रांचीः 15 जून को राजधानी रांची के पंचमुखी मंदिर(Panchmukhi Temple) के पीछे मौसी बाड़ी मैदान के आसपास का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील रहेगा. इस मैदान में लाइट हाउस प्रोजेक्ट(light house project) का निर्माण किया जाना है. इस प्रोजेक्ट के तहत अत्याधुनिक तकनीक से शहरी गरीबों के लिए 1008 फ्लैट बनाए जाने हैं, लेकिन आसपास के लोग इस प्रोजेक्ट को गैर जरूरी बताकर विरोध कर रहे हैं. अब इस विवाद से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष तैयारी की है. नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक की ओर से अप्रैल माह में जारी पत्र के आलोक में जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच प्रोजेक्ट के काम को शुरू कराने की तैयारी की है.
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रांची के उपायुक्त छवि रंजन की ओर से जारी पत्र के अनुसार 15 जून को प्रोजेक्ट स्थल से मिट्टी का सैंपल (SOIL SAMPLE) का कलेक्शन ( COLLECTION) किया जाएगा. इस दौरान स्थानीय लोग विरोध करेंगे, तो उनसे निपटने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारियों के नेतृत्व में 400 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. इन पुलिस बल के पास लाठी, वॉटर कैनन, वज्रवाहन, अश्रु गैस मौजूद रहेगा. इसके साथ ही मौसी बाड़ी मैदान के समीप एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियां भी तैनात रहेगी. उपायुक्त के पत्र से जाहिर है कि अगर स्थानीय लोगों ने किसी तरह का विरोध किया, तो प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करेगा.
इस योजना की क्या अहमियत
इसको इस बात से समझा जा सकता है कि 1 जनवरी 2021 को इसका ऑनलाइन शिलान्यास खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से किया था. 1008 फ्लैट बनाने का काम मुंबई की कंपनी मेसर्स एसजीसी मेजिक्रेट को मिला है, लेकिन कंपनी के लोग पंचमुखी मंदिर में प्रोजेक्ट शुरू करने पहुंचते हैं तो आसपास के लोग विरोध करने लगते हैं.
विरोध नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
इस बार जिला प्रशासन किसी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं हैं. उसका कहना है कि 15 जून को मिट्टी सैंपल कलेक्शन के दौरान किसी तरह का विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसको लेकर 14 जून को ही प्रोजेक्ट स्थल के लिए तैनात किए जाने वाले दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों की ब्रीफिंग की जाएगी.
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प्रधानमंत्री ने किया था प्रोजेक्ट का शिलान्यास
बता दें कि 1 जनवरी 2021 को देश के 6 शहरों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन शिलान्यास किया था. प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए 1008 फ्लैट बनाया जाना है. इस शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि आवास के लिए गरीबों की जो हिस्सेदारी तय है, उसका वहन केंद्र को ही करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा था कि एक फ्लैट की कुल लागत 12.59 लाख रुपये होगी. इसमें 7.83 लाख रुपये केंद्र और राज्य सरकार से अनुदान के रूप में दिए जाएंगे. शेष 4.76 लाख रुपये आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को देना होगा, जो एक गरीब के लिए संभव नहीं हो पाएगा.