कोरोना महामारी के बीच नगर निगम बना राजनीतिक अखाड़ा: मेयर आशा लकड़ा

झारखंड नगरपालिका अधिनियम -2011 का उल्लंघन

मेयर ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के संबंध में भी बताया. उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग ने जिन योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है, वे रांची नगर निगम के कार्य क्षेत्र से बाहर हैं. फिर भी रांची नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने 15वें वित्त आयोग से आवंटित फंड का उपयोग कर संबंधित कार्यों के लिए टेंडर निकाल दिए हैं. जबकि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में निहित प्रावधानों के तहत रांची नगर निगम की किसी भी योजना को धरातल पर उतारने के लिए स्थायी समिति और रांची नगर निगम परिषद से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही संबंधित कार्यों को निष्पादित किया जा सकता है. लेकिन नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने नगर विकास विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त इन योजनाओं पर स्थायी समिति या रांची नगर निगम परिषद से स्वीकृति प्राप्त किए बिना ही अपने स्तर से निर्णय लेते हुए टेंडर निकाल दिया, जो झारखंड नगरपालिका अधिनियम -2011 का उल्लंघन है.

केंद्रीय मंत्री ने दिए कार्रवाई के निर्देश

मेयर आशा लकड़ा के मुताबिक केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अपने विभागीय सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 15 वें वित्त आयोग से नगर निकायों के लिए फंड आवंटित किया जाता है. राज्य सरकार 15वें वित्त आयोग से आवंटित फंड के तहत निकाय क्षेत्र में सिर्फ विकास संबंधी योजनाओं का प्रस्ताव ही दे सकता है. संबंधित योजनाओं पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार नगर निगम परिषद का है. निगम परिषद के माध्यम से ही निगम क्षेत्र में किसी योजना को स्वीकृति प्रदान की जाएगी. नगर निगम ऑटोनॉमस बॉडी है और केंद्र सरकार से आवंटित फंड की उपयोगिता और संबंधित योजनाओं की स्वीकृति नगर निगम परिषद के माध्यम से ही प्रदान की जाएगी.

ये भी पढ़ें- मेयर की बैठक में अधिकारियों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, कहा- जनप्रतिनिधि को बदनाम करने में लगे हुए है अधिकारी

नगर आयुक्त नहीं सुनते मेयर का आदेश

केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान मेयर आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त की भी शिकायत की. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि नगर आयुक्त उनके आदेशों को नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कुछ दिन पहले नगर आयुक्त मुकेश कुमार से पत्राचार कर 5 योजनाओं पर विस्तृत जानकारी मांगी थी. जिनकी अब तक जानकारी नहीं दी गई. मेयर की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री ने नगर आयुक्त के आचरण और कार्यशैली की निंदा की. उन्होंने कहा नगर निकाय में मेयर का पद सर्वोपरि है. अगर मेयर किसी विषय पर नगर आयुक्त से जानकारी मांगती है तो यह मेयर की जिम्मेदार है. मेयर पद की गरिमा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए नगर आयुक्त को हर हाल में मेयर को मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराना है. मेयर की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री ने अपने विभागीय सचिव को नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार से संबंधित मामलों पर उचित और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा और वर्तमान राज्य सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मेयर आशा लकड़ा ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर रांची नगर निगम को 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित फंड के दुरुपयोग की जानकारी दी और केंद्रीय मंत्री से कार्रवाई करने की मांग की. मेयर की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री ने अपने विभागीय सचिव को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

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पूरी की गई योजना पर फिर से काम

मेयर आशा लकड़ा ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि कई ऐसी योजनाओं की फिर से शुरुआत की जा रही है जो पहले ही पूरा हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं को लेकर नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने 26 अप्रैल को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है. विकास विभाग ने जिन योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है उसके तहत एक करोड़ 9 लाख 95 हजार रुपए की लागत से मोरहाबादी मैदान परिसर का पुनर्विकास ( Redevelopment of Morhabadi Maidan Campus) भूनिर्माण और पेवर ब्लॉक (Paver Block)का निर्माण किया जाना है. उन्होंने बताया कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में मोरहाबादी मैदान को टाइम्स स्क्वॉयर (Times Square) के रूप में परिवर्तित करने का काम जुडको (JUIDCO) के माध्यम से कराया था. इसके अलावे पहले से ही इस मैदान के देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी गई है.

