रांचीः हेमंत सरकार ने साल 2023 में कई ऐसे फैसले लिए जो काफी सुर्खियों में रहीं. सुर्खियां ऐसी वैसी नहीं बल्कि इसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी. राजनीतिक मायनों से काफी महत्व रखने वाले इस फैसले के आने के बाद कई बार टकराव की स्थिति भी बनती दिखी. सत्ता पक्ष और विपक्ष कुछ मुद्दों पर उलझते दिखे.
इन फैसलों में ओबीसी आरक्षण संबंधी 2022 के बिल को राजभवन द्वारा लौटाए जाने के बाद सत्तापक्ष राजभवन पर निशाना साधती रही. हाल ही में संपन्न विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने एक बार फिर सदन से इस बिल को पास कराकर राजभवन को दोबारा भेजा है. ओबीसी आरक्षण के अलावा किन्नर को ओबीसी सूची में शामिल किए जाने के फैसले पर सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी. कई ओबीसी संगठन द्वारा इसका विरोध किया जाता रहा. थर्ड जेंडर समुदाय के कुछ संगठन ने भी इसके खिलाफ मुखर हुए. इस साल बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे के बाद झारखंड में भी इसकी मांग जोर पकड़ने लगी. आखिरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में जाति आधारित सर्वे कराने की घोषणा की गई.
![Major decisions taken in 4 years of Hemant soren government jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/24-12-2023/20344188_data-3.jpg)
झारखंड सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय जो बनी 2023 में सुर्खियांः 2022 में विधानसभा से पारित ओबीसी आरक्षण संबंधी बिल को राजभवन ने लौटाया, शीतकालीन सत्र 2023 में फिर से पारित कर सरकार ने राजभवन को भेजा. झारखंड में किन्नरों को ओबीसी सूची में लाने का हेमंत सरकार का फैसला. झारखंड सरकार के पांच पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, डॉ नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एसीबी में पीई दर्ज करने का फैसला हेमंत सरकार द्वारा लिया गया.
शहरी क्षेत्र में अपने निजी जमीन पर पेड़ लगाने पर प्रति वृक्ष पांच यूनिट बिजली फ्री देने का निर्णय. संविदा पर नियुक्त एवं कार्यरत महिलाकर्मियों को मातृत्व अवकाश देने की फैसला. झारखंड प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम 2023 की स्वीकृति, नकल करते पकड़े जाने पर 3 साल तक की सजा अधिकतम 10 करोड़ तक का जुर्माना का प्रावधान. अबुआ आवास योजना के जरिए चालू वित्तीय वर्ष में 2 लाख, 2024-25 में 03 लाख 50 हजार और 2025-26 में 02 लाख 50 हजार पक्का आवास देने का निर्णय लिया गया.
इसी प्रकार राज्य के प्रारंभिक विद्यालय के लिए सहायक आचार्य नियुक्ति-प्रोन्नति एवं सेवा शर्त नियमावली की स्वीकृति दी गयी. हेमंत सरकार ने झारखंड के गरीब और पिछड़े बच्चों की शिक्षा के लिए गुरु जी स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की. इसके अलावा मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत जरूरतमंद कैंसर रोगी को 25 लाख तक की चिकित्सा सुविधा देने का निर्णय लिया.
![Major decisions taken in 4 years of Hemant soren government jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/24-12-2023/20344188_data-2.jpg)
सरकार पर लगती रही राजनीतिक विद्वेष के तहत फैसला लेने का आरोपः हेमंत सरकार ने 25 जुलाई 2023 को कैबिनेट की बैठक में पांच पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, डॉ नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एसीबी में पीई दर्ज करने का फैसला लिया. इस फैसले के बाद सरकार पर विपक्ष द्वारा राजनीतिक विद्वेष के तहत फैसला लेने का आरोप लगाया जाता रहा. विपक्ष के आरोप पर सत्ता पक्ष भी सफाई देने में जुटी रही.
इन सबके बीच सरकार साल 2022 की तरह 2023 में भी सरकारी कर्मचारियों पर मेहरबान बनी रही. राज्य में संविदा पर कार्यरत महिला कर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह मातृत्व अवकाश की सुविधा देने का बड़ा फैसला लिया. सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने में कई वजहों से सुस्त रही. जेपीएससी की 11वीं सिविल सेवा के विज्ञापन का इंतजार छात्र सालों भर करते रहे. नियमावली में संशोधन को लेकर तैयार संचिका पर आखिरकार राज्यपाल की मुहर साल के अंत में लगी.
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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग पिछली सरकार में आयोजित हुए कई परीक्षाओं का रिजल्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निकालने में अधिकांश समय लगी रही. नयी विज्ञापन जो कुछ भी निकाले उसे अंतिम रुप देने में विलंब होता रहा जिस वजह से युवाओं की नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ी.
बहरहाल खट्टी मीठी यादों के साथ हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल के चौथे साल को पूरा करने में सफल जरूर हुई है. लोगों की उम्मीदें आज भी बनी हुई है कि पांचवें साल यानी नव वर्ष 2024 में कुछ ऐसे फैसले होंगे जो झारखंड के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
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