रांची: एनआईए की टीम ने टेरर फंडिंग से जुड़े आरोपी मनोज चौधरी को 4 दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया. जहां से मनोज चौधरी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. मनोज चौधरी को गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र में उद्योगपतियों और ठेकेदार से लेवी वसूलने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. मनोज चौधरी को 4 दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से मनोज चौधरी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. एनआईए की विशेष अदालत ने पूछताछ के लिए 8 जून से 11 जून तक की रिमांड लेकर पूछताछ करने की अनुमति प्रदान की थी. रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया गया.
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एनआईए की टीम ने पूछताछ के लिए 7 दिनों के लिए पूर्व में भी अदालत से अनुमति मांगी थी, जिसके बाद 8 जून को 4 दिनों की रिमांड अवधि दोबारा मिली. रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आज बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार मनोज चौधरी को भेज दिया गया. एनआईए ने 2 मई को पश्चिम बंगाल के हुगली से गिरफ्तार किया था. उस दिन अदालत में पेश किया. साथ ही पुलिस रिमांड पर अपने साथ एनआईए टीम ले गई थी, जिसके बाद से कई अहम सुराग एनआईए टीम को हासिल हुए. जिसके बाद बीते दिनों टेरर फंडिंग की आशंका को लेकर ठेका कंपनी राम कृपाल कंस्ट्रक्शन के दस्तावेज जब्त किए. उसी दस्तावेज के आधार पर एनआईए टीम ने मनोज चौधरी को रिमांड पर लिया था. राज्य में एनआईए की टीम टेरर फंडिंग से जुड़े कई मामले का अनुसंधान कर रही है. इसी क्रम में एनआईए की टीम ने गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार एक नक्सली से जब पूछताछ की तो पता चला कि रामकृपाल कंट्रक्शन ने भी सड़क निर्माण के दौरान नक्सलियों को लेवी दी. जिसकी जांच आगे भी जारी है.