रांची: आरआरडीए और रांची नगर निगम में लोगों के मकान का नक्शा अब तक पास नहीं हो पा रहा है. जबकि एक महीने पहले ही हाईकोर्ट ने निगम और आरआरडीए को नक्शा पास करने की अनुमति दे दी है. निगम और आरआरडीए में नक्शा पास कराने में हो रही धांधली को लेकर हाईकोर्ट ने वर्ष 2022 के दिसंबर माह में ही नक्शा पास कराने अनुमति पर रोक लगाई थी. इस वजह से पिछले कई महीनों से नक्शा पास की प्रक्रिया निगम और आरआरडीए में नहीं हो रही थी.
लोगों की परेशानी को देखते हुए हाईकोर्ट ने पिछले महीने एक बार फिर निगम और आरआरडीए को नक्शा पास करने की अनुमति दे दी है. हाईकोर्ट की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि निगम नक्शा बनाने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएं ताकि नक्शा पास कराने में अनियमितताएं ना हो सके, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के एक महीना बीत जाने के बावजूद भी नगर निगम से अब तक एक भी नक्शा पास नहीं हो पाया है.
निगम के पदाधिकारी बताते हैं कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगम ने ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से नक्शा पास कराने की सुविधा शुरू कर दी है, लेकिन तकनीकी समस्या की वजह से निगम के द्वारा नक्शा पास नहीं किया जा रहा है. निगम के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर विकास विभाग के द्वारा नियुक्त किए गए सॉफ्टेक एजेंसी की तरफ से इस पर काम किया जा रहा है. जल्द ही निगम अपने अपडेट सॉफ्टवेयर से लोगों का नक्शा पास कर सकेगा. निगम के पदाधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश अनुसार निगम नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को सरल करने में भी जुट गया है.
निगम के पदाधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश से पहले दो भागों में नक्शा पास होता था. जिसमें पहला जेई (JE) रिपोर्ट और दूसरा एलटीपी (LTP) रिपोर्ट शामिल हुआ करता था. उसके बाद ही सॉफ्टवेयर में नक्शा पास करने की प्रक्रिया आगे बढ़ती थी।लेकिन अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद विधि को सरल बनाने के लिए सिर्फ एलटीपी रिपोर्ट के आधार पर नक्शा पास कराने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. जिसको लेकर मौजूदा सॉफ्टवेयर को अपडेट करने का काम जारी है.
वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के बाद लोगों की उम्मीद जगी थी कि अब उनके घरों का नक्शा पास हो सकेगा, लेकिन आदेश के एक महीना बीत जाने के बावजूद भी नक्शा पास कराने आए लोगों को निगम कार्यालय से वापस जाना पड़ता है. निगम के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक महीने में अपडेट सॉफ्टवेयर के साथ नक्शा पास कराने की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी उसके बाद ही राजधानी वासियों के भवनों का नक्शा पास हो पाएगा.
बता दें कि नगर निगम में हाईकोर्ट के आदेश से पूर्व से ही 325 भवनों का नक्शा पेंडिंग पड़ा हुआ है. निगम कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हर साल करीब एक हजार नक्शा पास होता है, लेकिन राजधानी में अब तक 8 हजार से 10 हजार लोगों का ही नक्शा पास हो पाया है. वर्ष 2009 से नगर निगम अपने क्षेत्र में बने भवनों की नक्शा पास कराने का कार्य शुरू किया। वर्ष 2016 के बाद ऑनलाइन माध्यम से नक्शा पास होना शुरू हुआ.
निगम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक ऑनलाइन माध्यम से मात्र छह हजार भवनों का नक्शा पास हो पाया है. जबकि निगम क्षेत्र में लाखों ऐसे घर हैं जो नगर निगम के द्वारा नक्शा पास कराए बगैर ही बड़े-बड़े भवन बनाए हुए हैं तो वहीं कई भवन नक्शा पास नहीं होने की वजह से अधर में लटके हुए हैं. नक्शा पास नहीं कराने की वजह से लोग अपने खरीदी हुई जमीन पर निगम के नियमावली के अनुसार एक सीमित एरिया से ज्यादा पर मकान का निर्माण नहीं करा सकते हैं. वहीं, निगम को भी नक्शा पास नहीं होने की वजह से राजस्व का नुकसान होता है.