रांची: मांडर के विधायक बंधु तिर्की ने राज्य के डीजीपी को शनिवार पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने तीन आदिवासी युवक के साथ सामूहिक मारपीट कर गंभीर रूप से घायल करने, मोबाइल, पैसा, सामान लूटने और जातिसूचक गाली देने के साथ खूंटी जिले के कर्रा पुलिस को गलत आरोप लगाकर सौंपने के प्रकरण में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.
बंधु तिर्की ने पत्र में लिखा है कि 12 अप्रैल को खूंटी जिले के कर्रा के नगड़ी बाजार से वापस अपने घर लौट रहे आदिवासी युवकों के साथ जमकर मारपीट की गई थी. उन्होंने लिखा है कि लोहगाढा जंगल में पहले से घात लगाए कुछ लोगों ने लाठी और तेजधार हथियार से युवकों पर हमला किया गया है और जातिसूचक गाली गलौज करने के बाद पैसा, सामान और मोबाइल लूट लिया है. वहीं ग्रामीणों को जब इसकी सूचना मिली और जब तक वह घटनास्थल पर पहुंचते, उससे पहले ही कर्रा थाना पुलिस को बुलाकर घायलों को सौंप दिया गया और उनपर आरोप लगाया गया कि आदिवासी युवक प्रतिबंधित मांस लेकर जा रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
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बंधु तिर्की ने लिखा है कि पुलिस ने जो जांच में बताया है, वह स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार सही नहीं है, इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर गलत आरोप लगाने वाले पुलिसकर्मियों और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
बंधु तिर्की ने सदर एसडीओ को भी पत्र लिखकर पंडरा स्थित कृषि बाजार में पहले की तरह व्यवस्था लागू करने की मांग की है. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि 8:30 बजे से 11:00 बजे तक बाजार से आए सामग्रियों का अनलोडिंग का काम पूरा कर लिया जाना चाहिए, क्योंकि अनलोडिंग का कार्य बाजार के कारोबार के समय होने से भीड़ की स्थिति बन जाती है और सोशलिस्ट डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होता है, जो कोरोना संक्रमण की रोकथाम में बाधा उत्पन्न कर सकता है.