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Shaurya Murder Case: शौर्य का हत्यारा 72 घंटे के पुलिस रिमांड पर, अपहरण कर मार डाला था मासूम को - झारखंड न्यूज

रांची पुलिस ने शौर्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी संजीव पांडा को 72 घंटे की रिमांड पर लिया है. तीन मार्च को शौर्य की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी.

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Published : Mar 14, 2023, 8:42 AM IST

रांची: राजधानी रांची के चर्चित शौर्य अपहरण और हत्या मामले का आरोपी संजीव पांडा 72 घंटे की पुलिस रिमांड पर है. बरियातू पुलिस ने उससे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है.

ये भी पढ़ें- Saurya Murder Case: एमबीए पास हत्यारे को स्पीडी ट्रायल में सजा दिलाएगी पुलिस, सबूत है इतना कि बचना मुश्किल

कई बिंदुओं पर करनी है पूछताछ: बरियातू पुलिस ने कोर्ट से संजू के रिमांड के लिए अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया. पुलिस आरोपी संजू को रिमांड पर थाने ले लायी है.जहाँ उससे पूछताछ शुरू हो गई है. पूछताछ के दौरान यह जानकारी ली जा रही है कि शौर्य की हत्या करने में उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे हलाकि आरोपी बार बार यही कह रहा को उसने अकेले ही शौर्य का अपहरण किया.

हर साक्ष्य को किया जा रहा है मजबूत: गौरतलब है कि मासूम शौर्य के अपहरण और फिर हत्या की साजिश रचने के लिए संजीव पांडा उर्फ संजू ने गहरी साजिश रची थी. 20 फरवरी से ही आरोपी शौर्य के अपहरण की प्लानिंग में लगा हुआ था, जिसे उसने 3 मार्च को उस समय अंजाम दिया. जब शौर्य घर से चिप्स खरीदने के लिए निकला था. मासूम शौर्य के हत्यारे संजू पांडा ने अपहरण कांड को अंजाम देने के लिए कई तरह के सामान अलग अलग दुकानों से खरीदा था. कुछ दुकानों में लगे सीसीटीवी में उसकी तस्वीर भी कैद हुई है. रिमांड में संजू से उन सभी सीसीटीवी में उसकी मौजूदगी को भी प्रमाणित किया जा रहा है.

एमबीए की पढ़ाई कर चुका है संजू: मासूम शौर्य का हत्यारा संजू पांडा सिम्बोशिस से एमबीए की पढ़ाई कर चुका था. वह बेंगलुरु में नौकरी करता था, लेकिन कोविड में उसकी नौकरी चली गई. उसके बाद वह रांची में आकर रहने लगा था.

ये भी पढ़ें- Shaurya Murder Case: शौर्य के अपहरण और हत्या की इनसाइड स्टोरी, कर्ज में डूबे एक हैवान की साजिश का शिकार हुआ मासूम

पैसे के लिए किया अपहरण, लेकिन एक घंटे में ही मार डाला: संजू ने मासूम शौर्य का अपहरण सर्फ और सिर्फ पैसे के लिए किया था. इसकी प्लानिंग संजू ने 20 फरवरी से ही शुरू कर दी थी. फिरौती की रकम को मांगने के लिए सबसे पहले संजू ने 25 फरवरी को एक नया सिम कार्ड खरीदा जो एक फर्जी नाम पर था. इस दौरान कई बार शौर्य के घर में किरदार के रूप में रहने वाले अपने बहनोई के घर भी वह गया ताकि शौर्य के घर के बाहर आने जाने का समय जान सके. पूरी प्लानिंग करने के बाद 1 मार्च को सबसे पहले संजू ने बिना ड्राइवर की एक कार (सेल्फ ड्राइविंग) किराए पर ली.

कार झारखंड में रजिस्टर्ड था लेकिन संजू ने सबसे पहले पुलिस को चकमा देने के लिए कार में बिहार का नंबर लगा दिया. उसी कार से वह अगले दो दिनों तक शौर्य की रेकी करता रहा. आखिरकार उसे 3 मार्च की रात मौका मिला गया जब शौर्य चिप्स खरीदने के लिए घर से अकेला निकल गया. संजीव को मौका मिला और उसमें बातों में फुसलाकर शौर्य को अपने साथ कार में बिठा लिया.उस दौरान संजू पांडा ने शौर्य को बताया कि वह उसके पिता के दफ्तर जा रहा है.लेकिन जब वह ऑफिस के उलट दूसरे राश्ते से जाने लगा तो शौर्य ने शोर मचाना शुरू कर दिया, हड़बड़ी में और पकड़े जाने के डर से कार में ही संजू ने शौर्य का गला दबा दिया. जिससे मासूम की मौत हो गई.

