बक्सर: देश के पहले लोकसभा में निर्वाचित होने वाले एकमात्र जीवित सदस्य महाराज कमल बहादुर सिंह का रविवार अहले सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर निधन हो गया. वे दो बार बक्सर (पूर्व में शाहाबाद ) से निर्दलीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. महाराज कमल सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की घोषणा की. उनके निधन की खबर सुनकर पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई.
डुमरांव राज परिवार से रखते थे ताल्लुक
महाराज कमल बहादुर सिंह डुमरांव राज परिवार से ताल्लुक रखते थे. उन्होंने कई शैक्षणिक संस्था, अस्पताल और कई धार्मिक संस्थाएं खुलवाई, जिनके लिए आज पूरा प्रदेश उनको याद कर नमन कर रहा है.
भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान उनके घर बजाते थे शहनाई
बताया जाता है कि भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान डुमरांव राज परिवार के गढ़ स्थित बिहारी जी मंदिर में शहनाई बजाने का काम किया करते थे. महाराज कमल बहादुर सिंह ने 2 बार बक्सर से निर्दलीय चुनाव जीतकर जिले का प्रतिनिधित्व किया. लेकिन उन्होंने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया. भाजपा के टिकट पर उन्होंने चुनाव भी लड़ा, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. बताया जाता है कि वे ऐसे इकलौते संसद सदस्य थे, जिन्होंने राजतंत्र के राजा रहने के साथ ही लोकतंत्र का भी प्रतिनिधित्व किया.
डुमरांव के महाराजा और बक्सर के पहले सांसद महाराज कमल बहादुर सिंह के निधन की खबर के बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर है. केंद्रीय परिवार एवं कल्याण राज्यमंत्री सह बक्सर से बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने कमल सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की है. चौबे ने महाराजा के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी.
अश्विनी चौबे ने कहा कि कमल सिंह जी विराट व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे. उनका निधन मेरे लिए निजी क्षति है. उन्होंने प्रथम एवं द्वितीय लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया. बक्सर सहित संपूर्ण शाहाबाद और बिहार के विकास में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा. परमपिता परमेश्वर इस दुख की घड़ी में परिवार के सदस्यों को संबल प्रदान करें.
राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
देश की पहली लोकसभा में निर्वाचित होने वाले एकमात्र जीवित सदस्य महाराज कमल बहादुर सिंह का रविवार अहले सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर निधन हो गया. वे दो बार बक्सर (पूर्व में शाहाबाद ) से निर्दलीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
कमल सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की घोषणा की. उनके निधन की खबर सुनकर पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई.