रांची: 2021 मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा कोरोना के कारण रद्द कर दिया गया था. जिसके बाद इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर जैक बोर्ड को भी परीक्षा का परिणाम घोषित करना पड़ा. हालांकि इससे हजारों विद्यार्थी असंतुष्ट हैं और इस वजह से उनके लिए अलग से विशेष परीक्षा का आयोजन झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से करना पड़ रहा है. वर्ष 2022 मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा में कोई परेशानियों का सामना जैक और विद्यार्थियों को ना करना पड़े इसे लेकर शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है. कोरोना महामारी का प्रकोप और रफ्तार थोड़ा कम है. लेकिन तीसरी लहर के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने विभिन्न परीक्षाओं को लेकर तैयारी कर रखी है.
सिलेबस में 25 फीसदी की कटौती
जानकारी के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सिलेबस में 25 फीसदी की कटौती भी की जा रही है. इस सत्र में भी कक्षा 1 से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम में कटौती का निर्णय लिया गया है. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से 2022 के मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया गया है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा सीबीएसई की तर्ज पर दो चरणों में ली जा सकती है. पहले चरण की परीक्षा दिसंबर और दूसरे चरण की परीक्षा मार्च में लेने की तैयारी है. कोरोना महामारी के मद्देनजर अगर दोनों परीक्षाएं 2022 में भी रद्द करनी पड़ी तो एक परीक्षा के आधार पर रिजल्ट का प्रकाशन किया जा सकता है.
ऑनलाइन-ऑफलाइन विकल्प पर चर्चा.
इसी मंशा के तहत शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने विकट परिस्थिति के मद्देनजर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों परीक्षा के विकल्प पर विचार कर रहा है. इसके अलावा दोनों परीक्षा में सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे. इस पर भी विचार किया जा रहा है. 80 अंक की परीक्षा ली जाएगी. 20 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा. दोनों चरणों की परीक्षा 40-40 अंकों की होगी. यह परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जा सकती है. दूसरी और प्रैक्टिकल परीक्षा को लेकर भी विशेष व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है.
प्रस्ताव तैयार
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मामले को लेकर कहा गया कि इस पर अभी विचार चल रहा है. एक प्रस्ताव तैयार हुआ है आने वाले समय में और भी कई चीजें स्पष्ट की जाएगी. वहीं शिक्षा विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों पर विभाग फोकस कर रहा है. परीक्षार्थियों का स्वास्थ्य बेहतर रहे और उनका शिक्षा पर दुष्प्रभाव ना पड़े इसी मंशा को लेकर 2022 के मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को लेकर पैटर्न में बदलाव करने पर चर्चा चल रही है. जबकि इसके उलट विद्यार्थियों ने कहा कि विभाग अगर सीबीएसई के तर्ज पर झारखंड मैट्रिक और इंटर की परीक्षा आयोजित करता है तो इसमें परेशानियां आ सकती हैं. विद्यार्थियों को बदले हुए पैटर्न का समझ नहीं होगा जिससे उनका परिणाम बेहतर नहीं होगा.