रांची: राजधानी रांची के चर्चित शौर्य अपहरण और हत्या मामले का आरोपी संजीव पांडा 72 घंटे की पुलिस रिमांड पर है. बरियातू पुलिस ने उससे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है.

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कई बिंदुओं पर करनी है पूछताछ: बरियातू पुलिस ने कोर्ट से संजू के रिमांड के लिए अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया. पुलिस आरोपी संजू को रिमांड पर थाने ले लायी है.जहाँ उससे पूछताछ शुरू हो गई है. पूछताछ के दौरान यह जानकारी ली जा रही है कि शौर्य की हत्या करने में उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे हलाकि आरोपी बार बार यही कह रहा को उसने अकेले ही शौर्य का अपहरण किया.

हर साक्ष्य को किया जा रहा है मजबूत: गौरतलब है कि मासूम शौर्य के अपहरण और फिर हत्या की साजिश रचने के लिए संजीव पांडा उर्फ संजू ने गहरी साजिश रची थी. 20 फरवरी से ही आरोपी शौर्य के अपहरण की प्लानिंग में लगा हुआ था, जिसे उसने 3 मार्च को उस समय अंजाम दिया. जब शौर्य घर से चिप्स खरीदने के लिए निकला था. मासूम शौर्य के हत्यारे संजू पांडा ने अपहरण कांड को अंजाम देने के लिए कई तरह के सामान अलग अलग दुकानों से खरीदा था. कुछ दुकानों में लगे सीसीटीवी में उसकी तस्वीर भी कैद हुई है. रिमांड में संजू से उन सभी सीसीटीवी में उसकी मौजूदगी को भी प्रमाणित किया जा रहा है.

एमबीए की पढ़ाई कर चुका है संजू: मासूम शौर्य का हत्यारा संजू पांडा सिम्बोशिस से एमबीए की पढ़ाई कर चुका था. वह बेंगलुरु में नौकरी करता था, लेकिन कोविड में उसकी नौकरी चली गई. उसके बाद वह रांची में आकर रहने लगा था.

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पैसे के लिए किया अपहरण, लेकिन एक घंटे में ही मार डाला: संजू ने मासूम शौर्य का अपहरण सर्फ और सिर्फ पैसे के लिए किया था. इसकी प्लानिंग संजू ने 20 फरवरी से ही शुरू कर दी थी. फिरौती की रकम को मांगने के लिए सबसे पहले संजू ने 25 फरवरी को एक नया सिम कार्ड खरीदा जो एक फर्जी नाम पर था. इस दौरान कई बार शौर्य के घर में किरदार के रूप में रहने वाले अपने बहनोई के घर भी वह गया ताकि शौर्य के घर के बाहर आने जाने का समय जान सके. पूरी प्लानिंग करने के बाद 1 मार्च को सबसे पहले संजू ने बिना ड्राइवर की एक कार (सेल्फ ड्राइविंग) किराए पर ली.

कार झारखंड में रजिस्टर्ड था लेकिन संजू ने सबसे पहले पुलिस को चकमा देने के लिए कार में बिहार का नंबर लगा दिया. उसी कार से वह अगले दो दिनों तक शौर्य की रेकी करता रहा. आखिरकार उसे 3 मार्च की रात मौका मिला गया जब शौर्य चिप्स खरीदने के लिए घर से अकेला निकल गया. संजीव को मौका मिला और उसमें बातों में फुसलाकर शौर्य को अपने साथ कार में बिठा लिया.उस दौरान संजू पांडा ने शौर्य को बताया कि वह उसके पिता के दफ्तर जा रहा है.लेकिन जब वह ऑफिस के उलट दूसरे राश्ते से जाने लगा तो शौर्य ने शोर मचाना शुरू कर दिया, हड़बड़ी में और पकड़े जाने के डर से कार में ही संजू ने शौर्य का गला दबा दिया. जिससे मासूम की मौत हो गई.

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