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रिम्स परिसर के सड़कों पर बिक रही है मास्क, कितनी सुरक्षित नहीं पता ! सेहत के साथ कर रहे है खिलवाड़

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Published : Mar 24, 2020, 5:29 PM IST

Updated : Mar 24, 2020, 6:26 PM IST

इन दिनों कालाबाजारी के कारण रांची में मास्क का बाजार गर्म हो गया है. सड़कों पर जैसे-तैसे धूल धक्कड़ के साथ मास्क बेची जा रही है. जो सेहत के लिए सही नहीं है, जागरूकता की कमी और मजबूरी में लोग इन जगहों पर मास्क खरीदने को मजबूर हैं. वहीं विश्वसनीय स्थानों पर मास्क ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं.

Mask, मास्क
मास्क खरीदते लोग

रांची: कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लगातार कोशिशें हो रही है. लेकिन कुछ नासमझी के कारण परेशानी बढ़ रही है. इन दिनों कालाबाजारी के कारण रांची में मास्क का बाजार गर्म हो गया है. सड़कों पर जैसे-तैसे धूल धक्कड़ के साथ मास्क बेची जा रही है. जो सेहत के लिए सही नहीं है, जागरूकता की कमी और मजबूरी में लोग इन जगहों पर मास्क खरीदने को मजबूर हैं. वहीं विश्वसनीय स्थानों पर मास्क ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता चंदन

सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं
बता दें कि विश्व भर में कोरोना के दस्तक के बाद इससे बचाव के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, सलाह पर लोग मास्क का भी सहारा ले रहे हैं. लेकिन लोगों को यह पता नहीं है कि जिस मास्क का वेउपयोग कर रहे हैं, वह उनके लिए कितना सुरक्षित है. सड़कों पर जैसे -तैसे धूल धक्कड़ में मास्क रखकर बेची जा रही है और लोग इसे खरीदने को लेकर मजबूर हैं. सड़क से लेकर ऑनलाइन मास्क का बाजार गर्म हो चुका है. बढ़ती कालाबाजारी ने भी बाजार को फलने- फूलने में लगातार मदद भी कर रही है. लोगों को विश्वसनीय जगह पर उचित मूल्य पर मास्क नहीं मिल रहा है. इस वजह से लोग मजबूरन सड़कों पर जैसे-तैसे बिक रहे मास्क खरीदने के लिए विवश भी दिख रहे हैं. जबकि जिस मास्क का हम उपयोग करते हैं. वह मास्क कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर के सबसे जरूरी अंग, नाक और मुंह को भी बचाता है. जागरूकता की कमी और जिला प्रशासन का इस ओर उदासीन रवैया एक अन्य परेशानी को आमंत्रित कर रहा है.

Mask, मास्क
रिम्स परिसर में मास्क बेचते लोग

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस के बीच महिलाओं ने एक दूसरे के माथे पर लगाया सिंदूर, प्रशासन ने अंधविश्वास से बचने का किया आग्रह

रिम्स परिसर के सड़कों पर बिक रहा मास्क
राजधानी में तो जगह-जगह मास्क की बिक्री हो रही है, इन जगहों में शामिल है सड़क, सड़क के किनारे नाली का स्लैब, रिम्स परिसर का चौक-चौराहा शामिल है. ऐसे में गोरखधंधा करने वाले लोगों के लिए रिम्स परिसर फिलहाल सबसे बेहतरीन बाजार बन गया है. क्योंकि लॉकडाउन के कारण लोग सड़कों पर नहीं निकल रहे हैं. जबकि रिम्स के अलावे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जरूर पहुंच रहे हैं. यह भी लोगों की एक बड़ी नासमझी और भूल है. रिम्स परिसर में लोगों की आवाजाही अभी भी है और इसका फायदा मास्क की कालाबाजारी करने वाले लोग उठा रहे हैं. जबकि रिम्स परिसर भी आम लोगों के लिए फिलहाल सुरक्षित नहीं है. जागरूकता की कमी के कारण लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
कोरोना से बचाव के चक्कर में हम मास्क का उपयोग तो कर रहे हैं, लेकिन किसी अन्य बीमारी को आमंत्रित भी कर रहे हैं. इसलिए ईटीवी भारत की गुजारिश है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें और अपने हाथ को हमेशा सैनिटाइज करते रहें. इसके अलावा स्वछता पर ध्यान दें और विश्वसनीय जगह से ही मास्क खरीदें और साफ-सुथरे तरीके से इसका उपयोग करें.