पेवर ब्लॉक (Paver Block) का काम हो चुका है पूरा

मेयर आशा लकड़ा के मुताबिक एक करोड़ 97 लाख 51 हजार 900 रुपये की लागत से जो बिरसा चौक से न्यू मार्केट, रातू रोड चौराहा वाया हरमू चौक मुक्ति धाम तक सड़क के किनारे पेवर ब्लॉक हॉर्टिकल्चर समेत कई विकास कार्य किए जाने हैं. जबकि रघुवर सरकार के कार्यकाल में संबंधित मार्ग पर ये सभी काम पथ निर्माण विभाग के माध्यम से कराया गया था. संबंधित मार्ग पर सिर्फ हॉर्टिकल्चर से संबंधित कार्य रांची नगर निगम के माध्यम से कराए गए थे. मेयर ने केंद्रीय मंत्री को यह भी बताया कि वर्तमान में संबंधित पथ निर्माण विभाग के अधीन है. सड़क निर्माण और उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी पथ निर्माण विभाग की ही है.

पिस्का मोड़ पर वेंडिंग जोन पर विवाद

मेयर ने केंद्रीय मंत्री से पिस्का मोड़ पर 1 करोड़ 31 लाख 78 हजार 100 रुपए की लागत से बनने वाले वेंडिंग जोन (Vending Zone)के बारे में विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया कि जहां पर ये वेंडिंग जोन बनाया जाना है उस जमीन पर विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने दावा किया है. साथ ही जमीन से संबंधित कागजात भी रांची नगर निगम को उपलब्ध कराए हैं. मेयर के मुताबिक पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने भी वेंडिंग जोन से संबंधित जमीन के विवाद को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है और मुख्य सचिव से इस सबंध में उचित कार्रवाई करने की मांग की है. लेकिन अब तक इस दिशा में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई. नतीजा ये है कि विवश होकर केंद्रीय मंत्री को इन मामलों की जानकारी देनी पड़ी.

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झारखंड नगरपालिका अधिनियम -2011 का उल्लंघन

मेयर ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के संबंध में भी बताया. उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग ने जिन योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है, वे रांची नगर निगम के कार्य क्षेत्र से बाहर हैं. फिर भी रांची नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने 15वें वित्त आयोग से आवंटित फंड का उपयोग कर संबंधित कार्यों के लिए टेंडर निकाल दिए हैं. जबकि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में निहित प्रावधानों के तहत रांची नगर निगम की किसी भी योजना को धरातल पर उतारने के लिए स्थायी समिति और रांची नगर निगम परिषद से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही संबंधित कार्यों को निष्पादित किया जा सकता है. लेकिन नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने नगर विकास विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त इन योजनाओं पर स्थायी समिति या रांची नगर निगम परिषद से स्वीकृति प्राप्त किए बिना ही अपने स्तर से निर्णय लेते हुए टेंडर निकाल दिया, जो झारखंड नगरपालिका अधिनियम -2011 का उल्लंघन है.

केंद्रीय मंत्री ने दिए कार्रवाई के निर्देश

मेयर आशा लकड़ा के मुताबिक केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अपने विभागीय सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 15 वें वित्त आयोग से नगर निकायों के लिए फंड आवंटित किया जाता है. राज्य सरकार 15वें वित्त आयोग से आवंटित फंड के तहत निकाय क्षेत्र में सिर्फ विकास संबंधी योजनाओं का प्रस्ताव ही दे सकता है. संबंधित योजनाओं पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार नगर निगम परिषद का है. निगम परिषद के माध्यम से ही निगम क्षेत्र में किसी योजना को स्वीकृति प्रदान की जाएगी. नगर निगम ऑटोनॉमस बॉडी है और केंद्र सरकार से आवंटित फंड की उपयोगिता और संबंधित योजनाओं की स्वीकृति नगर निगम परिषद के माध्यम से ही प्रदान की जाएगी.

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नगर आयुक्त नहीं सुनते मेयर का आदेश

केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान मेयर आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त की भी शिकायत की. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि नगर आयुक्त उनके आदेशों को नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कुछ दिन पहले नगर आयुक्त मुकेश कुमार से पत्राचार कर 5 योजनाओं पर विस्तृत जानकारी मांगी थी. जिनकी अब तक जानकारी नहीं दी गई. मेयर की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री ने नगर आयुक्त के आचरण और कार्यशैली की निंदा की. उन्होंने कहा नगर निकाय में मेयर का पद सर्वोपरि है. अगर मेयर किसी विषय पर नगर आयुक्त से जानकारी मांगती है तो यह मेयर की जिम्मेदार है. मेयर पद की गरिमा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए नगर आयुक्त को हर हाल में मेयर को मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराना है. मेयर की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री ने अपने विभागीय सचिव को नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार से संबंधित मामलों पर उचित और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

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