रांची: मणिपुर में हुई घटना को लेकर पूरा देश विरोध कर रहा है. वहीं झारखंड में विरोध के स्वर प्रतिदिन मुखर होते जा रहे हैं. इसी को लेकर रांची में मंगलवार को सीपीआईएम के एआईकेएस और सीटू के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में पुरुष महिला के साथ-साथ बच्चे और युवा भी शामिल हुए.
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प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि पिछले 3 महीने से मणिपुर में सामुदायिक हिंसा जारी है. मणिपुर की राज्य सरकार न केवल इसको रोकने में विफल रही है बल्कि कई जगह उनकी मिलीभगत दिखाई देती है. केंद्र सरकार द्वारा भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया है. एक तरफ प्रधानमंत्री विदेश के चक्कर लगा रहे हैं, दूसरी तरफ मणिपुर की परिस्थिति के ऊपर चुप्पी साध रखी है.
पिछले सप्ताह भीड़ द्वारा महिलाओं के साथ बर्बर हिंसा का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में चिंता और क्रोध की लहर है. इसी के मद्देनजर सीटू और अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने मणिपुर की जनता के पक्ष में राष्ट्रीय प्रतिरोध मार्च निकालकर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र में बैठी सरकार तक आवाज पहुंचाने का काम किया.
सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता प्रकाश बिपलब ने बताया कि जिस प्रकार पिछले 3 महीनों से मणिपुर की जनता संघर्ष कर रही है और वहां पर बैठी सरकार निश्चिंत है. ये साफ दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता पाने के बाद सिर्फ अपने व्यक्तिगत सुख को देखती है, जनता के सुख और दुख को भूल जाती है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह को बर्खास्त किया जाए और नए सिरे से पूरे घटना की जांच की जाए. प्रदर्शन में शामिल सीपीआईएम के नेताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मणिपुर की आग को शांत करने से ज्यादा आग भड़काने में जुट गई है.
प्रदर्शन में सीटू और किसान महासभा के कार्यकर्ताओं के अलावा अभिजीत मल्लिक, गुड़िया, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नवीन चौधरी, बीएसएसआर के एजाज खान एवं सुप्रियो चौधरी, किसान सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा, सीटू के रांची संयोजक प्रतीक मिश्रा, कोषाध्यक्ष अनिर्बान बोस, कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह, उपाध्यक्ष पूनम कुमारी मौजूद रहे.