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रांची के पूजा पंडाल में महिलाओं और बच्चों ने सीखे आत्मरक्षा के गुर, लोगों को किया गया जागरूक - jharkhand news

रांची में कडरू पूजा समिति (Kadru Puja Committee IN Ranchi) के लोग बच्चों और लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए कराटे और मार्शल आर्ट जैसी कला सिखा (Martial Arts Training by Kadru Pooja Pandal) रहे हैं. मार्शल आर्ट और कराटे के प्रति बच्चों के अभिभावकों में जागरुकता लाने के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.

Martial Arts Training by Kadru Pooja Pandal
Martial Arts Training by Kadru Pooja Pandal
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Published : Oct 3, 2022, 11:34 AM IST

रांची: राजधानी के कडरू पूजा पंडाल में छोटे बच्चों और लड़कियों को छेड़खानी और छिनतई जैसी घटनाओं से बचाने के लिए कराटे और मार्शल- आर्ट जैसी कलाएं सिखाया जा रहा है (Martial Arts Training by Kadru Pooja Pandal in ranci). लोगों को कराटे के प्रति जागरूक करने के लिए कडरू पूजा समिति ने एक विशेष कराटे प्रदर्शनी का आयोजन किया.

कडरू पूजा समिति (Kadru Puja Committee IN Ranchi) के उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार बताते हैं कि रांची और झारखंड के कई बड़े और छोटे शहरों में लड़कियों के साथ छेड़खानी और छिनतई जैसी घटना आए दिन देखने को मिलती है. ऐसे में जरूरी है कि लड़कियां मार्शल आर्ट्स या फिर कराटे जैसी कलाओं से निपुण रहे ताकि वह अपनी सुरक्षा और बचाव खुद कर सके. इसलिए कडरू पूजा पंडाल समिति के लोगों ने यह प्रयास किया है कि इस तरह की प्रदर्शनी से अभिभावक अपने बच्चों को इस तरह की ट्रेनिंग जरूर करवाएं ताकि अकेले में भी उनके बच्चे सुरक्षित रह सके.

देखें वीडियो


आत्मरक्षा में मार्शल आर्ट्स और कराटे सहायक: बच्चों को मार्शल आर्टस और कराटे सिखा रहे विश्वजीत कर्मकार बताते हैं कि आज की तारीख में मार्शल आर्ट और कराटे जैसी कलाओं से बच्चों को जरूर वाकिफ कराना चाहिए. आज के समाज में लड़कियां पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे लोग समाज में बेखौफ घूम रहे हैं, जिनकी नजर महिला और बच्चों पर बुरी होती है. वैसे लोग महिलाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं. खासकर जब कोई सुनसान जगह या फिर महिला अकेली सफर कर रही हो. ऐसी विषम परिस्थिति में खुद को बचाने के लिये मार्शल आर्ट्स और कराटे जैसी कलाएं बहुत मददगार साबित हो सकती हैं. इसलिए वह और उनकी टीम इस समय इस तरह का आयोजन कर लोगों को मार्शल आर्ट्स और कराटे के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं.

बच्चों ने कराटे में दिखाएं करतब: कराटे सीख रहे छात्र-छात्रा बताते हैं कि इस तरह की ट्रेनिंग से शरीर और मन दोनों ही स्वस्थ रहते हैं. लेकिन इस तरह की ट्रेनिंग करने के लिए एक्सपर्ट का साथ होना बहुत जरूरी है. 10 साल से 15 साल के बच्चे अपने मासूम हाथों से ईंट को अपने एक वार से दो हिस्से में कर देते थे. तो वहीं कोई हवा में उड़ कर अपने पैरों से ईट को तोड़ने का करतब दिखाते नजर आए. इस करतब को देखने पंडाल में आए लोगों की सांसें तब रुक गईं जब एक 12 साल के बच्चे के ऊपर ट्रेनर ने एक वार में ही एक मोटे तगड़े लाठी को तोड़ दिया और बच्चा ज्यों का त्यों खड़ा रहा. ऐसे कई करतब पंडाल में आए बच्चों द्वारा दिखाए गए जिसका लोगों ने खूब आनंद उठाया.

रांची: राजधानी के कडरू पूजा पंडाल में छोटे बच्चों और लड़कियों को छेड़खानी और छिनतई जैसी घटनाओं से बचाने के लिए कराटे और मार्शल- आर्ट जैसी कलाएं सिखाया जा रहा है (Martial Arts Training by Kadru Pooja Pandal in ranci). लोगों को कराटे के प्रति जागरूक करने के लिए कडरू पूजा समिति ने एक विशेष कराटे प्रदर्शनी का आयोजन किया.

कडरू पूजा समिति (Kadru Puja Committee IN Ranchi) के उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार बताते हैं कि रांची और झारखंड के कई बड़े और छोटे शहरों में लड़कियों के साथ छेड़खानी और छिनतई जैसी घटना आए दिन देखने को मिलती है. ऐसे में जरूरी है कि लड़कियां मार्शल आर्ट्स या फिर कराटे जैसी कलाओं से निपुण रहे ताकि वह अपनी सुरक्षा और बचाव खुद कर सके. इसलिए कडरू पूजा पंडाल समिति के लोगों ने यह प्रयास किया है कि इस तरह की प्रदर्शनी से अभिभावक अपने बच्चों को इस तरह की ट्रेनिंग जरूर करवाएं ताकि अकेले में भी उनके बच्चे सुरक्षित रह सके.

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आत्मरक्षा में मार्शल आर्ट्स और कराटे सहायक: बच्चों को मार्शल आर्टस और कराटे सिखा रहे विश्वजीत कर्मकार बताते हैं कि आज की तारीख में मार्शल आर्ट और कराटे जैसी कलाओं से बच्चों को जरूर वाकिफ कराना चाहिए. आज के समाज में लड़कियां पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे लोग समाज में बेखौफ घूम रहे हैं, जिनकी नजर महिला और बच्चों पर बुरी होती है. वैसे लोग महिलाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं. खासकर जब कोई सुनसान जगह या फिर महिला अकेली सफर कर रही हो. ऐसी विषम परिस्थिति में खुद को बचाने के लिये मार्शल आर्ट्स और कराटे जैसी कलाएं बहुत मददगार साबित हो सकती हैं. इसलिए वह और उनकी टीम इस समय इस तरह का आयोजन कर लोगों को मार्शल आर्ट्स और कराटे के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं.

बच्चों ने कराटे में दिखाएं करतब: कराटे सीख रहे छात्र-छात्रा बताते हैं कि इस तरह की ट्रेनिंग से शरीर और मन दोनों ही स्वस्थ रहते हैं. लेकिन इस तरह की ट्रेनिंग करने के लिए एक्सपर्ट का साथ होना बहुत जरूरी है. 10 साल से 15 साल के बच्चे अपने मासूम हाथों से ईंट को अपने एक वार से दो हिस्से में कर देते थे. तो वहीं कोई हवा में उड़ कर अपने पैरों से ईट को तोड़ने का करतब दिखाते नजर आए. इस करतब को देखने पंडाल में आए लोगों की सांसें तब रुक गईं जब एक 12 साल के बच्चे के ऊपर ट्रेनर ने एक वार में ही एक मोटे तगड़े लाठी को तोड़ दिया और बच्चा ज्यों का त्यों खड़ा रहा. ऐसे कई करतब पंडाल में आए बच्चों द्वारा दिखाए गए जिसका लोगों ने खूब आनंद उठाया.

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