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झारखंड के मधु मंसूरी हंसमुख को मिला पद्मश्री सम्मान, मंगलवार को छुटनी देवी को भी राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित

राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में सोमवार को आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 141 लोगों को साल 2020 और 2021 के लिए 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे. झारखंड मधु मंसूरी हंसमुख को 2020 के लिए पद्मश्री सम्मान से आज सम्मानित किया गया है जबकि छुटनी देवी को 9 नवंबर को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे.

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चार विभूतियों को पद्म सम्मान
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Published : Nov 8, 2021, 2:07 PM IST

Updated : Nov 8, 2021, 3:37 PM IST

रांची: झारखंड की चार विभूतियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे. जिसमें तीन हस्तियों को पद्मश्री और एक को 'तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार' से राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे.

ये भी पढ़ें- सुषमा, जेटली और पंडित छन्नूलाल मिश्र को मिला पद्म विभूषण, कंगना और अदनान को पद्म श्री

दो कलाकारों को आज मिला सम्मान

कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दो कलाकारों को सोमवार (8 नवंबर) राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आज आयोजित भव्य समारोह में पदम्श्री सम्मान से सम्मानित किया है. जिन दो कलाकारों को आज पद्मश्री सम्मान मिला है उनमें सरायकेला-खरसांवा निवासी छऊ गुरू शशधर आचार्य और रांची निवासी मधु मंसूरी हंसमुख शामिल हैं. इन दोनों के लिए बीते साल 2020 में ही पद्मश्री सम्मान से करने की घोषणा हुई थी.

देखें वीडियो

कल दो विभूतियों को मिलेगा सम्मान

इन दोनों अलावे सरायकेला खरसावां की छुटनी देवी को कल (9 नवंबर) को सम्मान मिलेगा जबकि प्रसिद्ध पर्वतारोहियों में शामिल लेफ्टिनेंट कर्नल जय प्रकाश को भी इसी महीने राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलेगा.

किसलिए मिला सम्मान

छऊ गुरू शशधर आचार्य को बिहार, बंगाल, झारखंड और ओडिशा समेत देश-विदेश में छऊ नृत्य को प्रसिद्धि दिलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए ये सम्मान मिला है. जबकि नागपुरी गीतों के राजकुमार कहे जाने वाले मधु मंसूरी हंसमुख अपने गीत और मधुर आवाज से देश-विदेश में झारखंड को पहचान दिला चुके हैं. जल-जंगल-जमीन बचाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक के लिए इन्हीं के लिखे गीत सर्वाधिक गाए जाते थे. गांव छोड़ब नाहिं और नागपुर कर कोरा इन्होंने ही गया है. उनके इसी योगदान के लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया है. वहीं छुटनी देवी को कभी डायन कह कर घर-गांव से निकाल दिया गया था.आठ माह के बच्चे के साथ पेड़ के नीचे रही छुटनी आज अपनी जैसी असंख्य महिलाओं की ताकत बन गई हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल जय प्रकाश को 2019 में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत शृंखला माउंट एवरेस्ट अभियान के तहत उसके 8848 मीटर फतह करने के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है.

रांची: झारखंड की चार विभूतियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे. जिसमें तीन हस्तियों को पद्मश्री और एक को 'तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार' से राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे.

ये भी पढ़ें- सुषमा, जेटली और पंडित छन्नूलाल मिश्र को मिला पद्म विभूषण, कंगना और अदनान को पद्म श्री

दो कलाकारों को आज मिला सम्मान

कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दो कलाकारों को सोमवार (8 नवंबर) राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आज आयोजित भव्य समारोह में पदम्श्री सम्मान से सम्मानित किया है. जिन दो कलाकारों को आज पद्मश्री सम्मान मिला है उनमें सरायकेला-खरसांवा निवासी छऊ गुरू शशधर आचार्य और रांची निवासी मधु मंसूरी हंसमुख शामिल हैं. इन दोनों के लिए बीते साल 2020 में ही पद्मश्री सम्मान से करने की घोषणा हुई थी.

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कल दो विभूतियों को मिलेगा सम्मान

इन दोनों अलावे सरायकेला खरसावां की छुटनी देवी को कल (9 नवंबर) को सम्मान मिलेगा जबकि प्रसिद्ध पर्वतारोहियों में शामिल लेफ्टिनेंट कर्नल जय प्रकाश को भी इसी महीने राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलेगा.

किसलिए मिला सम्मान

छऊ गुरू शशधर आचार्य को बिहार, बंगाल, झारखंड और ओडिशा समेत देश-विदेश में छऊ नृत्य को प्रसिद्धि दिलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए ये सम्मान मिला है. जबकि नागपुरी गीतों के राजकुमार कहे जाने वाले मधु मंसूरी हंसमुख अपने गीत और मधुर आवाज से देश-विदेश में झारखंड को पहचान दिला चुके हैं. जल-जंगल-जमीन बचाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक के लिए इन्हीं के लिखे गीत सर्वाधिक गाए जाते थे. गांव छोड़ब नाहिं और नागपुर कर कोरा इन्होंने ही गया है. उनके इसी योगदान के लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया है. वहीं छुटनी देवी को कभी डायन कह कर घर-गांव से निकाल दिया गया था.आठ माह के बच्चे के साथ पेड़ के नीचे रही छुटनी आज अपनी जैसी असंख्य महिलाओं की ताकत बन गई हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल जय प्रकाश को 2019 में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत शृंखला माउंट एवरेस्ट अभियान के तहत उसके 8848 मीटर फतह करने के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है.

Last Updated : Nov 8, 2021, 3:37 PM IST
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