रांची: कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लगातार कोशिशें हो रही है. लेकिन कुछ नासमझी के कारण परेशानी बढ़ रही है. इन दिनों कालाबाजारी के कारण रांची में मास्क का बाजार गर्म हो गया है. सड़कों पर जैसे-तैसे धूल धक्कड़ के साथ मास्क बेची जा रही है. जो सेहत के लिए सही नहीं है, जागरूकता की कमी और मजबूरी में लोग इन जगहों पर मास्क खरीदने को मजबूर हैं. वहीं विश्वसनीय स्थानों पर मास्क ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता चंदन

सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं
बता दें कि विश्व भर में कोरोना के दस्तक के बाद इससे बचाव के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, सलाह पर लोग मास्क का भी सहारा ले रहे हैं. लेकिन लोगों को यह पता नहीं है कि जिस मास्क का वेउपयोग कर रहे हैं, वह उनके लिए कितना सुरक्षित है. सड़कों पर जैसे -तैसे धूल धक्कड़ में मास्क रखकर बेची जा रही है और लोग इसे खरीदने को लेकर मजबूर हैं. सड़क से लेकर ऑनलाइन मास्क का बाजार गर्म हो चुका है. बढ़ती कालाबाजारी ने भी बाजार को फलने- फूलने में लगातार मदद भी कर रही है. लोगों को विश्वसनीय जगह पर उचित मूल्य पर मास्क नहीं मिल रहा है. इस वजह से लोग मजबूरन सड़कों पर जैसे-तैसे बिक रहे मास्क खरीदने के लिए विवश भी दिख रहे हैं. जबकि जिस मास्क का हम उपयोग करते हैं. वह मास्क कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर के सबसे जरूरी अंग, नाक और मुंह को भी बचाता है. जागरूकता की कमी और जिला प्रशासन का इस ओर उदासीन रवैया एक अन्य परेशानी को आमंत्रित कर रहा है.

Mask, मास्क
रिम्स परिसर में मास्क बेचते लोग

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस के बीच महिलाओं ने एक दूसरे के माथे पर लगाया सिंदूर, प्रशासन ने अंधविश्वास से बचने का किया आग्रह

रिम्स परिसर के सड़कों पर बिक रहा मास्क
राजधानी में तो जगह-जगह मास्क की बिक्री हो रही है, इन जगहों में शामिल है सड़क, सड़क के किनारे नाली का स्लैब, रिम्स परिसर का चौक-चौराहा शामिल है. ऐसे में गोरखधंधा करने वाले लोगों के लिए रिम्स परिसर फिलहाल सबसे बेहतरीन बाजार बन गया है. क्योंकि लॉकडाउन के कारण लोग सड़कों पर नहीं निकल रहे हैं. जबकि रिम्स के अलावे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जरूर पहुंच रहे हैं. यह भी लोगों की एक बड़ी नासमझी और भूल है. रिम्स परिसर में लोगों की आवाजाही अभी भी है और इसका फायदा मास्क की कालाबाजारी करने वाले लोग उठा रहे हैं. जबकि रिम्स परिसर भी आम लोगों के लिए फिलहाल सुरक्षित नहीं है. जागरूकता की कमी के कारण लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
कोरोना से बचाव के चक्कर में हम मास्क का उपयोग तो कर रहे हैं, लेकिन किसी अन्य बीमारी को आमंत्रित भी कर रहे हैं. इसलिए ईटीवी भारत की गुजारिश है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें और अपने हाथ को हमेशा सैनिटाइज करते रहें. इसके अलावा स्वछता पर ध्यान दें और विश्वसनीय जगह से ही मास्क खरीदें और साफ-सुथरे तरीके से इसका उपयोग करें.

Last Updated : Mar 24, 2020, 6:26 PM IST
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