रांची: राजधानी के कांके प्रखंड के सुतिया अंबे गांव में जनजाति विश्वविद्यालय स्थापित कराने की मांग तेज हो गई है. इसे लेकर महाराजा मद्रा मुंडा सेवा संस्थान का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला है. महाराजा मद्रा मुंडा सेवा संस्थान के लोगों के मुताबिक महाराजा मद्रा मुंडा छोटानागपुर के महान शासक थे. जिनके अस्तित्व को बचाने के लिए उनके नाम पर जनजाति विश्वविद्यालय स्थापित कराने की मांग की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा से से भी ये मांग की जा चुकी है. बावजूद इसके आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई.
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आदिवासी संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
महाराजा मद्रा मुंडा सेवा संस्थान न्यास ट्रस्ट के लोगों ने बताया कि जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना होने से झारखंड के आदिवासियों की संस्कृति के संबंध में गहन अध्ययन किया जा सकेगा और आदिवासियों के धार्मिक सांस्कृतिक राजनीतिक और आर्थिक स्थिति के संबंध में अध्ययन सुनिश्चित हो पाएगी. जिससे आदिवासियों का सर्वांगीण विकास समाज प्रशस्त हो पाएगा.